हिंदी न्यूज़न्यूज़इंडियाIdeas of India 2025 Live: बीजेपी के सरकार में आने से आरएसएस में क्या बदला? संघ सह सरकार्यवाह ने दिया जवाब
Ideas of India Summit 2025: आइडियाज ऑफ इंडिया 2025 के मंच पर आरएसएस नेता अरुण कुमार ने बीजेपी और संघ के काम करने के तरीकों पर बात की. उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य सिंहासन पर चढ़ना नहीं है.
By : एबीपी लाइव | Edited By: Vikram Kumar | Updated at : 22 Feb 2025 04:26 PM (IST)
आइडियाज ऑफ इंडिया 2025 के मंच पर आरएसएस के सह सरकार्यवाह अरुण कुमार ने संघ का कार्यशैली पर बात की.
Source : ABP Live
Ideas of India Summit 2025: इस साल सितंबर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की स्थापना के 100 साल पूरे हो रहे हैं. इस बीच एबीपी न्यूज के खास कार्यक्रम आइडियाज ऑफ इंडिया 2025 में आरएसएस के सह सरकार्यवाह अरुण कुमार ने संघ का कार्यशैली और मोदी सरकार को लेकर टप्पणी की है. उन्होंने कहा, "संघ को संघ की आंखों से देखिए. लोगों के पास संघ को लेकर एक राय पहले बन जाती है, लेकिन उनके पास संघ बाद में पहुंचता है." इस दौरान उन्होंने बीजेपी और आरएसएस के काम करने के तरीकों पर भी अपनी राय रखी.
बीजेपी के सरकार में आने से RSS में क्या बदला?
बीजेपी के सरकार में आने से आरएसएस में क्या बदला? इस सवाल के जवाब में आरएसएस सह सरकार्यवाह अरुण कुमार ने कहा, "संघ का काम एक-एक व्यक्ति को जोड़ने का है. हम लोगों से संपर्क बनाते हैं और फिर बातचीत करते हैं. लोग संघ के परिश्रम के कारण हमसे जुड़ते हैं. अगर किसी को लगता है कि बीजेपी की सरकार आने से आरएसएस के काम में अंतर पड़ेगा तो ऐसा नहीं है. हमलोग प्रचार से दूर रहते हैं. हम नाम को आगे नहीं बढ़ाते हैं. जो सही बात होती है उसे हम राजनीति तक पहुंचाते भी हैं. हमारा लक्ष्य सिंहासन पर चढ़ना नहीं है"
नरेंद्र मोदी के पीएम बनने पर बोले अरुण कुमार
आरएसएस नेता अरुण कुमार ने कहा, "नरेंद्र मोदी का प्रधानमंत्री बनना ये जनसंघ और बीजेपी की 1951 से 2014 तक की साधना का परिणाम है. 63 साल की उनकी यात्रा है. उनकी पार्टी की साधना का ये परिणाम है. पीएम मोदी ने अपने कैबिनेट में जनता की ओर से चुने लोगों को लिया है किसी आरएएसएस के लोगों को नहीं लिया है. संघ के कार्यक्रम में जो लोग आते हैं वो इसलिए नहीं आते हैं कि पावरफुल लोगों से नजदीकियां बढ़ाना चाहते हैं, वो हमारे संघ के परिश्रम के कारण आते हैं."
आरएसएस नेता ने कहा, "भारत में माइनॉरिटी पर कोई खतरा नहीं है. बांग्लादेश और पाकिस्तान में जो हुआ उसके कारण कितनी मात्रा में विस्थापन हुआ. बांग्लादेश में 32 फीसदी हिंदू थे और अभी 8 फीसदी हैं. भारत के अंदर माइनॉरिटी 8 फीसदी थे और वो आज 14-15 फीसदी हो गए. जो बांग्लादेश-पाकिस्तान में हिंदू समाज के साथ हुआ वो भारत में माइनॉरिटी के साथ नहीं हुआ."
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Published at : 22 Feb 2025 04:24 PM (IST)
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आनंद कुमार
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