Market trend : बाजार में जारी रिकवरी के बावजूद,सेंसेक्स और निफ्टी अपने 52-वीक आई से 7 फीसदी से ज्यादा नीचे हैं। जबकि, बीएसई मिड और स्मॉलकैप इंडेक्स अभी भी अपने-अपने हाई से 13.8 फीसदी और 15.8 फीसदी नीचे हैं
Stock market : बाजार में आज जोरदार तेजी देखने को मिली है। सेंसेक्स 855.30 अंक या 1.09 फीसद बढ़कर 79,408.50 पर और निफ्टी 273.90 अंक या 1.15 फीसदी बढ़कर 24,125.55 पर बंद हुआ है। आज करीब 2829 शेयरों में तेजी रही। 1093 शेयरों में गिरावट रही और 149 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ। सेंसेक्स - निफ्टी ने 21 अप्रैल को लगातार चौथे सत्र में अपनी बढ़त जारी रखी। बैंकिंग शेयरों ने आज की तेज उछाल में मजबूत योगदान दिया। मिड और स्मॉलकैप इंडेक्स में करीब 2 फीसदी की बढ़त हुई।
बीएसई में सूचीबद्ध सभी कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण तीन महीने में पहली बार 5 लाख करोड़ डॉलर के आंकड़े को पार कर गया है, जो ब्लूचिप्स और व्यापक बाजार हिस्सेदारी दोनों में निरंतर तेजी का परिणाम है। पिछली बार यह आंकड़ा 20 जनवरी को 5 लाख करोड़ डॉलर से पार गया था। वर्तमान में सिर्फ चार देशों अमेरिका, चीन, जापान और हांगकांग का मार्केट कैप 5 लाख करोड़ डॉलर से अधिक है। भारत का इक्विटी बाजार 7 अप्रैल को 4.5 लाख करोड़ डॉलर के मार्केट कैप पर फिसल गया था,लेकिन तब से इसमें 500 अरब डॉलर से अधिक की रिकवरी हुई है।
इस तेज उछाल के बाद मार्केट एक्पसर्ट्स निवेशकों को ग्लोबल बाजारों से आ रही खबरों को लेकर सतर्क रहने की सलाह दे रहे हैं। वेंचुरा के रिसर्च हेड विनीत बोलिंजकर का कहना है कि बाजार की वर्तमान तेजी मजबूत घरेलू फंडामेंटल्स, अनुकूल ग्लोबल फैक्टर्स और निवेशकों बाजार पर लौटते भरोसे का मिलाजुला नतीजा है। नए सिरे से आई तेजी ने बाजार को जनवरी की शुरुआत से पहले के हाई पर पहुंचा दिया है। इसके चलते बाजार में काफी अच्छी रिकवरी हुई है। हालांकि वर्तमान में तेजी की भावना मजबूत है, लेकिन निवेशकों को ग्लोबल आर्थिक अनिश्चितताओं के लेकर सतर्क बने रहना चाहिए। बाजार की आगे की दिशा का अंदाजा लगाने के लिए आगामी घटनाओं और कंपनियों के नतीजों पर नजरें रहनी चाहिए।
हाल ही में जारी एक नोट में आईआईएफएल सिक्योरिटीज ने कहा कि बाजार में मौजूदा स्तरों से 5-10 फीसदी और तेजी आने की गुंजाइश है। ब्रोकरेज ने इस बात पर जोर दिया कि बड़े डाउनग्रेड और डी-रेटिंग से गुजरने के बाद स्मॉलकैप तेजी से आकर्षक होते जा रहे हैं।
आईआईएफएल को उम्मीद है कि कमोडिटी की कीमतों में नरमी,करेंसी में गिरावट और अन्य उभरते बाजारों के मुकाबले वैल्यूएशन रि-रेटिंग के चलते भारतीय इक्विटी में तेजी बनी रहेगी। हालांकि,इसने यह चेतावनी भी दी है कि अर्थव्यवस्था स्क्लिकल मंदी में बनी हुई है। हाल के मैक्रो आंकड़ों से भी इस बात के संकेत मिलते हैं।
इस बीच,तकनीकी एनालिस्टों का मानना है कि हाल ही में आई निगेटिव खबरों की लहर को बाजार ने काफी हद तक पचा लिया है। अब निफ्टी 21,900-23,800 के रेंज में बेस बना रहा है। एक्सपर्ट्स का ये भी कहना है कि इस कंसोलीडेशन से अगली दो तिमाहियों में निफ्टी के 25,500 की ओर जाने का रास्ता साफ होगा। बाजार जानकारों की इस समय ग्लोबल इकोनॉमी पर निर्भर शेयरो की तुलना में घरेलू थीम पर आधारित शेयरों पर ज्यादा फोकस करने की सलाह है। उनका मनना है कि पीएसयू, मेटल, टेलीकॉम, फार्मा और फाइनेंशियल शेयर बाजार को लीड करेंगे। आईटी, कैपिटल गुड्स और इंफ्रा शेयरों का रिस्क-रिवॉर्ड सेटअप भी अच्छा लग रहा है।
बाजार में जारी रिकवरी के बावजूद,सेंसेक्स और निफ्टी अपने 52-वीक आई से 7 फीसदी से ज्यादा नीचे हैं। जबकि, बीएसई मिड और स्मॉलकैप इंडेक्स अभी भी अपने-अपने हाई से 13.8 फीसदी और 15.8 फीसदी नीचे हैं। बीएसई लिस्टेड सभी कंपनियों का कुल मार्केटकैप तीन महीने में पहली बार 5 लाख करोड़ डॉलर के आंकड़े को पार कर गया है। ये ब्लूचिप्स और ब्रॉडर मार्केट दोनों में निरंतर बनी तेजी का नतीजा है।
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