हिंदी न्यूज़बिजनेसShaktikanta Das: क्यों शक्तिकांत दास बनाए गए पीएम मोदी के प्रमुख सचिव?
Shaktikanta Das: विदेशी निवेश का पलायन हो रहा है ऐसे में पीएमओ में प्रधानमंत्री के प्रिंसिपल सेक्रेटरी के तौर पर अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में उनकी बड़ी भूमिका रहने वाली है.
By : एबीपी बिजनेस डेस्क | Edited By: Manish Kumar | Updated at : 23 Feb 2025 08:04 AM (IST)
Shaktikanta Das News: भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर शक्तिकांत दास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रिंसिपल सेक्रेटरी बनाए गए हैं. 10 दिसंबर 2024 को ही उन्होंने गवर्नर के तौर पर 6 सालों के कार्यकाल को पूरा किया था और महज ढाई महीनों में ही शक्तिकांत दास की पीएम मोदी के प्रमुख सचिव के तौर पर नियुक्ति कर दी गई है. इस पद पर शक्तिकांत दास नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद पर बने रहने तक या फिर अगले आदेश तक बने रहेंगे.
प्रधानमंत्री मोदी ने 8 नवंबर 2016 को जब नोटबंदी का एलान किया था जब शक्तिकांत दास वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के सचिव थे. 1000 और 500 के पुराने नोट वापस ले लिए गए तब नोटबंदी के दौरान उन्होंने बेहद सफलतापूर्वक नगदी की उपलब्धता सुनिश्चित की. 1980 बैच के आईएएस शक्तिकांत दास ने वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के सचिव और राजस्व सचिव के अपने कार्यकाल दौरान 8 बजट तैयार करने में अपनी भूमिका निभाई.
साल 2018 में पूर्व आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल के इस्तीफे के बाद मोदी सरकार ने शक्तिकांत दास को 3 सालों के लिए आरबीआई गवर्नर के तौर पर नियुक्त किया था. उर्जित पटेल के कार्यकाल के दौरान आरबीआई और मोदी सरकार के बीच रिश्तों में बेहद खटास देखने को मिला था. कई मुद्दों पर आरबीआई और वित्त मंत्रालय के बीच आपसी विवाद देखा गया जिसमें सरकार को आरबीआई की ओर से दिया जाने वाले डिविडेंड शामिल है. उर्जित पटेल के अचानक दिए गए इस्तीफे के बाद शक्तिकांत दास सरकार और सेंट्रल बैंक के बीच की खाई को दूर करने के लिए कई कदम उठाये. फाइनेंशियल मार्केट का भरोसा जीता.
साल 2020 में कोरोना महामारी के दौरान उन्होंने मॉनिटरी पॉलिसी के जरिए अर्थव्यवस्था को बूस्टर डोज दिया, अलग अलग सेक्टर्स के लिए नगदी की उपलब्धता सुनिश्चित की. साथ ही रेपो रेट को घटाकर 4 फीसदी तक नीचे ले गए. उनके कार्यकाल को ग्लोबल लेवल पर सराहा गया जिसके चलते उन्हें लगातार दो वर्षों तक बेस्ट सेंट्रल बैंकर के अवॉर्ड से भी नवाजा गया. साल 2021 में उनके कार्यकाल को 3 साल के लिए और बढ़ा दिया गया.
साल 2022 में रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू होने के बाद महंगाई में तेज उछाल आने के बाद मई 2022 से उन्होंने ब्याज दरों में बढ़ोतरी शुरू की. और फरवरी 2023 में रेपो रेट को 6.50 फीसदी तक ले गए जिससे महंगाई पर काबू पाया जा सके.
शक्तिकांत दास के आरबीआई में कार्यकाल पूरा होने पर प्रधानमंत्री मोदी ने उनकी बेहद तारीफ की थी. लेकिन मौजूदा समय में जब ग्लोबल अनिश्चितता का माहौल है. अर्थव्यवस्था में स्लोडाउन देखा जा रहा है. शेयर बाजार से विदेशी निवेश का पलायन हो रहा है और निवेश हो नहीं रहा ऐसे में पीएमओ में प्रधानमंत्री के प्रिंसिपल सेक्रेटरी के तौर पर अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में उनकी बड़ी भूमिका रहने वाली है.
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Published at : 23 Feb 2025 07:52 AM (IST)
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आनंद कुमार
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