हिंदी न्यूज़न्यूज़विश्वअलग-थलग पड़ गया पाकिस्तान! अब तो चीन ने भी छोड़ दिया साथ, मिलाए भारत के सुर में सुर
India-China Relations: चीनी विदेश मंत्री ने कहा, दोनों देशों के बीच आदान-प्रदान फिर से शुरू हो गया है और सीमा विवाद को सुलझाने के लिए आम सहमति पर पहुंच गए हैं.
By : एबीपी लाइव | Edited By: Vijay Kumar Bitthal | Updated at : 23 Feb 2025 02:07 PM (IST)
भारत-चीन के बेहतर हो रहे संबंध
India-China Relations and Pakistan : दुनिया कितनी तेजी से आगे बढ़ रही है, इसका पता भारत और चीन के संबंधों से लगाया जा सकता है क्योंकि अभी ज्यादा समय नहीं हुआ है, जब भारत और चीन की सेनाएं एक-दूसरे के सामने खड़ी थीं. लेकिन अब वही चीन भारत के साथ अपने रिश्तों को नई ऊंचाई पर ले जाने की इच्छा रखता है और वो भी इस तरह से कि दोनों देश विन-विन महसूस करे. वहीं, भारत-चीन की बढ़ती नजदीकी से पाकिस्तान को बड़ा झटका लगा है. पाकिस्तान अब खुद को अलग-थलग महूसस कर रहा है.
चीन के सरकारी अखबार ने भारत-चीन संबंधों को लेकर क्या कहा?
भारत के साथ चीन अपने संबंधों को लेकर कितना महत्व दे रहा है, इसका अंदाजा चीन के मुखपत्र कहे जाने वाले ग्लोबल टाइम्स में छपी खबर को देखकर पता चलता है. ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक, चीन के विदेश मंत्रालय ने बताया कि चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने शुक्रवार (21 फरवरी) को दक्षिण कोरिया के जोहान्सबर्ग में भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की. ऐसे में ग्लोबल टाइम्स प्रमुखता से इस मुलाकात को शोकेस कर रहा है, जिससे जाहिर है कि चीन अब भारत से संबंधों को लेकर गंभीर नजर आ रहा है.
इस मुलाकात पर चीन ने क्या कहा?
भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात के बाद चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कहा, “चीन और भारत के बीच आपसी विश्वास की बहाली और आपसी सहयोग दोनों देशों के लोगों की साझा अपेक्षाओं को पूरा करता है.” CPC केंद्रीय समिति के राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य वांग यी ने कहा, “पिछले साल चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भारत के पीएम नरेंद्र मोदी से कजान में मुलाकात की थी, जिससे द्विपक्षीय संबंधों के सुधार और विकास की दिशा तय हुई थी. दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि दो प्राचीन सभ्यताओं और पड़ोसी देशों के रूप में एक-दूसरे पर भरोसा करना चाहिए और पारस्परिक सफलता हासिल करनी चाहिए.”
उन्होंने कहा, “दोनों देशों के बीच सभी स्तरों पर आदान-प्रदान फिर से शुरू हो गया है और सीमा मुद्दे के विशेष प्रतिनिधि विशिष्ट मतभेदों को ठीक से संभालने पर आम सहमति पर पहुंच गए हैं.”
चीन से संबंध को लेकर क्या बोले एस. जयशंकर?
ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक, भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा, “कजान में पीएम मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बैठक में द्विपक्षीय संबंधों के पुनर्निर्माण के लिए महत्वपूर्ण मार्गदर्शन प्रदान किया. दोनों देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में आदान-प्रदान धीरे-धीरे फिर से शुरू हो गया है, जिसके परिणाम सामने आए हैं. भारत और चीन के बीच आपसी विश्वास कायम करना दोनों पक्षों के हित में है.”
उन्होंने कहा, “भारत द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाने में कड़ी मेहनत से हासिल की गई प्रगति को महत्व देता है और संयुक्त रूप से सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए चीन के साथ काम करने को तैयार है.”
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Published at : 23 Feb 2025 02:07 PM (IST)
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प्रशांत कुमार मिश्र, राजनीतिक विश्लेषक
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