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Stock Market: फुल-टाइम ट्रेडर बनने के लिए आखिर कितना कैपिटल जरूरी है?

दुनियाभर में कोविड के चलते लॉकडाउन लगने के बाद लोगों ने काफी ज्यादा समय इंटरनेट पर बिताना शुरू कर दिया। उन्होंने फिनफ्लूएंसर्स की सलाह माननी शुरू कर दी।

कई लोग फुल-टाइम ट्रेडर्स बनना चाहते हैं। दरअसल वे नौकरी से आजादी चाहते हैं और अपना बॉस खुद बनना चाहते हैं। ऐसा सोचना गलत नहीं है। लेकिन, यह एक बड़ा लक्ष्य है। सच यह है कि फुल-टाइम ट्रेडर बनना आसान नहीं है और ऐसे ज्यादातर लोगों को पता नहीं होता कि फुल-टाइम ट्रेडर बनने के लिए क्या जरूरी है। स्किल और अनुभव को छोड़ दें तो भी कई दूसरी चीजों की जरूरत होती है। इस लेख में हम उन चीजों के बारे में बातें करेंगे जो एक सफल फुल-टाइम ट्रेडर बनने के लिए जरूरी हैं।

फुल टाइम ट्रेडर बनने के लिए दो तरह का कैपिटल

फुल टाइम ट्रेडर (Full Time Trader) बनने के लिए दो तरह का कैपिटल जरूरी है। पहला इमोशनल कैपिटल है। इसकी बड़ी भूमिका होती है। इसका मतलब यह है कि व्यक्ति को साहसी बनना पड़ेगा। डरना नहीं होगा। दबाव से निपटना सीखना होगा। आपको हर दिन 24 घंटे ट्रेडिंग गेम के लिए तैयार रहना होगा। इस बारे में और विस्तार से हम किसी दूसरे दिन बात करेंगे। दूसरा कैपिटल पैसा है। इस कैपिटल का सही अंदाजा कई नए ट्रेडर्स नहीं लगा पाते हैं। आज करीब एक-तिहाई एक्टिव ट्रेडर्स नए हैं। उनके पास 5 साल से कम का अनुभव है। उन्हें लैपटॉप इस्तेमाल करना आता है और वे नॉलेज बढ़ाने के लिए काफी ज्यादा इंटरनेट पर निर्भर हैं, जो अच्छी बात नहीं है।

लोग इंटरनेट पर फिनफ्लूएंसर्स की बातों पर भरोसा कर लेते हैं

दुनियाभर में कोविड के चलते लॉकडाउन लगने के बाद लोगों ने काफी ज्यादा समय इंटरनेट पर बिताना शुरू कर दिया। उन्होंने फिनफ्लूएंसर्स की सलाह माननी शुरू कर दी। सभी फिनफ्लूएंसर्स असल ट्रेडर नहीं होते हैं। इसका मतलब है कि आप फिजिक्स का नॉलेज हिस्ट्री के टीचर से ले रहे हैं। कुछ फिनफ्लूएंसर्स तो कैपिटल के बारे में ऐसे दावे करते हैं, जो सच से पूरी तरह से दूर होते हैं। उनका मानना होता है कि किसी ट्रेडर के पास जरूरी कैपिटल है तो वह उससे प्रॉफिट बना सकता है, जिससे उसका घर चल सकता है।

ऐसे दावे किए जाते हैं जो सच से कोसों दूर हैं

मैंने ऐसे एडवर्टाइजमेंट देखे हैं जिनमें कहा जाता है कि सिर्फ 50,000 रुपये के कैपिटल से रोजाना 5,000-10,000 रुपये का प्रॉफिट कमाया जा सकता है। वे 99 फीसदी एक्युरेसी रेट का दावा करते हैं। इसका मतलब है कि ऐसा तभी होगा जब आप रोजाना 10-20 फीसदी प्रॉफिट कमाएंगे। इसका मतलब हर महीने 200-400 फीसदी का प्रॉफिट है। सालाना यह प्रॉफिट 2,400-4,800 फीसदी होता है, जो नामुमकिन है। यह अमेरिका में रॉबिंस कप ट्रेडिंग चैंपियनशिप के विजेता को मिलने वाले रिटर्न से भी ज्यादा है। इस ट्रेडिंग कॉम्पटिशन को दुनियाभर में ट्रेडिंग टैलेंट का सर्टिफिकेट माना जाता है।

