अगले हफ्ते बाजार की नजर RBI की मौद्रिक नीति समिति (MPC) के ब्याज दर फैसले पर रहेगी, जो 6 जून को आएगा।
Stock Market Outlook: भारतीय शेयर बाजार 30 मई को खत्म सप्ताह में लाल निशान में बंद हुआ। यह लगातार दूसरा हफ्ता था, जब बाजार में गिरावट दिखी। इस दौरान बाजार में उतार-चढ़ाव और सीमित दायरे में ट्रेडिंग देखने को मिली। ग्लोबल मार्केट में भी कमजोरी रही और कोई बड़ा पॉजिटिव ट्रिगर नहीं दिखा। इसके चलते निवेशकों का सेंटिमेंट कमजोर हुआ।
हालांकि, अगले सोमवार यानी 2 जून से शुरू हो रहे हफ्ते में बाजार के लिए कई पॉजिटिव ट्रिगर दिख रहे हैं। RBI लगातार तीसरी MPC में ब्याज दर में कटौती कर सकता है, महंगाई दर में नरमी आई है, बेहतर मानसून का अनुमान है और चौथी तिमाही (Q4FY25) का GDP डेटा उम्मीद से बेहतर रहा। साथ ही, रविवार को ऑटो कंपनियों मंथली सेल्स रिपोर्ट भी आई है।
एक्सपर्ट का मानना है कि बाजार रेंजबाउंड लेकिन पॉजिटिव टोन के साथ ट्रेड कर सकता है, जहां गिरावट पर खरीदारी (buy-on-dips) की रणनीति अपनाई जा सकती है।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के सिद्धार्थ खेमका के मुताबिक, "RBI की दर कटौती की उम्मीद के बीच ब्याज दरों पर निर्भर सेक्टर, खासकर PSU बैंक, फोकस में रहेंगे। इसके अलावा, ऑटो सेक्टर में कंपनियों की मासिक सेल्स और वॉल्यूम डेटा सेक्टर-स्पेसिफिक मूव्स ला सकता है।"
उनका कहना है कि कि जून में मार्केट का पॉजिटिव मोमेंटम बरकरार रह सकता है। क्योंकि Q4 GDP डेटा मजबूत आया है, RBI रेट कट की उम्मीद है और विदेशी निवेशक लगातार पैसा डाल रहे हैं।
आइए जानते हैं कि अगले हफ्ते कौन-से 10 बड़े फैक्टर शेयर बाजार की दशा और दिशा को तय करेंगे।
RBI का ब्याज दर पर फैसला
अगले हफ्ते बाजार की नजर RBI की मौद्रिक नीति समिति (MPC) के ब्याज दर फैसले पर रहेगी, जो 6 जून को आएगा। ज्यादातर अर्थशास्त्री उम्मीद कर रहे हैं कि इस साल RBI तीसरी बार ब्याज दरों में कटौती करते हुए रेपो रेट को 25 बेसिस पॉइंट घटाकर 5.75 फीसदी कर देगा, क्योंकि महंगाई दर अभी इसके 4% के लक्ष्य से नीचे बनी हुई है।
हालांकि, एक्सपर्ट का मानना है कि बाजार पहले ही इस कटौती को लेकर काफी हद तक रिएक्ट कर चुका है। इसलिए अब फोकस RBI के आगे के रेट कट ट्रैक और पूरे साल के लिए महंगाई और ग्रोथ अनुमान में किसी भी बदलाव पर रहेगा।
घरेलू आर्थिक आंकड़े
RBI की MPC के अलावा निवेशकों की नजर 2 जून और 4 जून को आने वाले मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज PMI के अंतिम आंकड़ों पर भी होगी। शुरुआती अनुमानों के मुताबिक मई में मैन्युफैक्चरिंग PMI बढ़कर 58.3 हो गया है, जो अप्रैल में 58.2 था, और सर्विसेज PMI 58.7 से उछलकर 61.2 पर पहुंच गया है।
इसके अलावा, हफ्ते के आखिर में 23 मई को खत्म पखवाड़े के बैंक लोन और डिपॉजिट ग्रोथ के आंकड़े और 30 मई को खत्म हफ्ते के विदेशी मुद्रा भंडार के आंकड़े 6 जून को जारी होंगे।
अमेरिकी नौकरियों से जुड़े आंकड़े
वैश्विक मोर्चे पर फोकस अमेरिका के नौकरियों से जुड़े आंकड़ों पर रहेगा- जैसे बेरोजगारी दर, नॉन-फार्म पेरोल्स, JOLTs जॉब ओपनिंग्स और क्विट्स डेटा। इसके अलावा, अमेरिकी बॉन्ड मार्केट और ट्रंप टैरिफ पॉलिसी से जुड़े घटनाक्रम भी अहम होंगे, क्योंकि ये संकेत देंगे कि फेडरल रिजर्व आगे दरों में कटौती करेगा या नहीं। मई के लिए अमेरिका की बेरोजगारी दर 4.2% रहने का अनुमान है, जो पिछले महीने के बराबर है।
