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IPO की तैयारी में जुटी Lenskart बनी पब्लिक कंपनी, ला सकती है 1 अरब डॉलर का पब्लिक इश्यू

Lenskart को साल 2008 में पीयूष बंसल, अमित चौधरी, नेहा बंसल और सुमीत कपाही ने शुरू किया था।

IPO लाने की तैयारी कर रही आईवियर रिटेलर लेंसकार्ट (Lenskart) आधिकारिक तौर पर एक पब्लिक कंपनी बन गई है। कंपनी के बोर्ड ने 30 मई को एक असाधारण आम बैठक के दौरान अपना नाम लेंसकार्ट सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड से बदलकर लेंसकार्ट सॉल्यूशंस लिमिटेड करने के लिए एक विशेष प्रस्ताव पारित किया। यह कदम लेंसकार्ट के एक या एक से अधिक भारतीय स्टॉक एक्सचेंजों में लिस्ट होने के इरादे को दर्शाता है। हालांकि कंपनी ने अभी तक अपने IPO के साइज या यह कब आएगा इसे लेकर खुलासा नहीं किया है।

लेंसकार्ट को साल 2008 में पीयूष बंसल, अमित चौधरी, नेहा बंसल और सुमीत कपाही ने शुरू किया था। पीयूष बंसल, रिएलिटी शो शार्क टैंक इंडिया में जज के तौर पर देखे जा चुके हैं। लेंसकार्ट भारत के सबसे बड़े ओम्नी-चैनल आईवियर ब्रांड के रूप में विकसित हुई है। यह ऑनलाइन तो मौजूद है ही, साथ ही इसके 2,000 से अधिक फिजिकल स्टोर भी हैं।

1 अरब डॉलर के IPO पर है नजर

कुछ महीने पहले खबर आई थी कि लेंसकार्ट अपनी IPO प्रोसेस को आगे बढ़ाने के लिए कोटक महिंद्रा कैपिटल, एक्सिस कैपिटल, सिटी, मॉर्गन स्टेनली और एवेंडस कैपिटल सहित बैंकरों के एक संघ को नियुक्त करने के लिए बातचीत के एडवांस्ड स्टेज में है। मनीकंट्रोल को सूत्रों से पता चला है कि कंपनी 1 अरब डॉलर से अधिक का पब्लिक इश्यू लाने की सोच रही है।

कंपनी 2019 में यूनिकॉर्न क्लब में शामिल हुई थी, यानि इसकी वैल्यूएशन 1 अरब डॉलर से अधिक हो गई थी। कंपनी में सॉफ्टबैंक, टेमासेक, अबू धाबी इनवेस्टमेंट अथॉरिटी (ADIA), अल्फा वेव ग्लोबल, KKR, केदारा कैपिटल और TPG जैसे प्रमुख निवेशकों का पैसा लगा हुआ है। जून 2024 में लेंसकार्ट ने 5 अरब डॉलर की वैल्यूएशन पर टेमासेक और फिडेलिटी से 20 करोड़ डॉलर जुटाए।

वित्त वर्ष 2024 में गई घाटे में

दिसंबर 2024 में लेंसकार्ट ने लगभग 1,500 करोड़ रुपये के निवेश के साथ एक मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी शुरू करने के लिए तेलंगाना सरकार के साथ एक समझौता किया था। फैब सिटी में स्थापित होने वाले इस प्लांट से लगभग 2,100 नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है। वित्त वर्ष 2023-24 में इसकी वित्तीय स्थिति में गिरावट देखी गई। रेगुलेटरी फाइलिंग के अनुसार, कंपनी ने 5,427 करोड़ रुपये का ऑपरेटिंग रेवेन्यू और 10 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा दर्ज किया। इससे पहले यह मुनाफे में थी।

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