RoI के जोड़-घटाव को समझना होगा

किसी कमर्शियल एक्टिविटी में रिटर्न ऑन इनवेस्टमेंट (RoI) का बड़ा रोल होता है। जब फिक्स्ड डिपॉजिट करने के लिए बैंक में जाते हैं तो आपको करीब 7 फीसदी इंटरेस्ट बैंक ऑफर करता है। इसका मतलब 7 फीसदी RoI है। क्या इस बात की कोई गारंटी है कि आपको ट्रेडिंग से रोजाना प्रॉफिट होगा? बिल्कुल नहीं। वॉल स्ट्रीट में कहा जाता है कि 'ट्रेडिंग प्रॉफिट' सबसे मुश्किल 'ईजी मनी' है। Ed Seykota को दुनिया में सबसे ज्यादा प्रॉफिट कमाने वाला ट्रेडर माना जाता है। उन्होंने Forbes को भी अपने ट्रेडिंग के बारे में बताने से मना कर दिया था। उन्होंने फॉर्ब्स की बिलियनेयर लिस्ट का हिस्सा बनने में भी दिलचस्पी नहीं दिखाई थी। मार्केट के एक्सपर्ट्स का अंदाजा है कि ED का सालाना आरओई बीते एक दशक में करीब 40 फीसदी सालाना रहा है।

आखिर कितना प्रॉफिट रोजाना कमाना होगा?

अब हम कुछ जोड़-घटाव खुद करते हैं। घर चलाने के लिए हमें ट्रेडिंग इनकम से कितना प्रॉफिट कमाना होगा? मान लीजिए आप टियर 1 या टियर 2 शहर में रहते हैं और आपके परिवार में कुल चार सदस्य हैं तो आपको हर महीने 1,00,000 रुपये की जरूरत पड़ेगी। आपको यह पैसा हर महीने 20 ट्रेडिंग सेशन में कमाना होगा। इसका मतलब है कि आपको रोजाना 5,000 रुपये का प्रॉफिट कमाना होगा। यह याद रखना होगा कि ट्रेडिंग में रोजाना प्रॉफिट कमाना मुमकिन नहीं है। इसलिए हम मान लेते हैं कि हर महीने 15 दिन आपको प्रॉफिट होगा और 5 दिन लॉस होगा।

गणित के बाद क्या कैलकुलेशन आता है?

अब सवाल है कि आप कितना रिटर्न हर ट्रेडिंग के दिन कमा सकते हैं? अगर आपके पास इस सवाल का जवाब नहीं है तो हम Ed Seykota के सालाना औसत 40 फीसदी रिटर्न कमाने का अनुमान लगाते हैं। इसका मतलब है कि हर महीने आपको 3.33 फीसदी रिटर्न कमाना होगा। अगर इसे रोजाना के आधार पर प्रॉफिट वाले 15 दिनों में बांट दिया जाए तो रोजाना आपको 0.22 फीसदी रिटर्न हासिल करना होगा। अगर 0.22 फीसदी RoI के साथ आपको इंट्राडे 15,000 रुपये का प्रॉफिट होता है तो इसका मतलब है कि आपरको 70,00,000 कैपिटल की जरूरत पड़ेगी। इसमें इनिशियल मार्जिन, मार्क-टू-मार्केट डेबिट्स, एक्सट्रीम लॉस मार्जिन आदि शामिल होंगे। इसका मतलब है कि किसी समय आपके पूरे पैसे को डिप्लॉय नहीं करना होगा।

सच का सामना करने के लिए आप कितना तैयार हैं?

अब यह बात ध्यान में रखना जरूरी है कि फाइनेंशियल कैपिटल के मुकाबले आपका इमोशनल कैपिटल जल्द खत्म होने लगता है। जब आप लगातार 5 दिन प्रॉफिट कमाते हैं तो आपको अच्छा लगता है। अगले तीन दिन लगातार लॉस होने पर आपकी रातों की नींद उड़ जाती है। आपको यह भी ध्यान में रखना होगा कि आजकल एल्गो ट्रेडर्स मार्केट में आ गए हैं। RoI सिर्फ धीरे-धीरे बढ़ सकता है। इसका मतलब है कि बिजनेस में धीरे-धीरे पूंजी की जरूरत बढ़ती जाएगी।

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असलियत समझने के बाद करें फैसला

इसलिए फुल टाइम ट्रेडर बनने के लिए अपनी नौकरी छोडने से पहले आपको इस जोड़-घटाव को ठीक तरह से समझ लेना होगा। फिर खुद से पूछना होगा कि क्या आप इस चैलेंज के लिए तैयार हैं? आज इंटरनेट पर आपको ट्रेडिंग से मोटी कमाई का सपना दिखाने वाले अनगिनत लोग मिल जाएंगे। इसलिए इस बारे में सोचसमझकर फैसला लेना बहुत जरूरी है।

विजय भंबवानी

(लेखक एक सिस्टम बेस्ड प्रॉपरायटरी ट्रेडिंग फर्म के फाउंडर और सीईओ हैं। यहां व्यक्त विचार उनके निजी विचार हैं।)

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