India vs Pakistan Stock Market: पहलगाम आतंकी हमले के बाद, पाकिस्तान का KSE 100 इंडेक्स अब तक करीब 13% गिर चुका है
India vs Pakistan Stock Market: पाकिस्तान के शेयर बाजार में पिछले 2 दिनों से भूचाल मचा हुआ है। भारत के ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान के निवेशकों को भी डरा दिया है। कराची स्टॉक मार्केट में आज 8 मई को इतनी तेज गिरावट आई कि वहां पर कुछ देर के लिए ट्रेडिंग ही रोकनी पड़ी। आज की इस खास रिपोर्ट में हम बात करेंगे भारत और पाकिस्तान के शेयर बाजार की। दोनों देशों के शेयर बाजार की टक्कर में कौन भारी है? भारत के मुकाबले पाकिस्तान का शेयर मार्केट कहां टिकता है? साथ ही जानेंगे कि भारत कैसे इस क्षेत्र में पाकिस्तान से कई सौ मील आगे निकल चुका है।
सबसे पहले आंकड़ों की बात करें तो, भारत के शेयर बाजार की गिनती आज दुनिया के टॉप 5 शेयर बाजारों में होती है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का बाजार पूंजीकरण यानी मार्केट कैप आज करीब 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गया है। वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान की तरफ देखें, तो ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के मुताबिक, कराची स्टॉक एक्सचेंज का मार्केट कैप इस समय सिर्फ 20.36 अरब डॉलर है। यानी भारत का शेयर बाजार पाकिस्तान के मुकाबले करीब 250 गुना ज्यादा बड़ा है।
भारतीय शेयर बाजार में जहां 5000 से ज्यादा कंपनियां लिस्टेड हैं, वहीं पाकिस्तान में ये संख्या महज 500 के आसपास है। इससे साफ है कि भारतीय बाज़ार में कंपनियों की विविधता और निवेश के मौके पाकिस्तान के मुकाबले काफी अधिक हैं।
भारत का शेयर बाजार केवल विदेशी निवेशकों पर ही निर्भर नहीं है। भारतीय बाजार को मजबूत बनाते हैं यहां के घरेलू निवेशक, रिटेल निवेशक और SIP जैसे निवेश के साधन, जिससे बाजार को किसी भी उतार-चढ़ाव के समय स्थिरता यानी सपोर्ट देते हैं। इससे बाजार में पैनिक सेलिंग बहुत कम देखने को मिलती है। वहीं पर पाकिस्तान का शेयर बाजार ज्यादा भावनात्मक और कम लिक्विडिटी वाला माना जाता है। ऐसे में किसी भी जियोपॉलिटिकल घटना का असर वहां तुरंत और तेजी से दिखता है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद से ही पाकिस्तान का शेयर बाजार बुरी तरह हिल हुआ है। कराची स्टॉक मार्केट में आज 8 मई को कुछ देर के लिए ट्रेडिंग रोकनी पड़ी। उसका KSE-30 इंडेक्स एक झटके में 7.2 फीसदी टूट गया। वहीं उसके सबसे प्रमुख इंडेक्स, KSE-100 में 9 फीसदी की भारी गिरावट आई। साल 2008 के बाद यह पहली बार है, जब कराची स्टॉक मार्केट में इतनी बड़ी गिरावट देखने को मिली।
इससे पहले 7 मई को भी पाकिस्तानी शेयर बाजार में हाहाकार की स्थिति रही। KSE-100 इंडेक्स 7 मई को कारोबार के दौरान 6500 अंक या करीब 6 फीसदी टूटकर बंद हुए। यह भी कराची स्टॉक मार्केट में साल 2021 की सबसे बड़ी गिरावट थी। यह गिरावट आई भारतीय सेना के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद, जिसके तहत सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में मौजूद 9 आंतकी ठिकानों को नेस्तानाबूत करके पहलगाम हमले का बदला लिया। भारत की इस कार्रवाई में 100 आंतकियों के मारे जाने की खबरें हैं।
अब बात करते हैं भारत के शेयर बाजार की। भारत के शेयर बाजार ने पिछले 2 दिनों में काफी स्थिरता दिखाई है। बीएसई सेंसेक्स आज 8 मई को जरूरत 400 अंक टूटकर बंद हुआ। लेकिन इस पहले 7 मई को इसमें 105 अंकों की तेजी देखने को मिली थी। निफ्टी भी 34 अंकों की बढ़त के साथ बंद हुआ था। आज के कारोबार के पहले हाफ दोनों इंडेक्स लगभग सपाट कारोबार कर रहे थे। यानी सीमा पर तनाव के बावजूद भारतीय शेयर बाजार अभी तक स्थिर और भरोसेमंद बना हुआ है।
22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद से पाकिस्तान का KSE 100 इंडेक्स अब तक करीब 13 फीसदी गिर चुका है। वहीं पर KSE-30 इंडेक्स में 14 फीसदी की गिरावट आई है। जबकि दूसरी ओर सेंसेक्स और निफ्टी इस दौरान लगभग एक फीसदी ऊपर हैं।
भारत और पाकिस्तान के शेयर बाजार के रिटर्न की बात करें तो, पिछले 2 साल पाकिस्तान के लिए अच्छे रहे हैं। लेकिन बाकी सालों में अधिकतर बार भारतीय शेयर बाजार ने ही अच्छा प्रदर्शन किया है। साल 2017 से 2022 तक हर साल, भारत के शेयर बाजार ने रिटर्न के मामले में पाकिस्तानी बाजार को पीछे छोड़ा है। इस साल भी सेंसेक्स अब तक करीब ढाई फीसदी ऊपर रहा है, जबकि KSE-100 इंडेक्स इस दौरान 6 फीसदी नीचे जा चुका है।
अगर विदेशी मुद्रा भंडार की बात करें, तो भी भारत मीलों आगे है। भारत के पास इस समय करीब 688 अरब डॉलर का फॉरेक्स रिजर्व है। वहीं पाकिस्तान के पास महज 15.25 अरब डॉलर।
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