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Nikita Papers IPO Listing: लिस्ट होते ही लोअर सर्किट, आईपीओ को भी मिला था फीका रिस्पांस, आपने लगाए थे पैसे?

Nikita Papers IPO Listing: निकिता पेपर्स का ₹67.54 करोड़ का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 27-29 मई तक खुला था। आज इसके शेयरों की लिस्टिंग हुई है।

Nikita Papers IPO Listing: कागज और कागज से जुड़े प्रोडक्ट्स बनाने वाली निकिता पेपर्स के शेयरों की आज घरेलू मार्केट में भारी डिस्काउंट पर एंट्री हुई। इसके आईपीओ को भी मिला-जुला रिस्पांस मिला था और क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) का हिस्सा तो पूरा भर भी नहीं पाया था। आईपीओ के तहत 104 रुपये के भाव पर शेयर जारी हुए हैं। आज NSE SME पर इसकी 90.00 रुपये पर एंट्री हुई यानी कि आईपीओ निवेशकों को कोई लिस्टिंग गेन नहीं मिला बल्कि उनकी पूंजी ही 13.46 फीसदी घट गई। डिस्काउंट लिस्टिंग के बाद और झटका तब लगा, जब शेयर टूटकर 85.50 रुपये (Nikita Papers Share Price) के लोअर सर्किट पर आ गए यानी कि आईपीओ निवेशक अब 17.79 फीसदी घाटे में हैं।

Nikita Papers IPO के पैसे कैसे होंगे खर्च

निकिता पेपर्स का ₹67.54 करोड़ का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 27-29 मई तक खुला था। यह आईपीओ ओवरऑल यह 1.43 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इसमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए आरक्षित हिस्सा 0.74 गुना, नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) का हिस्सा 2.11 गुना और खुदरा निवेशकों का हिस्सा 1.84 गुना भरा था। इस आईपीओ के तहत 10 रुपये की फेस वैल्यू वाले 64,94,400 नए शेयर जारी हुए हैं। इन शेयरों के जरिए जुटाए गए पैसों में से 50 करोड़ रुपये पावर प्लांट लगाने, 5 करोड़ रुपये वर्किंग कैपिटल की जरूरतों और बाकी पैसे आईपीओ से जुड़े खर्चों और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों पर खर्च होंगे।

Nikita Papers के बारे में

वर्ष 1989 में बनी निकिता पेपर्स कागज और कागज से जुड़े प्रोडक्ट्स तैयार करती है। इसका कारोबार देश-विदेश में फैला हुआ है। यह पैकेजिंग, टिश्यू पेपर या स्पेशल्टी पेपर प्रोडक्ट्स से जुड़ा काम भी करती है। कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो यह लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2022 में इसे 6.95 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था जो अगले वित्त वर्ष 2023 में उछलकर 8.65 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2024 में 16.60 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। हालांकि इस दौरान कंपनी के रेवेन्यू में उतार-चढ़ाव रहा। वित्त वर्ष 2022 में इसे 358.49 करोड़ रुपये, वित्त वर्ष 2023 में 401.31 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2024 में 346.78 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल हुआ। पिछले वित्त वर्ष 2024-25 की बात करें तो अप्रैल-दिसंबर 2024 में इसे 15.68 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा और 272.38 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल हो चुका है।

डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।

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