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Tariff War: ट्रंप ने कहा - भारत में है सबसे ज्यादा शुल्क, पारस्परिक टैरिफ लागू करने का प्लान दोहराया

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी द्विपक्षीय वार्ता से पहले, ट्रंप ने भारत द्वारा लगाये गये टैरिफ को "सबसे ज्यादा" कहा और देश को "व्यापार करने के लिए एक कठिन जगह" बताया

Tariff War: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) ने शुक्रवार को ऐलान किया कि उनका देश जल्द ही भारत और चीन जैसे देशों पर पारस्परिक टैरिफ लगाएगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका वही शुल्क लगाएगा जो ये देश अमेरिकी उत्पादों पर लागू करते हैं। “हम जल्द ही पारस्परिक टैरिफ लगाएंगे - वे हमसे शुल्क लेते हैं, हम उनसे शुल्क लेते हैं। कोई भी कंपनी या देश, जैसे कि भारत या चीन या उनमें से कोई भी, जो भी आरोप लगाते हैं कि हम निष्पक्ष रहना चाहते हैं; इसलिए पारस्परिक शु्ल्क लगाया जायेगा।'' ऐसा उन्होंने कहा। ट्रंप ने आगे कहा “हमने ऐसा कभी नहीं किया है। हम ऐसा करने के लिए तैयार हो रहे थे जब तक कि कोविड नहीं आया था।''

भारत में है सबसे ज्यादा टैरिफ, व्यापार करने के लिए है कठिन जगह

हाल ही में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi ) के साथ अपनी द्विपक्षीय वार्ता से पहले, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत की टैरिफ पॉलिसी पर टिप्पणी की। इन टैरिफ को "सबसे ज्यादा" कहा और देश को "व्यापार करने के लिए एक कठिन जगह" बताया।

उन्होंने ये टिप्पणियां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान टेस्ला के सीईओ एलन मस्क (Tesla CEO Elon Musk) की पीएम मोदी के साथ मुलाकात के बारे में एक सवाल का जवाब देते हुए कीं।

ट्रंप ने कहा, "वे मिले। मुझे लगता है कि वह भारत में व्यापार करना चाहते हैं। लेकिन टैरिफ के कारण भारत व्यापार करने के लिए बहुत कठिन जगह है। उनके यहां सबसे ज्यादा टैरिफ हैं। भारत व्यापार करने के लिए एक कठिन जगह है। मुझे लगता है कि उनकी मुलाकात संभवत: इसलिए हुई क्योंकि मस्क एक कंपनी चला रहे हैं, वह ऐसा कुछ कर रहे हैं जिसके बारे में वह लंबे समय से दृढ़ता से महसूस कर रहे हैं।"

अमेरिका जैसा शुल्क देगा वैसा ही शुल्क वसूलेगा

पारस्परिक टैरिफ पर राष्ट्रपति ट्रंप की घोषणा इस महीने की शुरुआत में हुई । ये एक ऐसा कदम जिसका उद्देश्य अमेरिकी आयात टैरिफ को अन्य देशों द्वारा लगाए गए टैरिफ दरों के साथ मेल करना है।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "मैं पारस्परिक शुल्क लगाऊंगा। जो भी देश अमेरिका से शुल्क वसूल करेगा, उस पर उतनी ही राशि का शुल्क लगेगा। न ज्यादा या कम। दूसरे शब्दों में, अगर वे हमसे कर या शुल्क वसूलते हैं, तो हम उनसे बिल्कुल वही कर या शुल्क वसूलेंगे। ये बात बहुत स्पष्ट है।"

यह घोषणा उनके व्हाइट हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने से कुछ घंटे पहले हुई।

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