सेबी ने मर्चेंट बैंकर इनवेंचर मर्चेंट बैंकिंग सर्विसेज सहित कुछ एसएमई कंपनियों पर बड़ी कार्रवाई की है। सेबी को रूटीन इंसपेक्शन में इनवेंचर में बड़ी गड़बड़ी का पता चला। जांच के बाद एसएमई कंपनी वराया क्रिएशंस लिमिटेड (वीसीएल) के मार्केट एक्सेस पर रोक लगा दी गई है। वीसीएल के प्रमोटर्स के शेयरों को फ्रीज कर दिया गया है। सेबी ने इनवेंचर मर्चेंट बैंकिंग सर्विसेज को अगले आदेश तक मर्चेंट बैंकिंग का कोई नया एसाइनमेंट नहीं लेने को कहा है।
VCL ने 2024 में पेश किया था आईपीओ
SEBI ने जांच में पाया कि VCL ने अप्रैल 2024 में आईपीओ से 20.10 करोड़ रुपये जुटाए थे। कंपनी ने प्रॉस्पेक्टस में बताया था कि आईपीओ से जुटाए जाने वाले पैसे को वह कहां-कहां खर्च करेगी। उसने कहा था कि 10 करोड़ रुपये वह इनवेंटरी पर्चेंज पर खर्च करेगी। 5.5 करोड़ रुपये पूंजीगत खर्च और एक शोरूम ओपन करने के लिए इस्तेमाल करेगी। 4 करोड़ रुपये कंपनी की सामान्य जरूरतों को पूरा करने के लिए खर्च करेगी। 60 लाख रुपये का इस्तेमाल इश्यू से जुड़े खर्च के लिए होगा।
जांच में हैरान करने वाली बातें आईं सामने
सेबी को शुरुआती जांच में हैरान करने वाली बातें जानने को मिलीं। VCL ने आईपीओ से जुटाए गए 20.10 करोड़ रुपये में से 14 करोड़ रुपये तीन कंपनियों को ट्रांसफर किए थे। इनमे Kaveri Corporation, Maruti Corporation और Overseas Metal and Alloys शामिल हैं। इन कंपनियों को पैसे लिस्टिंग के तुरंत बाद ट्रांसफर किए गए। उसके तुरंत बाद यह पैसा इन कंपनियों के बैंक अकाउंट से निकाल लिया गया। चौंकाने वाली बात यह है कि पैसों का यह ट्रांसफर Inventure के कहने पर किया गया, जो आईपीओ का मर्चेंट बैंकर था।
आईपीओ का पैसा तीन कंपनियों को ट्रांसफर
सेबी के होल टाइम मेंबर अश्विनी भाटिया ने इस मामले में अंतरिम आदेश पारित किया है। इसमें कहा गया है कि कावेरी कॉर्पोरेशन के बैंक अकाउंट के विश्लेषण से पता चला कि 4 करोड़ रुपये उसके अकाउंट में 30 अप्रैल, 2024 को ट्रांसफर किए गए। यह पैसा VCL के इश्यू अकाउंट से ट्रांसफर किया गया था। उसी दिन यह पूरा पैसा निकाल गया। दरअसल अकाउंट में पैसा आने के सिर्फ 16 मिनट बाद निकाल लिया गया। जांच में यह भी पता चला कि कावेरी कॉर्पोरेशन को मारुति कॉर्पोरेशन की तरफ से 30 अप्रैल, 2024 को 5 करोड़ रुपये का ट्रांसफर किया गया। यह पैसा भी शेयरों की लिस्टिंग के दिन ही निकाल लिया गया।
अकाउंट में पैसा डालते ही निकाला गया
जांच के नतीजों से पता चला कि इश्यू से जुटाए गए 20.10 करोड़ रुपये में से 9 करोड़ रुपये बैंक अकाउंट से एक ही दिन में निकाले गए। SEBI को अब तक Maruti Corporation का बैंक स्टेटमेंट नहीं मिला है। दूसरी कंपनी Overseas Metal and Alloys को वीसीएल के इश्यू अकाउंट से 5 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए। अगले ही दिन यह 4.98 करोड़ रुपये Transpaacific को ट्रांसफर कर दिए। ये फंड कंपनी (वीसीएल) के अकाउंट में ट्रासंफर होने से पहले ही ट्रांसपैसिफिक को ट्रांसफर किए गए।
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6 मई को आया अंतरिम आदेश
सेबी के मुताबिक, Synoptics Technologies के इश्यू में भी transpacific का नाम शामिल पाया गया। Synoptics के इश्यू से आए पैसे भी ट्रांसपैसिफिक को ट्रांसफर किए गए थे। पहले Synoptics के इश्यू का मर्चेंट बैंकर First Overseas Capital Limited था। बाद में बीएसई के ऑब्जर्वेशन के बाद उसकी जगह इनवेंचर को मर्चेंट बैंकर नियुक्त किया गया। सेबी ने इस मामले में 6 मई को अंतरिम आदेश पारित किया।
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