शेयर बाजार की नजर 26 मई को अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल की स्पीच पर रहेगी।
Stock Market Outlook: शेयर बाजार में 23 मई को खत्म हुए सप्ताह में काफी ज्यादा उतार-चढ़ाव देखने को मिला। आखिर में निफ्टी 50 करीब 0.7% नीचे बंद हुआ। यह गिरावट पिछले हफ्ते के 4% से ज्यादा की तेजी के बाद आई है। बाजार में कमजोरी के पीछे अमेरिका और जापान की बॉन्ड यील्ड्स का बढ़ना, अमेरिकी वित्तीय घाटे को लेकर चिंताएं, और विदेशी निवेशकों (FII) का पैसा निकालना रहा।
साथ ही, ट्रंप की यूरोपीय यूनियन और टेक कंपनियों पर नई टैरिफ की धमकी, और चीन के साथ जारी ट्रेड वॉर की अनिश्चितता ने भी निवेशकों की धारणा पर असर डाला। हालांकि, सामान्य मानसून की उम्मीद, तेल की कीमतों में गिरावट, घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) का पैसा बाजार में आना, और भारतीय रिजर्व बैंक से ब्याज दर कटौती की संभावना ने नुकसान को सीमित किया।
अगर आने वाले हफ्ते की बात करें, तो बाजार के रेंज में रहकर हल्की बढ़त के साथ खुलने की उम्मीद है। ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल के रिसर्च हेड सिद्धार्थ खेमका के अनुसार, "मौजूदा आर्थिक और कॉरपोरेट डेटा से बाजार में स्थिरता बनी रहेगी और निवेशकों की भागीदारी बढ़ेगी।"
आइए जानते हैं कि इस हफ्ते कौन-से 10 बड़े फैक्टर रहेंगे, जो शेयर बाजार की दिशा और दशा को तय करेंगे।
तिमाही नतीजे और ऑटो सेल्स
अगले हफ्ते मार्च तिमाही के नतीजों का आखिरी चरण रहेगा। इसमें Bajaj Auto, Apollo Hospitals Enterprise, Aurobindo Pharma और Life Insurance Corporation of India जैसी बड़ी कंपनियां रिजल्ट जारी करेंगी।
साथ ही, FSN E-Commerce Ventures (Nykaa), Brainbees Solutions (FirstCry), KEC International, Nazara Technologies, NMDC, Bata India, IRCTC, Natco Pharma, Amara Raja Energy & Mobility, Samvardhana Motherson, Suzlon Energy और AstraZeneca Pharma के नतीजे भी घोषित होंगे।
इसके अलावा, हफ्ते के आखिरी हिस्से में ऑटो स्टॉक्स पर नजर रहेगी क्योंकि गाड़ी बनाने वाली कंपनियां 1 जून से मई महीने की मासिक बिक्री रिपोर्ट जारी करेंगी।
टैरिफ से जुड़ी चिंताएं
वैश्विक स्तर पर ट्रेड वॉर से जुड़ी घटनाओं पर नजर रहेगी। बीते शुक्रवार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूरोपीय यूनियन को चेतावनी दी कि 1 जून से सभी EU उत्पादों पर 50% आयात शुल्क लगाया जाएगा। उन्होंने Apple पर 25% तक और Samsung सहित अन्य टेक कंपनियों पर भी जून के अंत तक शुल्क लगाने की बात कही है, अगर उनके डिवाइस अमेरिका में बने नहीं होंगे।
