टिक्का खान ने ढाका में एक ही रात में 7000 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था. इसमें बच्चे, बूढ़ों से लेकर महिलाएं तक शामिल थीं.
By : प्रांजुल श्रीवास्तव | Updated at : 16 May 2025 10:13 AM (IST)
दुनिया में कई ऐसे शासक हुए हैं, जिनके द्वारा मचाया गया कत्लेआम काला इतिहास बन गया. उनकी बर्बरता के किस्से आज भी किताबों में दर्ज हैं, जिसे पढ़कर किसी की भी रूह कांप जाएगी. इसमें चंगेज खान, हलाकू, तैमूरलंग और हिटलर जैसे कई नाम शामिल हैं.
हालांकि, हम आपको एक ऐसे शख्स की कहानी बताने आए हैं, जिसने एक ही रात में सात हजार लोगों का कत्ल करवा दिया था. उसके इस कारनामे की वजह से उसे 'बांग्लादेश का कसाई' कहा जाने लगा था.
इस शख्स का नाम है 'टिक्का खान', जो पाकिस्तानी सेना का जनरल और पहला थल सेना अध्यक्ष भी रहा है. टिक्का खान का जन्म 10 फरवरी, 1915 को रावलपिंडी में हुआ था. 1935 में टिक्का खान ब्रिटिश भारतीय सेना में भर्ती हुआ था. बंटवारे के बाद टिक्का खान पाकिस्तान चला गया और वहां सेना में मेजर बन गया था.
1969 में याह्या खान के पाकिस्तान का राष्ट्रपति बनने के बाद टिक्का खान को पूर्वी पाकिस्तान(बांग्लादेश) भेजा गया था. पूर्वी पाकिस्तान में टिक्का खान जिम्मेदारी यहां उठ रही अलग देश की मांग और विद्रोह को कुचलने की थी. यहां आते ही टिक्का खान ने सैन्य कार्रवाई शुरू कर दी, जिसे 'ऑपरेशन सर्चलाइट' नाम दिया गया था.
रिपोर्ट के मुताबिक, टिक्का खान ने विद्रोह को दबाने के लिए कार्रवाई करते हुए ढाका में एक ही रात में 7000 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था. इसमें बच्चे, बूढ़ों से लेकर महिलाएं तक शामिल थीं. इस घटना के बाद टाइम मैगजीन ने टिक्का खान को 'बांग्लादेश का कसाई' कहा था.
बांग्लादेश में हुए नरसंहार पर रॉबर्ट पेन ने एक किताब भी लिखी है. इस किताब में बताया गया है कि 1971 में बांग्लादेश में बर्बरता का आलम अपने चरम पर था. यहां महज 9 महीनों में दो लाख औरतों और लड़कियों का रेप किया गया था.
इस घटना को लेकर तमाम आरोपों और दुनिया में हुई थू-थू के बाद भी पाकिस्तानी सेना में टिक्का खान का रुतबा बढ़ता गया. उसे कई प्रमोशन मिले और तीन मार्च, 1972 को टिक्का खान को पाकिस्तान का पहला थल सेनाध्यक्ष बनाया गया था. 20 मार्च, 2002 को टिक्का खान की मौत हो गई थी.
Published at : 16 May 2025 10:13 AM (IST)
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