Why Bank Nifty Jumps: लगातार चार दिनों में करीब दो फीसदी टूटने के बाद आरबीआई के एक फैसले पर आज बैंक निफ्टी में शानदार रिकवरी दिखी।
Why Bank Nifty Jumps: लगातार चार दिनों में करीब दो फीसदी टूटने के बाद आरबीआई के एक फैसले पर आज बैंक निफ्टी में शानदार रिकवरी दिखी। आरबीआई ने नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनीज (NBFCs) को बैंक लोन का रिस्क वेटेज बढ़ाने के फैसले को वापस लिया तो बैंकिंग शेयर चहक उठे। एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank), एक्सिस बैंक (Axis Bank), इंडसइंड बैंक (IndusInd Bank) और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक (IDFC First Bank) जैसे हैवीवेट स्टॉक्स में तेजी के दम पर बैंक निफ्टी आधे फीसदी से अधिक उछल गया। यह तेजी इसलिए आई क्योंकि आरबीआई के फैसले से बैंकों के पास अधिक पूंजी लोन के लिए उपलब्ध हो जाएगी।
इसके चलते इक्विटास स्मॉल फाइनेंस बैंक (Equitas Small Finance Bank), एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक (AU Small Finance Bank), उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक (Ujjivan Small Finance Bank), जन स्मॉल फाइनेंस बैंक (Jana Small Finance Bank), उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक (Utkarsh Small Finance Bank) और सूर्योदय स्मॉल फाइनेंस बैंक (Suryoday Small Finance Bank) के भी शेयर रॉकेट बन गए।
RBI ने किस फैसले में किया बदलाव?
आरबीआई ने 6 नवंबर 2023 को एनबीएफसी (नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी) को बैंक लोन का रिस्क वेटेज 25 पर्सेंट प्वाइंट बढ़ाकर 125 फीसदी करने का फैसला किया। हालांकि अब इसे फिर से 100 फीसदी करने का फैसला किया गया है और नई पॉलिसी 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी। रिस्क वेट के कम होने का मतलब है कि AAA-, AA-, और A-रेटेड एनबीएफसी के लोन के लिए अलग से कम पूंजी रखनी होगी। इससे बैंकों की लेंडिंग कैपेसिटी बढ़ेगी। पिछले साल जब आरबीआई ने रिस्क वेटेज बढ़ाया था तो बैंकों की लोन ग्रोथ तेजी से गिरी थी। आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक एनबीएफसी को बैंक लोन सालाना आधार पर दिसंबर 2024 में गिरकर 15 फीसदी से 6.7 फीसदी पर आ गया। वहीं ओवरऑल बैंक क्रेडिट की ग्रोथ भी इस दौरान 20 फीसदी से सुस्त होकर 11.2 फीसदी पर आ गई।
एनालिस्ट्स का क्या कहना है?
नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के एनालिस्ट्स का मानना है कि आरबीआई के बदले रुझान का बैंकों की लोन ग्रोथ पर पॉजिटिव असर पड़ेगा और आने वाले महीनों में सिस्टम में लिक्विडिटी बढ़ेगी। हालांकि ब्रोकरेज फर्म का यह भी कहना है कि कुछ सेगमेंट बिगड़ती एसेट क्वालिटी को देखते हुए इसकी संभावना कम है कि बैंक मिडिल साइज के एनबीएफसी और माइक्रोफाइनेंस इंस्टीट्यूशंस को आक्रामक तरीके से कर्ज बांटें। ब्रोकरेज फर्म के मुताबिक जिन बैंकों ने जैसे कि बंधन बैंक, आरबीएल बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और इंडसइंड बैंक ने रिस्क वेट बढ़ाया था, उन्हें आरबीआई की बदली नियमों का फायदा मिलेगा। इन बैंकों के कैपिटल एडेकेसी रेश्यो (CAR) में सुधार दिखेगा और आरबीआई के लेटेस्ट फैसले का सबसे अधिक फायदा तो आरबीएल बैंक और बंधन बैंक को मिलेगा।
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