पिछले हफ्ते अमेरिकी ट्रेड कोर्ट ने ट्रंप की वैश्विक टैरिफ नीति को अवैध ठहराया था। लेकिन, ट्रंप प्रशासन ने फौरन उस फैसले को चुनौती दी। व्हाइट हाउस के ट्रेड एडवाइजर पीटर नवारो ने कहा है कि अगर कोर्ट में हार भी हुई, तो ट्रंप प्रशासन अन्य तरीकों से टैरिफ लागू करने की कोशिश करेगा। इसी बीच, अमेरिका के 10-वर्षीय ट्रेजरी बॉन्ड यील्ड में 4 हफ्तों से चल रही बढ़त थम गई और ये 2.46% गिरकर 4.398% पर आ गई।
कोटक सिक्योरिटीज की कायनात चैनवाला ने मनीकंट्रोल को बताया, "स्टील, एल्यूमीनियम और ऑटो सेक्टर जैसे सेक्टरों पर लगाए गए टैरिफ तो बने रहेंगे, लेकिन बाकी टैरिफ का भविष्य कोर्ट अपील के फैसले पर टिका है। ट्रंप का चीन पर ट्रेड समझौते के उल्लंघन का आरोप बाजार में और ज्यादा अनिश्चितता पैदा कर रहा है।"
वैश्विक आर्थिक आंकड़े
दुनियाभर में निवेशकों की नजर मई महीने के मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज PMI के फाइनल आंकड़ों पर रहेगी, खासकर अमेरिका, चीन और जापान जैसे प्रमुख देशों के डेटा पर। इसके अलावा यूरोप से मई की महंगाई के शुरुआती आंकड़े, अप्रैल की रिटेल सेल्स और पहली तिमाही (Q1-2025) के GDP के तीसरे अनुमान भी बाजार की दिशा तय करने में अहम रहेंगे।
वहीं, यूरोपीय सेंट्रल बैंक (ECB) का ब्याज दर फैसला 5 जून को आने वाला है। ज्यादातर अर्थशास्त्रियों को उम्मीद है कि बैंक ब्याज दरों में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती कर उसे 2 प्रतिशत तक ला सकता है, क्योंकि महंगाई नियंत्रण में है, भले ही ट्रंप की व्यापार नीतियों ने वैश्विक अनिश्चितता बढ़ा दी हो।
कच्चे तेल की कीमतें
पिछले हफ्ते अंतरराष्ट्रीय बाजार में ग्लोबल बेंचमार्क- ब्रेंट क्रूड फ्यूचर्स 3.09% गिरकर 62.78 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। इससे भारत जैसे तेल आयातक देशों को राहत मिली। कच्चे तेल का दाम लगातार दूसरे हफ्ते गिरकर सभी प्रमुख मूविंग एवरेज से नीचे बना रहा। ये आगे और कमजोरी आने के संकेत हैं।
अप्रैल से ही कीमतें 70 डॉलर प्रति बैरल से नीचे बनी हुई हैं। अमेरिका में टैरिफ को लेकर व्हाइट हाउस और अदालत के बीच चल रहे कानूनी विवादों का भी इन कीमतों पर असर पड़ा है। निवेशक अब OPEC+ की बैठक का इंतजार कर रहे हैं, जहां लगातार तीसरी बार प्रोडक्शन बढ़ाने की अटकलें हैं।
कोटक सिक्योरिटीज की कायनात चैनवाला ने कहा, "OPEC+ ने जुलाई के लिए 4.11 लाख बैरल प्रतिदिन की बड़ी सप्लाई बढ़ोतरी को मंजूरी दी है। इससे अगले हफ्ते तेल की कीमतों में और गिरावट मुमकिन है।"
विदेशी निवेशकों का रुख
निवेशक घरेलू बाजार में फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (FIIs) के मूड पर नजर रखेंगे। FIIs ने लगातार दूसरे हफ्ते बिकवाली की है। हालांकि, इस बार सिर्फ ₹418 करोड़ के शेयर बेचे, जो पिछले हफ्ते के ₹11,591 करोड़ से काफी कम है। मई महीने में FIIs लगातार तीसरे महीने शुद्ध खरीदार रहे, उन्होंने कुल ₹11,773 करोड़ के शेयर खरीदे।
एक्सपर्ट का मानना है कि US डॉलर इंडेक्स के नरम रहने, अमेरिका और चीन की धीमी अर्थव्यवस्था, और भारत में मजबूत ग्रोथ व संभावित दर कटौती के चलते FIIs भारतीय शेयरों में दिलचस्पी बनाए रख सकते हैं।
