हिंदी न्यूज़बिजनेसSBI ने ग्राहकों को दी खुशखबरी, होम लोन पर कम कर दिया इंटरेस्ट; जानें अब कितना है लेटेस्ट रेट
SBI Home Loan Rate: RBI के रेपो रेट कम करने के बाद SBI ने EBLR और होम लोन की दरों में 50 बेसिस पॉइंट की कटौती की है और स्पेशल डिपॉजिट स्कीम की दरों में 25 आधार अंकों की कटौती की है.
By : एबीपी बिजनेस डेस्क | Edited By: अरिजिता सेन | Updated at : 14 Jun 2025 02:32 PM (IST)
भारतीय स्टेट बैंक
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SBI Home Loan Rate: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के रेपो रेट में 50 बेसिस पॉइंट की कटौती करने के बाद अब स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने होम लोन के लिए इंटरेस्ट रेट को 0.50 परसेंट कम किया है. SBI के लेंडिंग रेट्स में किया गया बदलाव कल यानी कि 15 जून, 2025 से प्रभावी होगी. इसी के साथ होम लोन पर अब ब्याज दर ग्राहक के क्रेडिट स्कोर के आधार पर 7.5-8.45 परसेंट के बीच होगी. इतना ही नहीं, बैंक ने स्पेशल डिपॉजिट स्कीम (444 दिन) पर भी इंटरेस्ट रेट को 25 बेसिस पॉइंट कम किया है.
EMI सस्ती होने से ग्राहकों को राहत
बता दें कि SBI होम लोन एक्सटर्नल बेंचमार्क लेंडिंग रेट (EBLR) से जुड़े होते हैं और EBLR रेपो रेट से जुड़ा होता है. ऐसे में रेपो रेट में बदलाव होने पर SBI की EBLR पर भी असर पड़ता है. रेपो रेट घटने पर EBLR कम हो जाती है और होम लोन पर ब्याज दरें भी सस्ती हो जाती हैं. वहीं, रेपो रेट बढ़ने पर EBLR बढ़ती है. इससे होम लोन पर इंटरेस्ट बढ़ जाती है, जिससे EMI पर खर्च भी बढ़ जाता है.
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की मौजूदा EBLR 8.15 परसेंट है. ऐसे में रेट ऑफ इंटरेस्ट ग्राहकों के CIBIL स्कोर, लोन टेन्योर जैसे कई फैक्टर्स पर निर्भर करती है. RBI ने 6 जून 2025 को रेपो रेट में 50 बेसिस पॉइंट की कटौती की और इसी के साथ यह 6.00 परसेंट से घटकर 5.50 परसेंट हो गई. CIBIL स्कोर 300-900 के बीच होता है. आपका CIBIL स्कोर जितना ज्यादा होगा, उतनी कम रेट पर लोन मिलने की संभावनाएं बनी रहेगी.
SBI के इस फैसले से होम लोन लेने वालों को फायदा होगा क्योंकि लोन पर इंटरेस्ट कम होगा, तो EMI भी कम होगी. इससे उनकी सेविंग्स बढ़ेगी. जिन ग्राहकों ने रेपो रेट लिंक्ड रेट (RLLR) से जुड़ा फ्लोटिंग रेट पर लोन लिया है उनकी भी EMI अब कम हो जाएगी. हालांकि, अब फिक्स्ड रेट पर लोन लिया है, तो इंटरेस्ट रेट कम होने का आपको फायदा नहीं मिलेगा.
MCLR में नहीं किया कोई बदलाव
SBI ने इस दौरान मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) में कोई बदलाव नहीं किए जाने की भी बात की है. ये वह न्यूनतम ब्याज दर है, जिससे नीचे बैंक अपने ग्राहकों को लोन नहीं दे सकता है इसलिए अगर आपका MCLR से जुड़ा है, तो दरें वहीं रहेंगी. एक साल का MCLR 9.00 परसेंट, छह महीने के लिए 8.90 परसेंट, तीन महीने के लिए 8.55 परसेंट और एक महीने के लिए 8.20 परसेंट है.
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Published at : 14 Jun 2025 02:32 PM (IST)
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