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Market insight : बड़े प्राइवेट बैंकों में आगे आएगी तेजी, डिफेंस शेयरों में अभी काफी दम बाकी -दीपक शेनॉय

Market outlook : दीपक शेनॉय ने कहा पर्सनल लोन के मामले में भी प्राइवेट बैंकों की रिकवरी थोड़ी जल्दी होगी। पहले की तुलना में प्राइवेट बैंकों के वैल्यूएशन भी बेहतर हो गए हैं

Share market : बाजार की आगे की चाल पर बात करते हुए कैपिटलमाइमड (CAPITALMIND) के फाउंडर और CEO दीपक शेनॉय ने कहा कि अंतत: हम ऑलटाइम हाई की ओर बढ़ रहे हैं। हालांकि यह नहीं कहा जा सकता है कि यह स्तर कब दिखेगा। इसमें कुछ दिन या महीने लग सकते हैं। बाजार में मिले जुले संकेत दिख रहे हैं। हालांकि बाजार में एक तरह की राहत दिख रही है। जैसे-जैसे नतीजे आ रहे हैं उनको देखने से लग रहा है कि ये अच्छे हैं। कुछ मिडकैप और स्मॉलकैप कंपनियों के नतीजे काफी अच्छे रहे हैं। इसका असर अब स्टॉक्स पर दिखने लगा है। फंड्स के लिए बाजार में घरेलू पैसा ज्यादा आ रहा है। घरेलू फंडों की तरफ से भी खरीदारी बढ़ गई है। लेकिन 1 किन या 1 हफ्ते के मूव से बाजार के बारे में ज्यादा कुछ कहा नहीं जा सकता। इतने बड़े जियोपोलिटिकल तनाव को बावजूद बाजार सिर्फ ऊपर ही गया है।

बड़े प्राइवेट बैंकों में पॉजिटिव संकेत मिल रहे हैं। इनका स्प्रेड कॉर्पोरेट और रिटेल दोनों में है। अगर कॉपोरेट लोन में रकवरी आएगी तो इससे बड़े बैंकों को फायदा होगा। इससे सिर्फ पीएसयू बैंकों को ही नहीं बड़े प्राइवेट बैंकों को भी फायदा होगा। इमके पास क्रेडिट ग्रोथ की गुंजाइश काफी ज्यादा है। इनके पास काफी फंड है। यानी इनको कर्ज देने को लिए कहीं से फंड जुटाने की जरूरत नहीं होगी। इनकी कैपिटल एडीक्ववेसी रेशियो काफी अच्छी हो गई है। इंडस्ट्री की ओर से कैपेक्स बढ़ने से प्राइवेट बैंकों को भी फायदा होगा। अगर बैंकों को फंड जुटाने के लिए QIP वगैरा करने की जरूरत होती तो उनके स्टॉक प्राइस पर असर पड़ता लेकिन इन बैंकों के पैसा पर्याप्त पैसा होने के कारण उनको फंड जुटाने की जरूरत नहीं है। पर्सनल लोन के मामले में भी प्राइवेट बैंकों की रिकवरी थोड़ी जल्दी होगी। पहले की तुलना में प्राइवेट बैंकों के वैल्यूएशन भी बेहतर हो गए हैं। निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में अच्छे बैंकों को जरूर शामिल करना चाहिए।

इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर बात करते हुए दीपक शेनॉय ने कहा कि ट्रंप ने वास्तव में ये कहा है कि एपल अमेरिका में बिकने वाले शेयर अमेरिका में बनाए और भारत में बिकने वाले शेयर भारत में बनाए। इसमें कुछ गलत नहीं है। हर कंपनी अपने हित के बारे में सोचती है। भारत को भी अपने इस्तेमाल में आने वाली चीजें अपने देश में ही बनाने पर सोचना चाहिए। यही भारत के हित में है।

डिफेंस शेयरों पर अपनी राय देते हुए दीपक शेनॉय ने कहा कि भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हथियार आयातक देश है। लेकिन अब देश में स्वदेशीकरण पर फोकस किया जा रहा है। इसके चलते डिफेंस कंपनियों का मार्केट कैप काफी बढ़ गया है। आगे इसमें और बढ़ोतरी होगी। सरकार के बजट में डिफेंस बजट की दूसरी सबसे बड़ी हिस्सेदारी है। ये सारा पैसा विदेशी कंपनियों को जा रहा था। लेकिन बढ़ते स्वदेशीकरण के चलते अब ये पैसे घरेलू कंपनियों में जाएंगे। ऐसे में अगले 3-4 साल में घरेलू डिफेंस कंपनियों की आय 4-5 गुना बढ़ जाएगी। ऑपरेशन सिंदूर के बाद कई डिफेंस कंपनियों का आउटलुक काफी अच्छा हो गया है।

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