इसके उलट घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने बीते हफ्ते ₹33,145 करोड़ की जबरदस्त खरीदारी की। इससे बाजार को मजबूत सहारा मिला। मई में उनकी कुल शुद्ध खरीदारी ₹67,642 करोड़ रही, जो जनवरी के बाद सबसे ऊंचा मासिक आंकड़ा है।
IPO बाजार का हाल
IPO बाजार में इस हफ्ते सुस्ती रहने की संभावना है। मुख्य बोर्ड पर कोई नया पब्लिक इश्यू नहीं खुलेगा। SME सेगमेंट में केवल एक नया इश्यू- गंगा बाथ फिटिंग्स 4 जून को खुलेगा। यह कंपनी ₹32.65 करोड़ जुटाने की योजना में है। इसके अलावा, 3B Films का ₹33.75 करोड़ का इश्यू 3 जून को बंद होगा।
अगर लिस्टिंग की बात करें, तो Aegis Vopak Terminals और Schloss Bangalore की 2 जून को बाजार में एंट्री होगी। वहीं, Prostarm Info Systems की लिस्टिंग 3 जून को और Scoda Tubes की लिस्टिंग 4 जून को होगी।
SME सेगमेंट में Blue Water Logistics, Nikita Papers, और Astonea Labs के शेयरों की ट्रेडिंग 3 जून से शुरू होगी। वहीं, N R Vandana Tex Industries और Neptune Petrochemicals की लिस्टिंग 4 जून और 3B Films की 6 जून को होगी।
टेक्निकल व्यू
टेक्निकल रूप से निफ्टी अब भी पॉजिटिव दिख रहा है, क्योंकि यह सभी प्रमुख मूविंग एवरेज (10, 20 और 50 सप्ताह के EMA) और बोलिंजर बैंड्स की मिडलाइन के ऊपर मजबूती से बना हुआ है। मूविंग एवरेज ऊपर की ओर झुके हुए हैं, जो एक मजबूत ट्रेंड को दिखाते हैं, भले ही निफ्टी बोलिंजर बैंड्स की ऊपरी लाइन के पास रेंजबाउंड ट्रेड कर रहा है। बोलिंजर बैंड्स अब भी एक्सपांशन मोड में हैं और 25,100 का स्विंग हाई एक मजबूत रेजिस्टेंस बन सकता है।
RSI (Relative Strength Index) 59.03 पर बना हुआ है, जिसमें हल्का डाउनवर्ड झुकाव है लेकिन यह अब भी पॉजिटिव क्रॉसओवर बनाए हुए है। वहीं MACD भी पॉजिटिव क्रॉसओवर के साथ जीरो लाइन से ऊपर बना हुआ है। अगर निफ्टी 25,100 के ऊपर जाता है तो अगला टारगेट 25,200–25,500 के बीच हो सकता है।
दूसरी ओर, नीचे की तरफ 24,650 एक इमीडिएट सपोर्ट है, जो पिछले हफ्ते का लो था। अगर यह टूटता है तो 24,500–24,400 का स्तर एक अहम सपोर्ट जोन होगा। इसके नीचे जाने पर मंदड़ियों (bears) को ज्यादा ताकत मिल सकती है।
F&O संकेत
साप्ताहिक ऑप्शन डेटा के मुताबिक, निफ्टी निकट भविष्य में 24,400 से 25,000 के दायरे में ट्रेड कर सकता है।
- कॉल साइड: सबसे ज्यादा ओपन इंटरेस्ट 25,500 स्ट्राइक पर है, उसके बाद 25,000 और 24,800 पर। सबसे ज्यादा कॉल राइटिंग भी 25,500, फिर 24,800 और 25,700 स्ट्राइक पर हुई है।
- पुट साइड: सबसे ज्यादा ओपन इंटरेस्ट 24,000 स्ट्राइक पर देखा गया है, उसके बाद 24,800 और 24,400 स्ट्राइक पर। सबसे ज्यादा पुट राइटिंग 24,400 पर हुई है, फिर 24,000 और 23,900 पर।
शेयर बाजार में डर को मापने वाला इंडेक्स India VIX पिछले हफ्ते 6.95% गिरकर 16.08 पर आ गया, जिससे बुल्स को राहत मिली। अगर VIX 15 से नीचे टिकता है, तो बाजार में तेजी की स्थिति और मजबूत हो सकती है।
कॉरपोरेट एक्शन
आने वाले हफ्ते में कुछ प्रमुख कॉरपोरेट एक्शन (डिविडेंड, बोनस, स्टॉक स्प्लिट आदि) होने वाले हैं। (देखें चार्ट)
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