अमेरिकी सरकार ने देश की कंपनियों से चीन में बने AI चिप्स का इस्तेमाल रोकने को कहा है। खासकर, Huawei Technologies के बने चिप। इससे अमेरिका और चीन के बीच दोबारा तनाव बढ़ा है। हालांकि, बाद में अमेरिका और चीन ने यह संकेत दिया कि ट्रेड वार्ता जारी रहेंगी। अमेरिकी ट्रेजरी सेक्रेटरी Scott Bessent ने आने वाले हफ्तों में कई बड़े सौदों की उम्मीद जताई।
फेड चेयर पॉवेल की स्पीच
शेयर बाजार की नजर 26 मई को अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल की स्पीच और 28 मई को आने वाली पिछली FOMC बैठक की मिनट्स पर होगी। पिछले भाषण में पॉवेल ने कहा था कि लगातार बदलती टैरिफ दरों और सप्लाई शॉक्स के चलते लंबी अवधि के ब्याज दरें ऊंची रह सकती हैं, जिससे फेड के लिए बैलेंस बनाना मुश्किल हो सकता है।
इस बीच, फेड 2% महंगाई दर के लक्ष्य पर कायम है और मई की पॉलिसी मीटिंग में ब्याज दरें 4.25–4.5% पर स्थिर रखी थीं। यह मार्च मीटिंग के समान थी। हालांकि, ट्रेजरी वॉर के चलते आर्थिक ग्रोथ, बेरोजगारी और महंगाई को लेकर चिंता बनी हुई है।
अमेरिका की GDP रिपोर्ट
अगले हफ्ते अमेरिका की जनवरी-मार्च 2025 तिमाही की GDP ग्रोथ का दूसरा अनुमान जारी होगा। यह आंकड़ा फेडरल रिजर्व की ब्याज दर से जुड़ी नीति के लिए बेहद अहम माना जाता है। पिछले महीने आए प्रारंभिक अनुमान के अनुसार, अमेरिका की अर्थव्यवस्था 0.3% घटी थी। यह 2022 की पहली तिमाही के बाद पहली गिरावट होगी।
इसके अलावा, बाजार की नजर PCE प्राइस इंडेक्स, वास्तविक उपभोक्ता खर्च (real consumer spending), अमेरिका के साप्ताहिक बेरोजगारी आंकड़ों और व्यक्तिगत आय और खर्च (personal income & spending) के आंकड़ों पर भी रहेगी।
भारत की Q4 GDP रिपोर्ट
घरेलू मोर्चे पर बाजार की नजर 30 मई को आने वाली FY25 की चौथी तिमाही (Q4) की GDP रिपोर्ट पर रहेगी। ज्यादातर अर्थशास्त्री मानते हैं कि भारत की ग्रोथ Q4FY25 में 6.5% से अधिक रह सकती है, जो Q3FY25 में 6.2% थी। कृषि, होटल-ट्रांसपोर्ट और निर्माण क्षेत्रों से इस ग्रोथ को सपोर्ट मिलने की उम्मीद है।
CareEdge Ratings के मुताबिक, Q4FY25 के लिए रियल GDP ग्रोथ 6.8% रह सकती है। इससे पूरे वित्त वर्ष FY25 की अनुमानित GDP ग्रोथ 6.3% आंकी गई है, जो उनके पहले के 6.4% अनुमान और सांख्यिकी मंत्रालय के 6.5% के अग्रिम अनुमान से थोड़ी कम है।
इसके अलावा, 28 मई को अप्रैल महीने का औद्योगिक उत्पादन (IIP) डेटा भी आएगा, और 30 मई को मार्च-अप्रैल की राजकोषीय घाटा (fiscal deficit) रिपोर्ट और 23 मई को खत्म सप्ताह के विदेशी मुद्रा भंडार के आंकड़े भी जारी होंगे।
FII का मूड
बीते हफ्ते (23 मई को समाप्त सप्ताह) में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने बाजार में भारी बिकवाली की, जिसकी प्रमुख वजह अमेरिका में बॉन्ड यील्ड का उछाल रहा। FIIs ने हफ्तेभर में ₹11,591 करोड़ की नेट बिकवाली की, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने ₹11,199 करोड़ की मजबूत खरीदारी से बाजार को सपोर्ट दिया।
