SEBI in Action: बाजार नियामक सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने बीएसई (BSE) के पूर्ण मालिकाना हक वाली सब्सिडरी इंडियन क्लियरिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड (ICCL) पर 5.05 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। सेबी ने आज इससे जुड़ा आदेश जारी किया। इसके मुताबिक इंडियन क्लियरिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड ने कई नियमों का उल्लंघन किया। सेबी ने अपने आदेश में एक रिपोर्ट का भी हवाला दिया है, जानिए इसमें क्या है?
अपडेटेड
Feb 25, 2025
पर
9:37 PM
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बीएसई (BSE) की सब्सिडरी इंडियन क्लियरिंग कॉरपोरेशन के खिलाफ आदेश में सेबी के क्वासी जुडिशियल अथॉरिटी जी रमर (G Ramar) ने 'रिव्यू ऑफ ओनरशिप एंड गवर्नेंस ऑफ मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर इंस्टीट्यूशंस (MIIs)' पर बिमल जालान कमेटी की नवंबर 2010 की रिपोर्ट का हवाला दिया है।
SEBI in Action: बाजार नियामक सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने बीएसई के पूर्ण मालिकाना हक वाली सब्सिडरी इंडियन क्लियरिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड (ICCL) पर 5.05 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। सेबी ने आज इससे जुड़ा आदेश जारी किया। इसके मुताबिक इंडियन क्लियरिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड ने कई नियमों का उल्लंघन किया जैसे कि बिना गवर्निंग बोर्ड के कमेंट्स के सेबी के पास नेटवर्क ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करने के साथ-साथ सही और लेटेस्ट एसेट इंवेंटरी मेंटेन नहीं करने जिसमें मिशन क्रिटिकल सर्वर्स को सही से दिखाया नहीं गया।
SEBI के आदेश में एक रिपोर्ट का हवाला
आदेश में सेबी के क्वासी जुडिशियल अथॉरिटी जी रमर (G Ramar) ने 'रिव्यू ऑफ ओनरशिप एंड गवर्नेंस ऑफ मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर इंस्टीट्यूशंस (MIIs)' पर बिमल जालान कमेटी की नवंबर 2010 की रिपोर्ट का हवाला दिया है। कमेटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि स्टॉक एक्सचेंजेज, डिपॉजिटरीज और क्लियरिंग कॉरपोरेशंस देश के फाइनेंशियल डेवलपमेंट के लिए सिस्टमैटिक तौर पर काफी अहम हैं और ये सिक्योरिटीज मार्केट के लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर के तौर पर काम करते हैं। इन इंस्टीट्यूशंस को एक साथ मिसाकर मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर इंस्टीट्यूशंस (MIIs) कहते हैं और ऐसे में काफी अहम इकनॉमिक इंस्टीट्यूशंस हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि हालिया वित्तीय संकट ने आर्थिक स्थिरता को लेकर वित्तीय संस्थानों की महत्ता को दिखाया है। आम फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस के विपरीत किसी अर्थव्यवस्था में स्टॉक एक्सचेंजेज/डिपॉजिटरीज/क्लियरिंग कॉरपोरेशंस की संख्या सीमित होती है क्योंकि इनका काम ही ऐसा है लेकिन इसके बावजूद ये पूरे मार्केट को कवर करते हैं। ऐसे में अगर कोई एक एमआईआई फेल हो जाता है तो इसका झटका बड़ा होता है और इसकी आंच सिक्योरिटीज मार्केट या देश के बाहर तक फैल सकती है। ऐसे में रिपोर्ट में इन एमआईआई को सिस्टमैटिक रूप से काफी अहम बताया गया। इसके अलावा रिपोर्ट में है कि सिक्योरिटीज मार्केट में रिस्क मैनेजमेंट के लिए सबसे अहम क्लियरिंग कॉरपोरेशन का सही से काम करना है।
Moneycontrol Hindi News
First Published: Feb 25, 2025 9:33 PM
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