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Experts views : मिड और स्मॉलकैप शेयर करेंगे ज्यादा बेहतर प्रदर्शन, किसी करेक्शन में अच्छे शेयरों में करें निवेश

Market news: कल सप्ताह की शानदार शुरुआत के बाद बाजार ने आज राहत की सांस ली और कारोबारी सत्र का अंत एक फीसदी से अधिक की गिरावट के साथ हुआ

Market trend : सोमवार की जोरदार तेजी के बाद आज भारतीय शेयर बाजार भारी गिरावट के साथ बंद हुआ। सेंसेक्स लगभग 1,282 अंक (लगभग 1.5%) गिरकर 81,148 के करीब बंद हुआ, जबकि निफ्टी 50 इंडेक्स लगभग 346 अंक (1.39%) गिरकर 24,578 पर बंद हुआ। इंफोसिस जैसी दिग्गज कंपनियों में 3 फीसदी से अधिक की गिरावट आई, जिससे आईटी इंडेक्स 2.42 फीसदी से ज्यादा टूट गया। आज फाइनेंशियल और एफएमसीजी शेयरों में भी बड़ी गिरावट देखने को मिली। इस गिरावट की मुख्य वजह मुनाफावसूली और तेज उछाल के बाद निवेशकों के सतर्कता बरतने के कारण हुई। साथ ही मिलेजुले कॉर्पोरेट नतीजों और ग्लोबल संकेतों की वजह से भी बाजार पर दबाव दिखा।

सरकरी बैंकों और फार्मा जैसे डिफेंसिव सेक्टोरों में मजबूती दिखी। भारत इलेक्ट्रॉनिक्स और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स जैसे कुछ शेयरों में 3-7 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। ये भू-राजनीतिक तनाव के बीच डिफेंस शेयरों में बनी रुचि को दर्शाता है। आगे निवेशक महंगाई के आंकड़ों और तिमाही नतीजों पर रहेगी। बाजार में वोलैटिलिटी बनी रहने की उम्मीद है, लेकिन ओवरऑल तेजी का ट्रेंड बरकरार है।

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के नागराज शेट्टी का कहना है कि आज डेली चार्ट पर निगेटिव कैंडल फॉर्मेशन हुआ है जो पिछले सत्र की लॉन्ग बुलिश कैंडल के बगल में बनी हुई है। मंगलवार की कमजोरी ने सोमवार को हुई भारी बढ़त को थोड़ा कम कर दिया है। 12 मई का अपसाइड ब्रेकआउट अभी भी बरकरार है और निफ्टी वर्तमान में 24600-24500 के सपोर्ट स्तर पर स्थित है।

शॉर्ट टर्म के लिए तेजी का रुख बरकरार है और अगले कुछ सत्रों में निफ्टी में 24500-24400 के अहम सपोर्ट से उछाल आने की उम्मीद है। निफ्टी के लिए तत्काल रेजिस्टेंस 24800 के स्तर पर दिख रहा है।

कोटक सिक्योरिटीज के हेड-इक्विटी रिसर्च श्रीकांत चौहान का कहना है कि तकनीकी रूप से देखें तो धीमी शुरुआत के बाद बाजार को ऊपरी स्तरों पर लगातार बिकवाली के दबाव का सामना करना पड़ा। डेली चार्ट पर, निफ्टी ने बियरिश कैंडल बनाई है जो अस्थायी कमजोरी का संकेत है। हालांकि, बाजार की शॉर्ट टर्म पोजीशन अभी भी पॉजिटिव है। ट्रेडरों के लिए 24,500/81000 और 24,450/80800 पर अहम सपोर्ट दिख रहा है। अगर बाजार इन स्तरों से ऊपर कारोबार करने में सफल होता है, तो यह 24,800-24,900/81800-82000 के स्तर को फिर हासिल कर सकता है। दूसरी ओर, 24,450/80800 से नीचे जाने पर तेजी का रुझान कमजोर हो जाएगा। अगर बाजार इस स्तर से नीचे गिरता है तो ट्रेडर्स अपनी लॉन्ग पोजीशनों से बाहर निकलते दिख सकते हैं।

एलकेपी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक रूपक डे का कहना है कि ट्रेडरों का तरफ से आई शॉर्ट टर्म प्रॉफिट बुकिंग के चलते बाजार में गिरावट आई। हालांकि,हाल की तेज बढ़त के बाद हुई कुछ मुनाफावसूली के बावजूद, निकट भविष्य में ट्रेंड पॉजिटिव रहने की संभावना है। निफ्टी शॉर्ट टर्म मूविंग एवरेज से ऊपर ट्रेड करना जारी रखे हुए है, जो तेजी का ट्रेड कायम रहने का संकेत है। इसके अलावा निफ्टी पिछले कंसोलीडेशन जोन से ऊपर बना हुआ है। शॉर्ट टर्म में निफ्टी 25,350 तक पहुंचने की संभावना के साथ ऊपर की ओर बढ़ता दिख सकता है। नीचे की ओर इसके लिए 24,400 पर सपोर्ट है। जब तक निफ्टी इस स्तर से ऊपर बना रहता है, तब तक गिरावट पर खरीदारी की रणनीति बेहतर रहेगी।

रेलिगेयर ब्रोकिंग के एसवीपी, रिसर्च अजीत मिश्रा का कहना है कि कल सप्ताह की शानदार शुरुआत के बाद बाजार ने आज राहत की सांस ली और कारोबारी सत्र का अंत एक फीसदी से अधिक की गिरावट के साथ हुआ। बाजार में आज की गिरावट भू-राजनीतिक तनाव कम होने और मजबूत ग्लोबल संकेतों के बावजूद बाजार में बनी सतर्कता की भावना का संकेत है। अब निफ्टी के 24,400-24,600 के जोन मजबूत सपोर्ट है। उम्मीद की कुल मिलाकर बाजार का रुख पॉजिटिव रहेगा। हमारा फोकल अच्छे सेक्टरों और थीम्स की पहचान करने पर होना चाहिए। किसी करेक्शन में अच्छे शेयरों में खरीदारी का मौका खोजें।

जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के रिसर्च हेड विनोद नायर का कहना है कि कल की तेज तेजी के बाद आज घरेलू बाजार में मुनाफावसूली देखने को मिली। यह कंसोलीडेशन मुख्य रूप से लार्ज-कैप शेयरों को प्रभावित कर रहा है,जबकि मिड-कैप और स्मॉल-कैप शेयरों में तेजी जारी है। यह फर्क आगे भी जारी रहने की उम्मीद है।

उन्होंने आगे कहा कि वित्त वर्ष 2026 की अर्निंग ग्रोथ अच्छी रहने की उम्मीद है। सरकार की अनुकूल फिस्कल और मौद्रिक नीतियों, बाहरी मांग में उछाल, अच्छे मानसून की संभावना और महंगाई और ब्याज दरों में गिरावट की संभावना से बाजार को सपोर्ट मिल सकता। ये सभी फैक्टर इस बात का संकेत दे रहे हैं कि मिडकैप्स आने वाली तिमाहियों में बेहतर प्रदर्शन करते नजर आ सकते हैं।

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