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MCX ने लॉन्च किया मंथली सिल्वर ऑप्शंस, जानिए इससे किसे होगा फायदा

एमसीएक्स ने एडिशनल मार्जिन भी घटाया है। पहले यह गोल्ड के लिए 2 फीसदी और सिल्वर के लिए 3 फीसदी था। पार्टिसिपेशन बढ़ाने के लिए इसमें कमी की गई है।

कमोडिटी एक्सचेंज एमसीएक्स ने चांदी में मंथली ऑप्शंस लॉन्च किया है। इसमें 5 किलोग्राम और 30 किलोग्राम के दो विकल्प हैं। एमसीएक्स के हेड (बुलियन) शिवांशु मेहता ने कहा कि इसका मकसद छोटे और मध्यम हेजर्स को ज्यादा लचीलापन ऑफर करना है। खासकर ज्वैलर्स को इससे काफी फायदा होगा। इससे कम प्रीमियम पर पर्याप्त हेजिंग की सुविधा मिलेगी। इसकी अवधि को भी फ्लेक्सिबल बनाने की कोशिश की गई है।

एमसीएक्स ने नवंबर में गोल्ड ऑप्शंस लॉन्च किया था

MCX ने गोल्ड के मंथली ऑप्शंस की सफलता के बाद चांदी के मंथली ऑप्शंस लॉन्च करने का फैसला लिया। गोल्ड मंथली ऑप्शंस पिछले साल नवंबर में लॉन्च किया गया था। तबक से इसका टर्नओवर काफी बढ़ा है। यह FY24 में 6,100 करोड़ से बढ़कर FY25 में 28,100 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। मेहता ने कहा कि यह अच्छी ग्रोथ है। MCX कमोडिटी ऑप्शंस में ग्लोबल लीडर के रूप में सामने आया है।

एमसीएक्स दुनिया का सबसे बड़ा कमोडिटी एक्सचेंज

उन्होंने बताया कि FII की स्टडी के मुताबिक, MCX ट्रेडेड लॉट के लिहाज से दुनिया का सबसे बड़ा कमोडिटी ऑप्शंस एक्सचेंज है। गोल्ड और सिल्वर के मामले में यह दुनिया में दूसरे नंबर पर है। बुलियन फ्यूचर्स और ऑप्शंस में पार्टिसिपेशन बढ़ रहा है। 2024 में एमसीएक्स के प्लेटफॉर्म के जरिए 600 टन सिल्वर की डिलीवरी हुई। इससे यह साबित हुआ है कि ये प्रोडक्ट्स हेजिंग ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म और रिटेल इनवेस्टर्स की कई तरह ती जरूरतें पूरी कर रहे हैं।

एडिशनल मार्जिन में भी कमी

एमसीएक्स ने एडिशनल मार्जिन भी घटाया है। पहले यह गोल्ड के लिए 2 फीसदी और सिल्वर के लिए 3 फीसदी था। पार्टिसिपेशन बढ़ाने के लिए इसमें कमी की गई है। रिटेल पार्टिसिपेशन में भी इजाफा देखने को मिला है। खासकर 1 ग्राम, 8 ग्राम और 10 ग्राम फॉरमैट में गोल्ड कॉइन SIP शुरू करने के बाद पार्टिसिपेशन बढ़ा है। इन्हें एमसीएक्स के COMRIS प्लेटफॉर्म के जरिए इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में एक्युमुलेट किया जा सकता है। फिर फिजिकल डिलीवरी में कनवर्ट किया जा सकता है।

इंडस्ट्रियल इस्तेमाल की वजह से चांदी में अच्छी दिलचस्पी

इंडस्ट्रियल इस्तेमाल की वजह से चांदी में इंपोर्टर्स, रिफाइनर्स और मैन्युफैक्चर्स की अच्छी दिलचस्पी देखने को मिल रही है। मेहता के मुताबिक, सिल्वर का 1 किलोग्राम के कॉन्ट्रैक्टर में 2020-21 से अब तक 600 टन से ज्यादा की डिलीवरी हो चुकी है। रिटेल और इंडस्ट्रियल प्रोडक्ट रूप में इसकी लोकप्रियता बढ़ी है।

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