Leela Hotels IPO: लीला ब्रांड के तहत लग्जरी होटल और रिसॉर्ट चेन चलाने वाली श्लॉस बैंगलोर ने IPO के जरिए 3,500 करोड़ रुपये जुटाने का मन बनाया है। पब्लिक इश्यू 26 मई को खुलेगा और 28 मई को बंद होगा। 23 मई को कंपनी ने एंकर बुक के जरिए 1,575 करोड़ रुपये जुटाए। लीला ग्रुप की स्थापना कैप्टन सी. पी. कृष्णन नायर ने 1986 में की थी। उन्होंने अपनी पत्नी लीला के नाम पर इस समूह का नाम रखा था। अक्टूबर 2019 में फाइनेंशियल क्राइसिस की वजह से लीला ग्रुप ने अपने प्रमुख होटलों का मैनेजमेंट और संपत्ति कनाडा की कंपनी ब्रुकफील्ड एसेट मैनेजमेंट को करीब 3950 करोड़ रुपये में बेच दी।
फिलहाल लीला पैलेस होटल्स एंड रिसॉर्ट्स ब्रांड का संचालन ब्रुकफील्ड एसेट मैनेजमेंट के निवेश वाली श्लॉस बैंगलोर लिमिटेड करती है। IPO में 413-435 रुपये प्रति शेयर के प्राइस बैंड और 34 शेयरों के लॉट में पैसे लगाए जा सकेंगे। लीला होटल्स के IPO में 2,500 करोड़ रुपये के 5.75 करोड़ नए शेयर जारी होंगे। साथ ही प्रमोटर प्रोजेक्ट बैले बैंगलोर होल्डिंग्स (DIFC) की ओर से 1,000 करोड़ रुपये के 2.30 करोड़ शेयरों का ऑफर फॉर सेल रहेगा। श्लॉस बैंगलोर भारत में 3,553 होटलों के साथ 13 लग्जरी होटलों का संचालन करती है।
कब होगी लिस्टिंग
Leela Hotels के शेयर BSE, NSE पर 2 जून को लिस्ट होंगे। ग्रे मार्केट में कंपनी का शेयर IPO के अपर प्राइस बैंड 435 रुपये से 20 रुपये या 4.60 प्रतिशत के प्रीमियम पर ट्रेड कर रहा है। ग्रे मार्केट एक अनऑथराइज्ड मार्केट है, जहां किसी कंपनी के शेयर उसकी लिस्टिंग तक ट्रेड करते हैं। IPO में 75 प्रतिशत हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स के लिए, 10 प्रतिशत हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स के लिए और 15 प्रतिशत हिस्सा नॉन इंस्टीट्यूशनल बायर्स के लिए रिजर्व है।
लीला होटल्स के प्रमोटर्स में प्रोजेक्ट बैले बैंगलोर होल्डिंग्स (DIFC) प्राइवेट लिमिटेड, BSREP III जॉय (टू) होल्डिंग्स (DIFC) लिमिटेड, BSREP III ताडोबा होल्डिंग्स (DIFC) प्राइवेट लिमिटेड, प्रोजेक्ट बैले चेन्नई होल्डिंग्स (DIFC) प्राइवेट लिमिटेड, प्रोजेक्ट बैले गांधीनगर होल्डिंग्स (DIFC) प्राइवेट लिमिटेड, प्रोजेक्ट बैले HMA होल्डिंग्स (DIFC) प्राइवेट लिमिटेड और प्रोजेक्ट बैले उदयपुर होल्डिंग्स (DIFC) प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं।
IPO के पैसों का कैसे होगा इस्तेमाल
लीला होटल्स के IPO में नए शेयरों को जारी कर हासिल होने वाले पैसों का इस्तेमाल कंपनी और इसकी कुछ सब्सिडियरी जैसे कि श्लॉस चाणक्य, श्लॉस चेन्नई, श्लॉस उदयपुर और TPRPL के कर्ज को पूरी तरह से या कुछ हद तक चुकाने और सामान्य कॉरपोरेट उद्देश्यों के लिए किया जाएगा। श्लॉस बैंगलौर लिमिटेड का रेवेन्यू वित्त वर्ष 2024-25 में 15 प्रतिशत बढ़कर 1,406.56 करोड़ रुपये हो गया। एक साल पहले यह 1,226.50 करोड़ रुपये था। शुद्ध मुनाफा 47.66 करोड़ रुपये रहा। वित्त वर्ष 2025 के आखिर तक कंपनी पर 3,908.75 करोड़ रुपये की उधारी थी।
IPO के लिए जेएम फाइनेंशियल लिमिटेड, Bofa सिक्योरिटीज इंडिया लिमिटेड, मॉर्गन स्टेनली इंडिया कंपनी प्राइवेट लिमिटेड, जेपी मॉर्गन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, कोटक महिंद्रा कैपिटल कंपनी लिमिटेड, एक्सिस कैपिटल लिमिटेड, सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, आईआईएफएल सिक्योरिटीज लिमिटेड, मोतीलाल ओसवाल इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स लिमिटेड, SBI कैपिटल मार्केट्स लिमिटेड, बुक रनिंग लीड मैनेजर हैं। रजिस्ट्रार Kfin Technologies Limited है।
Disclaimer: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।
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