हिंदी न्यूज़फोटो गैलरीविश्वChina Space Warfare: स्पेस में चीन ने खड़ी कर ली सेना, 360 सेटेलाइट में लगा दिए हथियार, पाकिस्तान से तनाव के बीच क्या भारत को खतरा?
चीन ने LEO में अंतरिक्ष डॉगफाइट ड्रिल की तो भारत ने स्पाडेक्स और ASAT परीक्षण के जरिए जवाब दिया. जानिए कैसे बदल रही है आधुनिक युद्ध की परिभाषा और भारत की स्पेस ताकत.
By : एबीपी लाइव | Updated at : 12 Jun 2025 10:27 AM (IST)
चीन की डॉगफाइट ड्रिल और भारत की SPADEX व ASAT तकनीक इस ओर स्पष्ट संकेत देती है कि अगली सदी के युद्ध कंप्यूटर स्क्रीन, सैटेलाइट सिग्नल और ऑर्बिटल ट्रैजेक्टरीज़ पर लड़े जाएंगे.
आज की जंग अब केवल जमीन, हवा या समंदर पर नहीं लड़ी जा रही. अंतरिक्ष अब नया रणक्षेत्र बन गया है. जहां एक ओर चीन ने लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) में सैटेलाइट डॉगफाइट ड्रिल कर दुनिया को चौंका दिया, वहीं भारत ने SPADEX मिशन और मिशन शक्ति (ASAT) के माध्यम से अपनी आत्मनिर्भर सैन्य क्षमताओं का प्रमाण दे दिया है.
एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित के अनुसार, चीन ने हाल ही में लो अर्थ ऑर्बिट स्पेस डॉगफाइट ड्रिल कर यह दिखा दिया कि वह केवल निगरानी नहीं, बल्कि स्पेस में भी युद्ध करने के लिए तैयार है. इस दौरा चीन ने 360 से ज़्यादा ISR मिशनों यानी इंटेलिजेंस, सर्विलांस और रिकोनिसेंस के लिए तैनात किए हैं.
चीन के पास 2010 में जहां केवल 36 सैटेलाइट थे, वहीं 2024 में यह आंकड़ा 1000+ हो चुका है. इनमें से 360 ISR सैटेलाइट (Intelligence, Surveillance, Reconnaissance) हैं.
अप्रैल 2024 में चीन ने Autonomous Aerospace Force बनाई है, जो CMC (Central Military Commission) को रिपोर्ट करती है. उनका LEO लो अर्थ ऑर्बिट में “डॉगफाइटिंग” युद्धाभ्यास का उद्देश्य दुश्मन के सैटेलाइट को ट्रैक, जाम और निष्क्रिय करना था. इस तरह से चीन ने सैटेलाइट्स को वेपन सिस्टम से जोड़ दिया है. इससे चीन की मंशा साफ है कि वह भविष्य के युद्धों में अंतरिक्ष को भी एक सक्रिय लड़ाई का मैदान बनाना चाहता है.
जब बात स्वदेशी तकनीक और आत्मनिर्भरता की आती है तो भारत पीछे नहीं है. ISRO और DRDO की अगुवाई में भारत ने भी वो कर दिखाया है जो अब तक केवल विकसित देशों के पास था.
भारत ने SPADEX मिशन (Space Docking Experiment) के तहत दो सैटेलाइट्स के बीच ऑटोमैटिक डॉकिंग और अनडॉकिंग किया. इस दौरान स्पेस में 29,000 किमी/घंटा की रफ्तार से दो सैटेलाइट्स को करीब लाकर दिशा बदली गई यह तकनीक भविष्य में स्पेस स्टेशन, ऑन-ऑर्बिट रिपेयर और युद्धकालीन सैटेलाइट डॉकिंग के लिए आवश्यक होगी.
भारत ने 27 मार्च 2019 को 300 किमी की ऊंचाई पर अपने ही सैटेलाइट को मार गिराया था. यह Direct-ascent kinetic kill weapon था. इससे भारत ने अमेरिका, रूस और चीन के बाद चौथा ASAT सक्षम देश होने का गौरव प्राप्त किया था.अब भारत के पास क्षमता है कि वो दुश्मन के किसी भी सैटेलाइट को नष्ट कर सके.
Published at : 12 Jun 2025 10:25 AM (IST)
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