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एस्टेरॉयड की टक्कर से जब खत्म हो गए थे डायनासोर तब भी बच गया था ये जीव, आज भी है मौजूद

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एस्टेरॉयड के हमले की घटना में धरती के 76 फीसदी पेड़-पौधे और जानवर लुप्त हो गए थे. इसमें सबसे बड़ा झटका डायनासोरों को लगा था और उनकी पूरी आबादी ही खत्म हो गई थी. इसके बावजूद एक जीव का अस्तित्व बचा रहा.

By : प्रांजुल श्रीवास्तव | Updated at : 19 Apr 2025 07:10 AM (IST)

इंसानों से पहले इस पृथ्वी पर डायनासोरों का राज था, लेकिन एक दिन महाप्रलय आई और सब खत्म हो गया. वैज्ञानिकों का कहना है कि करीब छह करोड़ साल पहले एक एस्टेरॉयड हमारी पृथ्वी से टकराया और उस हमले में सिर्फ डायनासोर ही नहीं, बल्कि पृथ्वी पर मौजूद जीवन का अस्तित्व लगभग खत्म हो गया था. यहां तक कि पेड़-पौधे भी खत्म हो गए. इसके बाद पृथ्वी का पुनर्निमाण हुआ और इंसान अस्तित्व में आए. 

हालांकि, अब एक नई स्टडी में दावा किया गया कि एस्टेरॉयड के हमले में जीवन पूरी तरह खत्म नहीं हुआ था, बल्कि पृथ्वी पर मौजूद एक जीव ने खुद के अस्तित्व को बचाए रखा था. जब पृथ्वी पर उथल-पुथल हुई तो ये जीव पृथ्वी के निचले हिस्से में जाकर छिप गए और कई सालों तक बिना खाए-पिए खुद के अस्तित्व को बचाए रहे. 

आज भी मौजूद हैं ये जीव

आप सोच रहे होंगे कि ऐसा कौन सा जानवर था, जिसने महाप्रलय में भी खुद को बचाए रखा? दरअसल, ये जीव और कोई नहीं, बल्कि सांप थे. यूनिवर्सिटी ऑफ बाथ के शोधकर्ताओं की टीम ने इस पर काम किया है. उनकी रिसर्च में सामने आया है कि एस्टेरॉयड के हमले की घटना में धरती के 76 फीसदी पेड़-पौधे और जानवर लुप्त हो गए थे. इसके बावजूद दुनिया में सांपों की कुछ प्रजातियां बच गई थीं. ये धरती के भीतर जाकर छिप गए और लंबे समय तक बिना भोजन जीवित रहने में कामयाब रहे. बाद में सांपों की यही प्रजातियां दुनियाभर में फैल गईं और आज इनकी तीन हजार से ज्यादा प्रजातियां हैं. 

सांपों ने कैसे बचाया खुद का अस्तित्व

रिसर्च करने वाली टीम का कहना है कि सांप एक ऐसा जीव है जो बिना कुछ खाए-पिए भी साल भर तक जीवित रह सकता है. एस्टेरॉयड के टकराने से पृथ्वी पर जो तबाही हुई, उसमें सांपों का यही हुनर काम आया और उन्होंने अपना अस्तित्व बचाए रखने में कामयाबी हासिल कर ली. वैज्ञानिकों का कहना हे कि तबाही के समय सांपों की जो प्रजातियां जीवित बची थीं, उनमें ज्यादातर वे प्रजातियां थीं, जो धरती के अंदर या जंगलों में पेड़ों के नीचे या साफ पानी के स्रोतों में रहती थीं. इस माहौल ने उनकी फलने-फूलने में मदद की. यह रिसर्च नेचर कम्युनिकेशंस में पब्लिश हुई थी. इसके मुताबिक, समय बीतने के साथ सांप आकार में बड़े होने लगे और नए शिकारों पर धावा बोलने लगे. इसमें वे समुद्री सांप भी शामिल थे, जिनकी लंबाई 19 मीटर तक थी.

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Published at : 19 Apr 2025 07:10 AM (IST)

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रुमान हाशमी, वरिष्ठ पत्रकार

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