हिंदी न्यूज़न्यूज़इंडियाSalman Khurshid Statement:'क्या देशभक्त होना इतना मुश्किल हो गया है? शशि थरूर के बाद छलका सलमान खुर्शीद का दर्द, कर दिया इमोशन पोस्ट
कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने आतंकवाद के खिलाफ भारत का संदेश देने के अभियान के दौरान सोशल मीडिया पर भावुक पोस्ट लिखी. उन्होंने पूछा कि क्या देशभक्त होना इतना मुश्किल हो गया है?
By : एबीपी लाइव | Edited By: सौरभ कुमार | Updated at : 03 Jun 2025 10:55 PM (IST)
मलेशिया से क्या बोले सलमान खुर्शीद?
Source : PTI
Salman Khurshid Statement: वरिष्ठ कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने उस समय देश और राजनीति की आत्मा को झकझोर दिया जब उन्होंने क्वालालमपुर से सोशल मीडिया पर लिखा कि क्या देशभक्त होना इतना मुश्किल हो गया है? यह सवाल उन्होंने उस वक्त उठाया जब वे आतंकवाद के खिलाफ भारत का पक्ष रखने वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के हिस्से के रूप में विदेश में भारतीय नजरिए को स्पष्ट कर रहे थे.
खुर्शीद की यह टिप्पणी दर्शाती है कि जब कोई राजनेता राष्ट्रीय स्तर पर एकजुटता दिखाता है और सत्ताधारी दल के साथ खड़ा होता है, तो वह अपने ही दल की आलोचना का शिकार बन जाता है.
When on mission against terrorism, to carry India’s message to the world, it’s distressing that people at home are calculating political allegiances. Is it so difficult to be patriotic?
— Salman Khurshid (@salman7khurshid) June 2, 2025सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का मकसद
भारत सरकार ने हालिया पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर घेरने के लिए एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजा, जिसका उद्देश्य था भारत की सुरक्षा नीतियों को स्पष्ट करना. पाकिस्तान की आतंकवाद पोषक भूमिका को उजागर करना. अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भारत के दृष्टिकोण से अवगत कराना. इस प्रतिनिधिमंडल में बीजेपी, कांग्रेस समेत कई दलों के नेता शामिल थे. लेकिन जहां उद्देश्य राष्ट्रीय था, वहीं कांग्रेस के कुछ हलकों में इसे व्यक्तिगत निष्ठा से जोड़कर निंदात्मक टिप्पणी की जा रही है.
सलमान खुर्शीद बोले- मैं भारत के लिए बोलने आया हूं
सलमान खुर्शीद ने अपनी पोस्ट में लिखा कि मैं यहां भारत सरकार का विरोध करने नहीं, बल्कि भारत के लिए बोलने आया हूं. अगर मुझे विरोध करना होता तो मैं घर पर बैठता. उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनना पार्टी समर्थन नहीं, राष्ट्र समर्थन का प्रतीक है. उन्होंने कहा कि जब बीजेपी चाहती तो अकेले भी जा सकती थी, लेकिन उन्होंने सभी दलों को शामिल कर यह दिखाया कि भारत आतंकवाद पर एकमत है.
शशि थरूर से सलमान खुर्शीद तक
यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस के किसी नेता को इस तरह की आलोचना झेलनी पड़ी हो. शशि थरूर, जो अक्सर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की छवि को सकारात्मक रूप से प्रस्तुत करते हैं, उन्हें भी “मोदी समर्थक” कहकर निशाने पर लिया गया. यह राजनीतिक असहिष्णुता दर्शाता है, जहां पार्टी लाइन से बाहर जाकर राष्ट्रहित की बात करने पर संदेह किया जाता है.
Published at : 03 Jun 2025 10:55 PM (IST)
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