हिंदी न्यूज़न्यूज़इंडिया2800 करोड़ का प्रोजेक्ट, 4 दिन पहले ही शुरू हुआ था काम... तेलंगाना टनल हादसे के बारे में जानें सबकुछ
Srisailam Left Bank Canal: तेलंगाना के नगरकुर्नूल जिले में शनिवार सुबह श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) सुरंग परियोजना का एक हिस्सा ढह गया, जिसमें 8 मजदूर फंस गए हैं.
By : एबीपी लाइव डेस्क | Edited By: Ashutosh Singh | Updated at : 23 Feb 2025 12:49 PM (IST)
तेलंगाना टनल हादसा में 8 मजदूर फंसे, बचाव कार्य जारी
Telangana Tunnel Collapse: तेलंगाना के नगरकुर्नूल जिले में श्रीशैलम सुरंग नहर परियोजना के ढह चुके हिस्से के अंदर फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए रविवार (22 फरवरी) को बचाव अभियान तेज कर दिया गया है. राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीमें निर्माणाधीन सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने में जुटी हुई हैं.
150 कर्मियों वाली चार टीमें शनिवार रात से ही बचाव अभियान में जुटी हुई हैं. राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीमें सुरंग में उस जगह पहुंच गई हैं, जहां शनिवार को खुदाई के दौरान सुरंग की छत ढह गई थी. श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) के हिस्से के रूप में खोदी जा रही सुरंग का एक हिस्सा डोमलपेंटा के पास ढह गया था.
सुरंग में फंसे 8 लोग
इस हादसे में दो श्रमिक घायल हो गए और 8 अन्य फंसे हुए हैं. पता चला है कि जब सुरंग में तीन मीटर की दूरी पर छत गिरी, उस समय कुल 50 व्यक्ति बाईं तरफ की सुरंग पर काम कर रहे थे. यह दुर्घटना 14वें किमी बिंदु पर हुई. हालांकि, हादसे के बाद 42 श्रमिक सुरंग से बाहर आ गए, जबकि 8 वहीं फंस गए. सुरंग में फंसे हुए लोगों में दो इंजीनियर और दो मशीन ऑपरेटर शामिल हैं.
इंजीनियर मनोज कुमार और श्रीनिवास सुरंग में फंसे हुए हैं. ये दोनों उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं. जबकि चार मजदूर संदीप साहू, जगता एक्सस, संतोष साहू और अनुज साहू झारखंड के रहने वाले हैं. इसके अलावा जम्मू-कश्मीर के सनी सिंह और पंजाब के गुरप्रीत सिंह भी टनल में फंसे हुए हैं.
4 दिन पहले ही शुरू हुआ था काम
श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) परियोजना को अलीमिनेती माधव रेड्डी परियोजना के नाम से भी जाना जाता है. इसमें पहली सुरंग की लंबाई 43.931 किमी है और दूसरी की लंबाई 7.130 KM है. इस परियोजना पर चार दिन पहले ही फिर से काम शुरू हुआ था. इस दौरान नगरकुर्नूल जिले के डोमलपेंटा से करीब 13 किमी दूर सुरंग की छत ढह गई थी. इसकी शुरुआत 2006 में संयुक्त आंध्र प्रदेश सरकार के तहत हुई थी. इसे पूरा करने की डेडलाइन दिसंबर, 2010 थी. इसका उद्देश्य श्रीशैलम परियोजना के बैकवाटर से नलगोंडा जिले को सिंचाई और पीने का पानी उपलब्ध कराना था. इस परियोजना के लिए 2813 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए थे.
पानी और कीचड़ की वजह से हो रही है दिक्कत
रेस्क्यू में जुटीं टीमों को सुरंग में भरे पानी की वजह से दिक्कत हो रही है. एनडीआरएफ के जवान पैदल ही आगे बढ़े और उस बिंदु के करीब पहुंचे, जहां सुरंग की छत धंस गई थी. इस हादसे में सुरंग खोदने वाली मशीन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई. सुरंग की छत और मिट्टी से निकले पानी ने मशीन को 80 मीटर तक पीछे धकेल दिया है. साथ ही मशीन के दोनों तरफ पानी और कीचड़ भी जमा हो गया है, जिससे बचाव अभियान में परेशानी आ रही है.
अधिकारियों के मुताबिक, बचाव कार्य को आगे बढ़ाने के लिए पानी को पंप करके बाहर निकालना होगा और कीचड़ को साफ करना होगा. एनडीआरएफ की तीन टीमें विजयवाड़ा से दुर्घटनास्थल पर पहुंची थीं, जबकि चार टीमें हैदराबाद से पहुंची हैं. इसके अलावा भारतीय सेना, सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड की टीमें और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) के जवान भी बचाव अभियान में जुटे हुए हैं.
PM मोदी ने भी ली जानकारी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी से फोन पर बात की और घटना के बारे में जानकारी ली. प्रधानमंत्री ने उन्हें बताया कि बचाव कार्यों के लिए एनडीआरएफ की टीम को तुरंत तैनात किया जाएगा और केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया गया है.
(इनपुट:दुष्यंत शेखर)
Published at : 23 Feb 2025 12:47 PM (IST)
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प्रशांत कुमार मिश्र, राजनीतिक विश्लेषक
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