सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मुंबई में धारावी रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट पर यथास्थिति रखने का आदेश देने से इनकार कर दिया।
सोमवार, 10 मार्च को अदाणी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में तेजी है। दिन में इन शेयरों की कीमत लगभग 6 प्रतिशत तक बढ़ी। सबसे ज्यादा तेजी अदाणी पावर और अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस के शेयरों में दिखी। फ्लैगशिप कंपनी अदाणी एंटरप्राइजेज और अदाणी पोर्ट्स का शेयर 2 प्रतिशत, अदाणी ग्रीन एनर्जी 4 प्रतिशत, अदाणी टोटल गैस 3 प्रतिशत और अदाणी विल्मर 1.6 प्रतिशत तक उछला।
शुक्रवार, 7 मार्च को फिच रेटिंग्स ने अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड की लॉन्ग टर्म विदेशी और लोकल करेंसी इश्यूअर डिफॉल्ट रेटिंग (IDRs) को 'BBB-' पर बरकरार रखा। रेटिंग्स को रेटिंग वॉच निगेटिव से हटा दिया गया है और निगेटिव आउटलुक जारी किया गया है। लेकिन इसके बावजूद कंपनी के शेयर में तेजी है।
फिच ने 2026 तक देय AESL-गारंटीड 4 प्रतिशत 50 करोड़ डॉलर के सीनियर सिक्योर्ड नोट्स और 2036 तक देय 4.25 प्रतिशत 50 करोड़ डॉलर के सीनियर सिक्योर्ड नोट्स के लिए 'BBB-' रेटिंग की भी पुष्टि की। ये नोट AESL की सहायक कंपनी अदाणी ट्रांसमिशन स्टेप-वन लिमिटेड द्वारा जारी किए गए थे।
धारावी रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट पर यथास्थिति से सुप्रीम कोर्ट का इनकार
इसके अलावा एक अपडेट यह भी है कि सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मुंबई में धारावी रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट पर यथास्थिति रखने का आदेश देने से इनकार कर दिया। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने बंबई हाई कोर्ट के 20 दिसंबर, 2024 के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर महाराष्ट्र सरकार और अदाणी प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड से जवाब मांगा। अदाणी प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड को इस प्रोजेक्ट के लिए टेंडर दिया गया है। हाई कोर्ट ने धारावी में बस्तियों के रीडेवलपमेंट का रास्ता साफ कर दिया था और प्रोजेक्ट के लिए अदाणी समूह को दिए गए कॉन्ट्रैक्ट को बरकरार रखा था।
अदाणी ग्रुप की कंपनी का धारावी के रीडेवलपमेंट का कॉन्ट्रैक्ट दिए जाने के फैसले को यूएई स्थित सेकलिंक टेक्नोलोजिज कॉरपोरेशन ने चुनौती दी थी। बंबई हाई कोर्ट ने कंपनी की याचिका को खारिज कर दिया था। अदाणी समूह ने धारावी रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट के लिए 5,069 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी, वहीं सेकलिंक 2018 में 7,200 करोड़ रुपये की पेशकश के साथ प्रोजेक्ट के लिए सबसे बड़ी बोली लगाने वाली कंपनी के रूप में उभरी थी। बाद में सरकार ने कंपनी का टेंडर रद्द कर दिया था।
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