वित्त वर्ष 2024 में एनबीएफसी (नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी) Tata Capital को ₹3,150 करोड़ का रिकॉर्ड नेट प्रॉफिट मिला। सालाना आधार पर इसमें 37% की बढ़ोतरी हुई।
लगातार दो कारोबारी दिनों में 5 फीसदी से अधिक टूटने के बाद टाटा इंवेस्टमेंट के शेयर टाटा कैपिटल के आईपीओ के ऐलान के बाद मंगलवार 25 फरवरी को 7 फीसदी से अधिक उछल गए। इंट्रा-डे में तो यह 10 फीसदी से अधिक उछल गया था। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि टाटा कैपिटल में इसकी भी हिस्सेदारी है लेकिन यह भी ध्यान दें कि आईपीओ के ऐलान का टाटा कैपिटल के दो ही शेयरहोल्डर्स पर पॉजिटिव असर पड़ा और टाटा ग्रुप की तीन और कंपनियों के शेयरों में बिकवाली का दबाव दिखा। टाटा इंवेस्टमेंट के शेयर मंगलवार को बीएसई पर 7.28 फीसदी की बढ़त के साथ 6168.80 रुपये के भाव पर बंद हुए। इंट्रा-डे में यह 10.33 फीसदी उछलकर 6343.80 रुपये तक पहुंच गया था।
Tata Investment की टाटा कैपिटल में कितनी हिस्सेदारी?
टाटा कैपिटल में टाटा इंवेस्टमेंट, टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, टाटा केमिकल्स, टाटा मोटर्स और टाटा पावर की कुल मिलाकर 2.4 फीसदी हिस्सेदारी है जिसमें सबसे अधिक होल्डिंग टाटा इंवेस्टमेंट की ही है। टाटा इंवेस्टमेंट कॉरपोरेशन की टाटा कैपिटल में 2.2 फीसदी हिस्सेदारी है तो टाटा कैपिटल केमिकल्स, टाटा मोटर्स और टाटा पावर की 0.1%-0.1% हिस्सेदारी है। मार्च 2024 तक के आंकड़ों के मुताबिक टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स के पास टाटा कैपिटल के 6.1 लाख शेयर हैं। आईपीओ के ऐलान के बाद टाटा इंवेस्टमेंट और टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स को छोड़ बाकी तीन स्टॉक्स- टाटा केमिकल्स, टाटा मोटर्स और टाटा पावर रेड जोन में रहा।
Tata Capital की कैसी है सेहत?
वित्त वर्ष 2024 में एनबीएफसी (नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी) टाटा कैपिटल को ₹3,150 करोड़ का रिकॉर्ड नेट प्रॉफिट मिला। सालाना आधार पर इसमें 37% की बढ़ोतरी हुई। टाटा कैपिटल ने 0.5% की क्रेडिट कॉस्ट बनाए रखी और RoE (रिटर्न ऑन इक्विटी) 17.6% रहा। मंगलवार को टाटा कैपिटल के बोर्ड ने आईपीओ और ₹1,504 करोड़ के राइट्स इश्यू के लिए मंजूरी दे दी। राइट्स इश्यू के लिए रिकॉर्ड डेट 25 फरवरी 2025 तय की गई है। इसकी 93 फीसदी हिस्सेदारी टाटा संस के पास है।
टाटा कैपिटल आईपीओ इसलिए ला रही है क्योंकि यह अपर लेयर एनबीएफसी है और आरबीआई के नियमों के मुताबिक इस कैटेगरी में आने के तीन साल के भीतर लिस्ट होना अनिवार्य है। यह इस लिस्ट में सितंबर 2022 में शामिल हुआ था। पिछले साल आरबीआई ने टाटा कैपिटल और टाटा मोटर्स फाइनेंस के विलय को मंजूरी दी और देश के 12वें सबसे बड़े एनबीएफसी का रास्ता साफ हुआ। टाटा कैपिटल का लोन बुक वित्त वर्ष 2024 में सालाना आधार पर 35 फीसदी उछलकर ₹1.6 लाख करोड़ पर पहुंच गया।
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