न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के कैलकुलेशन के मुताबिक ओपेक+ ने अप्रैल से हर दिन उत्पादन 1.38 लाख बैरल प्रतिदिन बढ़ाने का फैसला किया है जिससे तेल के दाम पर दबाव पड़ा। वर्ष 2022 के बाद से पहली बार ऐसा होगा। (File Photo- Pexels)
Oil Stocks: मार्केट में बिकवाली के दबावों के बीच तेल बेचने वाली कंपनियों के शेयर आज 4 मार्च को रॉकेट बन गए। इसकी वजह ये है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) के यूक्रेन को सैन्य मदद रोकने के साथ-साथ तेल उत्पादक देशों के संगठन OPEC+ के तेल उत्पादन बढ़ाने के फैसले से तेल के दाम फिसल गए। तेल के भाव में गिरावट के चलते हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPCL), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL) और इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (IOCL) के शेयर तेजी से 6 फीसदी तक ऊपर चढ़ गए। यह तेजी कमजोर मार्केट सेंटिमेंट में आई है। आज घरेलू इक्विटी बेंचमार्क इंडेक्स बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) और निफ्टी 50 (Nifty 50) रेड जोन में बंद हुए हैं।
किन वजहों से गिरे कच्चे तेल के दाम?
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के कैलकुलेशन के मुताबिक ओपेक+ ने अप्रैल से हर दिन उत्पादन 1.38 लाख बैरल प्रतिदिन बढ़ाने का फैसला किया है जिससे तेल के दाम पर दबाव पड़ा। वर्ष 2022 के बाद से पहली बार ऐसा होगा। इसके अलावा अमेरिका ने यूक्रेन को सैन्य मदद रोक दी है तो इससे मार्केट का मानना है कि रूस से जंग थमेगी जिससे रूस पर जो प्रतिबंध लगे हैं, वह हट सकता है और मार्केट में तेल की सप्लाई बढ़ेगी। हालांकि गोल्डमैन का मानना है कि प्रतिबंधों की तुलना में रूस से सप्लाई ओपेक+ के प्रोडक्शन टारगेट लक्ष्य के चलते अधिक दबी है। ओवरऑल तेल सप्लाई बढ़ने की संभावना पर ब्रेंट क्रूड फ्यूचर्स 1.35 फीसदी गिरकर प्रति बैरल $70.66 के भाव पर आ गया।
Indian, BPCL और HPCL के शेयरों में कितनी आई तेजी?
कच्चे तेल के भाव में नरमी पर हिंदुस्तान पेट्रोलियम के शेयर आज 5.88 फीसदी की बढ़त के साथ 315.35 रुपये, भारत पेट्रोलियम 3.16 फीसदी की मजबूती के साथ 250.05 रुपये और इंडियन ऑयल 2.97 फीसदी उछलकर 118.00 रुपये पर बंद हुआ है। इंट्रा-डे में हिंदुस्तान पेट्रोलियम 6.28 फीसदी उछलकर 316.55 रुपये, भारत पेट्रोलियम 3.53 फीसदी उछलकर 250.95 रुपये और इंडियन ऑयल 3.36 फीसदी उछलकर 118.45 रुपये पर पहुंचा था।
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