मई महीने में अब तक DIIs ने लगभग ₹34,500 करोड़ की नेट खरीदारी की है, जबकि FIIs की नेट खरीदारी ₹12,192 करोड़ रही है। विश्लेषकों का मानना है कि FII फ्लो अगले हफ्तों में भी अस्थिर रह सकता है।
IPO बाजार में हलचल
अगले हफ्ते प्राइमरी मार्केट में जबरदस्त हलचल देखने को मिलेगी। कुल नौ कंपनियां अपने IPO लॉन्च करने जा रही हैं, जिनकी कुल वैल्यू 6,900 करोड़ रुपये से अधिक होगी। इनमें चार मेनबोर्ड कंपनियां शामिल हैं।
Brookfield के निवेश वाली Schloss Bangalore 26 मई को अपना 3,500 करोड़ रुपये का पब्लिक इश्यू खोलेगी। यह The Leela ब्रांड के तहत होटल, पैलेस और रिसॉर्ट्स ऑपरेट करती है। उसी दिन Aegis Vopak Terminals अपना 2,800 करोड़ रुपये का IPO लॉन्च करेगी। यह LPG स्टोरेज टर्मिनल्स ऑपरेट करती है। इसके अलावा, Prostarm Info Systems का 168 करोड़ रुपये का IPO 27 मई को खुलेगा, और उसके बाद Scoda Tubes का 220 करोड़ रुपये का IPO 28 मई को खुलेगा।
SME सेगमेंट में भी जोरदार हलचल देखने को मिलेगी। पांच कंपनियां- Astonea Labs, Blue Water Logistics, Nikita Papers, Neptune Petrochemicals, और N R Vandana Tex Industries अपने IPO लेकर आ रही हैं।
टेक्निकल व्यू
टेक्निकल एनालिसिस के मुताबिक, अगले हफ्ते Nifty 50 सीमित दायरे में रह सकता है। ऊपर की ओर 25,116 एक अहम रेजिस्टेंस लेवल रहेगा, जबकि नीचे 24,400–24,450 का स्तर सपोर्ट जोन माना जा रहा है। अगर Nifty 25,116 के ऊपर निकलता है, तो अगला जोन 25,200–25,300 और फिर 25,500 हो सकता है। लेकिन अगर यह सपोर्ट के नीचे जाता है, तो बिकवाली दबाव बढ़ सकता है।
फिलहाल, एक्सपर्ट्स का मानना है कि Nifty में अभी भी अपट्रेंड बरकरार है क्योंकि 'higher high–higher low' का फॉर्मेशन बना हुआ है। MACD पॉजिटिव क्रॉसओवर दिखा रहा है और RSI 60 से ऊपर स्थिर है, जो ट्रेंड को सपोर्ट करता है।
F&O के संकेत
मंथली ऑप्शंस डेटा से संकेत मिलता है कि Nifty 50 निकट भविष्य में 24,500 से 25,500 के दायरे में रह सकता है। Call ऑप्शंस में सबसे ज्यादा ओपन इंटरेस्ट 25,000 स्ट्राइक पर दिखा, उसके बाद 25,500 और 25,800 स्ट्राइक पर। Call राइटिंग सबसे ज्यादा 25,800 पर दिखी, फिर 24,900 और 25,700 पर।
Put ऑप्शंस में सबसे ज्यादा ओपन इंटरेस्ट 24,000 स्ट्राइक पर है, उसके बाद 24,500 और 24,800 पर। सबसे ज्यादा Put राइटिंग 24,800 पर दिखी, फिर 24,900 और 24,500 पर।
निवेशकों की घबराहट को बताने वाला सूचकांक India VIX इस हफ्ते 4.4% बढ़कर 17.28 तक पहुंच गया, जो ऊंचे स्तर पर बना हुआ है। जब तक VIX 15 से नीचे नहीं आता, बाजार में सतर्कता बनाए रखना जरूरी है।
कॉरपोरेट एक्शन
अगले हफ्ते किन कंपनियों के डिविडेंड, बोनस या बोर्ड मीटिंग जैसी अहम घोषणाएं होने वाली हैं। (देखें चार्ट)
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