Instead of paying the person who installed the oxygen plant, he paid 83 lakhs to another company, FIR lodged against 5 people including CMHO
May 12, 2025 - 11:02
सूरजपुर : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की गृह जिला जशपुर के जिला चिकित्सालय में ऑक्सीजन प्लांट लगाने वाली कंपनी के साथ धोखाधड़ी हो गई. दरअसल आक्सीजन प्लांट लगने के बाद विभाग के अफसरों ने फर्म से मिलते-जुलते नाम की कंपनी को लाखों रुपये का पेमेंट जारी कर दिया. कंपनी संचालक की शिकायत के बाद पुलिस ने सूरजपुर के तत्कालीन सीएमएचओं सहित 5 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज किया है. पुलिस ने भुगतान लेने वाले फर्म के संचालक के खिलाफ भी धोखाधड़ी और गबन का केस दर्ज किया है.
प्लांट लगाने के बाद भटकता रहा संचालक
रायपुर में संचालित फर्म यूनिक इंडिया कंपनी के संचालक जयंत चौधरी ने सरगुजा आईजी से इस मामले की शिकायत की थी. शिकायत में कंपनी के संचालक ने बताया कि मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी (CMHO) सूरजपुर ने जेम ऑनलाइन पोर्टल पर MGPS संयंत्र स्थापित करने के लिए ऑनलाइन टेंडर निकाला था. यूनिक इंडिया कंपनी फर्म को 13 सितंबर 2021 को 83,21,000 रुपए में संयंत्र लगाने का टेंडर मिला और वर्क आर्डर मिलने के बाद उनकी कंपनी ने अस्पताल परिसर में आक्सीजन संयंत्र स्थापित भी कर दिया. जयंत चौधरी ने बताया कि, उन्होंने संयंत्र स्थापना का काम पूरा कर दिया. लेकिन भुगतान के लिए सीएमएचओ और लेखापाल उन्हें घुमाते रहे.
नए CMHO की जांच में हुआ खुलासा
इस मामले में नया मोड़ तब आया जब सूरजपुर CMHO के पद पर डॉ. कपिल देव पैकरा की पदस्थापना हुई. तब जयंत चौधरी ने भुगतान के लिए उनसे संपर्क किया. सीएमएचओ द्वारा इस मामले की जांच कराने पर खुलासा हुआ कि यह काम पूरा हो चुका है. कांट्रेक्ट की पूरी रकम का भुगतान आवेदक के फर्म को कर दिया गया है. जयंत चौधरी ने भुगतान की जानकारी ली तो पता चला कि कांट्रेक्ट की रकम 83,21,000 रुपए दंतेवाड़ा की यूनिक इंडिया कंपनी को किया गया है. जो आशीष कुमार बोरा के नाम पर रजिस्टर्ड है. इस फर्म को 5 जनवरी 2022 राशि 50 लाख रुपए और 31 जनवरी 2022 को 31 लाख 85 हजार 881 रुपए समेत कुल 81 लाख 85 हजार 881 रुपए का भुगतान किया गया है.
तत्कालीन CMHO समेत 5 के खिलाफ FIR दर्ज
स्वास्थ्य विभाग की इस गंभीर लापरवाही का खुलासा होने पर यूनिक इंडिया कंपनी रायपुर के संचालक जयंत चौधरी ने तत्कालीन CMHO सूरजपुर डॉ. रनसाय सिंह, आशीष कुमार बोरा, संचालक यूनिक इंडिया कंपनी, दंतेवाड़ा, सेवानिवृत्त लेखापाल विजय सिन्हा, जेम्स कुमार बेक, सहायक ग्रेड 2, सकिरन दास, फार्मासिस्ट के खिलाफ फर्जी तरीके से दूसरी फर्म को भुगतान करने की शिकायत सूरजपुर एसपी और सरगुजा आईजी से की थी। जांच के बाद सूरजपुर पुलिस ने तत्कालीन सीएमएचओ डॉ. रन साय सिंह समेत पांच के खिलाफ धारा के तहत धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है.
इस अपराध में गोल्डन मैन के नाम से प्रसिद्ध तकनीकी लिपिक सहायक वर्ग 2 जेम्स कुजूर का भी नाम शामिल है और राजधानी के वीआईपी रोड में इसका एक आलीशान होटल भी चलाता है. जहां यह खुद अधिकांश समय बैठता है. हाजिरी सुरजपुर में लगती है. यह जहां-जहां रहा है कार्यरत सभी जगह इसने भ्रष्टाचार किया है. भर्तियों में भी इसका भ्रष्टाचार लोगों की जबानी सुना जा सकता है. यह भ्रष्टाचार के दम पर आज राजधानी में एक बड़ा होटल व्यवसाई बन सका है. इनके शरीर में पर जितने सोना के आभूषण देखे जाते हैं. वह लगभग दो से तीन किलो का बताया जाता है. जिसका लागत लाखों में बताया जा रहा है. एक वर्ग दो का कर्मचारी का सोने में लदा रहना एक आश्चर्य का विषय है. जिसकी वजह से उसे गोल्डमैन भी लोग कहने लगे हैं. इसको जब मौका मिला स्वास्थ्य विभाग में इसने भ्रष्टाचार किया है.
तत्कालीन सीएमएचओ जहां पूर्व विधायक के रिश्तेदार हैं. वहीं गोल्डमैन काफी माहिर खिलाड़ी है. भ्रष्टाचार मामले के और उनकी पकड़ भी काफी ऊंची मानी जाती है. कुल मिलाकर मामले में शासकीय राशि गबन के शामिल सभी काफी पहुंचे हुए लोग हैं और इसीलिए इन्होंने इतनी बड़ी हिम्मत की.
सुरजपुर के स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत कई लिपिक आज कई करोड़ों के मालिक बन चुके हैं. सभी ने जमकर लूटा है. विभाग को आपदा को भी अवसर बनाया सभी ने यह कहना गलत नहीं होगा. छोटी सी तनख्वाह और आलीशान कोठियां उच्च रहन सहन इनका देखकर यह कहना गलत नहीं होगा कि इन्होंने सेवा भाव वाले क्षेत्र को जमकर लूटा है दीमक बनकर खोखला किया है. क्या ऐसे लिपिकों के ऊपर भी जांच कर कार्यवाही कभी होगी यह बड़ा सवाल है?
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