फार्मा पर टैरिफ के असर के चलते US में जेनेरिक दवाओं की कीमत बढ़ सकती हैं। US में जेनेरिक दवाओं की कमी हो सकती है। कम मार्जिन वाले प्रोडक्ट का रेशनलाइजेशन हो सकता है
Trump tarrif : रिसिप्रोकल टैरिफ (RECIPROCAL TARIFFS) पर 90 दिनों का ब्रेक लगा हुआ है। लेकिन फार्मा सेक्टर पर ट्रंप की टेढ़ी नजर बनी हुई। ट्रंप ये चेतावनी पहले ही दे चुके हैं कि फार्मा इंडस्ट्री के लिए टैरिफ छूट जल्द खत्म हो सकता है। ट्रंप के इस बयान से फार्मा सेक्टर में अनिश्चितता का माहौल है। सवाल ये है कि ट्रंप के एक्शन से फार्मा कंपनियों की मुश्किलें कितनी बढ़ेंगी। इसके लिए आइए समझते हैं फार्मा कंपनियों के US कारोबार की पूरी तस्वीर।
फार्मा सेक्टर पर ट्रंप ने 24 मार्च 2025 के दिए गए अपने बयान में कहा कि घरेलू इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए फार्मा पर टैरिफ की जरुरत है। 24 मार्च 2025 से अब तक के फॉर्मा सेक्टर के रिटर्न पर नजर डालें तो निफ्टी फार्मा ने 4 फीसदी निगेटिव रिटर्न दिया है। वहीं, निफ्टी ने सिर्फ 1 फीसदी रिगेटिव रिटर्न दिया है।
फार्मा कंपनियों का कारोबार की बात करें को जायडस लाइफ की आय में अमेरिकी कारोबार की हिस्सेदारी 47 फीसदी है। 24 मार्च 2025 से अब तक इस शेयर में 10 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। इसी तरह अरबिंदो फार्मा की आय में अमेरिकी कारोबार की हिस्सेदारी 46 फीसदी है। 24 मार्च 2025 से अब तक इस शेयर में 6 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। वहीं डॉ रेड्डीज की आय में अमेरिकी कारोबार की हिस्सेदारी 46 फीसदी है। 24 मार्च 2025 से अब तक इस शेयर में 3 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। ल्यूपिन की आय में अमेरिकी कारोबार की हिस्सेदारी 36 फीसदी है। 24 मार्च 2025 से अब तक इस शेयर में 9 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। सन फार्मा की आय में अमेरिकी कारोबार की हिस्सेदारी 32 फीसदी है। 24 मार्च 2025 से अब तक इस शेयर में 3 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है।
फार्मा पर टैरिफ का क्या असर?
फार्मा पर टैरिफ के असर की बात करें तो इससे US में जेनेरिक दवाओं की कीमत बढ़ सकती हैं। US में जेनेरिक दवाओं की कमी हो सकती है। कम मार्जिन वाले प्रोडक्ट का रेशनलाइजेशन हो सकता है। सप्लाई चेन में दिक्कतें बढ़ सकती हैं। वित्त वर्ष 2024 में US में जेनेरिक दवा के इंपोर्ट आकंडों पर नजर डालें तो वहां होने वाले इंपोर्ट में भारतीय जेनेरिक का हिस्सा 40 फीसदी रहा। इस अवधि में भारत से 800 करोड़ डॉलर की जेनरिक दवाएं अमेरिका भेजी गईं। जायडस लाइफ, डॉ रेड्डीज, अरबिंदो फार्मा, ल्यूपिन और नैटको फार्मा की अमेरिकी मार्केट से 30-50 फीसदी कमाई होती है।
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