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Maruti Suzuki को रेयर अर्थ मैगनेट क्राइसिस से लगा बड़ा झटका, e Vitara के उत्पादन में हो सकती है देर

अनुमान है कि रेयर अर्थ मैगनेट्स की कमी का असर दूसरी ऑटो कंपनियों के प्लान पर भी पड़ेगा।

रेयर अर्थ मैगनेट की सप्लाई घटने का असर मारुति सुजुकी के प्रोडक्शन प्लान पर पड़ा है। कंपनी ने अपनी पहली इलेक्ट्रिक व्हीकल ई विटारा की सेल्स इस साल की दूसरी छमाही में शुरू कर देने का प्लान बनाया था। लेकिन, रेयर अर्थ मैगनेट की कम सप्लाई से इस प्लान पर असर पड़ता दिख रहा है। मारुति सितंबर खत्म होने से पहले इंडिया में ई-विटारा की सेल्स शुरू करेगी। कंपनि ने मार्च 2026 तक 67,000 ई विटारा का प्लान बनाया है। लेकिन, इस टारगेट के पूरा होने की उम्मीद कम है।

e Vitata का 100 से ज्यादा देशों में निर्यात का प्लान

e Vitara के साथ Maruti Suzuki का इलेक्ट्रिक व्हीकल्स मार्केट में एंट्री का प्लान है। पहले कंपनी ने FY26 की पहली छमाही में 26,000-27,000 ई विटारा के उत्पादन का प्लान बनाया था। कंपनी के चेयरमैन आरसी भार्गव ने चौथी तिमाही के नतीजों के ऐलान के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि कंपनी ज्यादातर e Vitara का एक्सपोर्ट करेगी। इसका उत्पादन कंपनी के गुजरात प्लांट में हो रहा है। मारुति इसका एक्सपोर्ट 100 से ज्यादा देशों में करेगी। इनमें जापान और यूरोप के कई देश शामिल हैं।

इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री को लग सकता है झटका

इंडस्ट्री के एक एग्जिक्यूटिव ने मनीकंट्रोल को बताया कि रेयर अर्थ मैगनेट की कम सप्लाई का असर कार बनाने वाली कई कंपनियों पर पड़ेगा। अगर सप्लाई में कमी लंबे समय तक बनी रहती है तो इलेक्ट्रिक कार के बाजार में दिख रही रौनक खत्म हो सकती है। इंडिया में इलेक्ट्रिक कारों का बाजार अभी शुरुआती अवस्था में है। अभी कारों की कुल बिक्री में ईवी की हिस्सेदारी 3 फीसदी से कम है। हालांकि, धीरे-धीरे इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री रफ्तार पकड़ रही है।

जनवरी से मई के बीच 69,373 इलेक्ट्रिक कार बिकीं

अभी ग्राहकों को लिए बाजार में इलेक्ट्रिक कार्स के काफी कम विकल्प हैं। उधर, चार्जिंग स्टेशनों का नेटवर्क भी ज्यादा नहीं है। इस वजह से लोग इलेक्ट्रिक कार खरीदने के पहले कई बार सोचते हैं। साल 2020 में इलेक्ट्रिक कार की बिक्री सिर्फ 4,775 यूनिट्स थी। साल 2021 में यह बढ़कर 14,670 यूनिट्स हो गई। साल 2022 में यह 47,640 हो गई। साल 2023 में यह संख्या 1 लाख के पार कर गई। 2025 में जनवरी से मई के बीच 69,373 इलेक्ट्रिक कार इंडिया में बिक चुकी हैं।

चीन की रेयर अर्थ मैगनेट के उत्पादन में 92 फीसदी हिस्सेदारी

अनुमान है कि रेयर अर्थ मैगनेट्स की कमी का असर दूसरी ऑटो कंपनियों के प्लान पर भी पड़ेगा। इसकी वजह यह है कि इनके बिना इलेक्ट्रिक कारों का उत्पादन मुमकिन नहीं है। प्राइमस पार्टनर्स के वाइस प्रेसिडेंट निखिल ढाका ने कहा कि शॉर्ट टर्म में इंडिया में ऑटो कंपनियों की सेल्स पर असर पड़ सकता है। इसकी वजह यह है कि इसके लिए हम पूरी तरह चीन पर निर्भर हैं। रेयर अर्थ मैगनेट्स के कुल उत्पादन में चीन की 92 फीसदी हिस्सेदारी है।

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