ब्रोकरेज फर्म CLSA के अनुसार, सितंबर 2024 तक वोडाफोन आइडिया का नेट कर्ज $25 बिलियन था।
Voda Idea Crisis: देश की तीसरी सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया सरकारी फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट से राहत मांगी है। दरअसल, वोडाफोन आइडिया ने सरकार से $9.76 बिलियन के बकाये पर ब्याज और जुर्माना माफ करने की गुहार लगाई थी, जिसे सरकार ने ठुकरा दिया है। अब वोडाफोन आइडिया ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि संवेदनशील दूरसंचार क्षेत्र को ध्यान में रखते हुए सार्वजनिक हित में सरकार को राहत देने का निर्देश दिया जाए।
सरकार का माफी अनुरोध खारिज करना
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, संचार मंत्रालय ने 29 अप्रैल को वोडाफोन आइडिया के CEO अक्षय मूंदड़ा के माफी के अनुरोध को खारिज करते हुए कहा कि कंपनी के वजूद को खतरा है। इसलिए यह अनुरोध स्वीकार नहीं किया जा सकता।
2019 का सुप्रीम कोर्ट आदेश और आर्थिक दबाव
2019 में सुप्रीम कोर्ट ने एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) पर ऐतिहासिक फैसला दिया था। इससे दूरसंचार कंपनियों को बड़ा झटका लगा और उन पर अरबों डॉलर की देनदारी बढ़ गई। इसके कारण वोडाफोन आइडिया सहित कई कंपनियों पर अरबों डॉलर का अतिरिक्त वित्तीय दबाव पड़ा। सरकार ने कंपनी के बकाया का कुछ हिस्सा इक्विटी में बदलकर अपनी हिस्सेदारी 49% तक बढ़ा दी है।
जुर्माना और ब्याज की भारी राशि
कंपनी की याचिका के अनुसार, $9.76 बिलियन के बकाए में जुर्माने और ब्याज $5 बिलियन से ज्यादा हैं। भारती एयरटेल भी इसी तरह के बकाया के खिलाफ अदालत में लड़ रहा है, लेकिन उसके मुकाबले वोडाफोन आइडिया की वित्तीय स्थिति अधिक कमजोर मानी जाती है।
क्या बंद हो जाएगी वोडा आइडिया?
अक्षय मूंदड़ा ने सरकार को पत्र लिखा था कि अगर राहत नहीं मिली तो वोडाफोन आइडिया वित्त वर्ष 2026 के बाद संचालन जारी नहीं रख पाएगी। उन्होंने कहा कि इससे देश की साख को बड़ा धक्का लगेगा और विदेशी निवेशकों का भरोसा हिल जाएगा। ब्रोकरेज फर्म CLSA के अनुसार, सितंबर 2024 तक वोडाफोन आइडिया का नेट कर्ज $25 बिलियन था।
वोडाफोन आइडिया के शेयरों का हाल
वोडाफोन आइडिया के शेयर शुक्रवार (16 मई) को 1.66% बढ़कर 7.35 रुपये पर बंद हुए थे। बीते 1 महीने के दौरान शेयरों में 8.92% की गिरावट आई है। वहीं, पिछले एक साल में स्टॉक ने 45.76% का गोता लगाया है। कंपनी का मार्केट कैप 79.74 हजार करोड़ रुपये है।
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