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क्या इंसान के रंग से भी होता है कैंसर का कोई कनेक्शन? जान लीजिए क्या है सच

Skin Color and Cancer Risk: क्या त्वचा का रंग कैंसर के खतरे को प्रभावित करता है? स्किन टोन और स्किन कैंसर के बीच क्या कनेक्शन हो सकता है.

By : एबीपी न्यूज़ | Edited By: Meenu Jha | Updated at : 05 Jun 2025 11:26 AM (IST)

Skin Color and Cancer Risk: हम सभी का रंग अलग होता है, कोई गोरा, कोई सांवला, कोई गेहुआ तो कोई बेहद काला. बचपन से हम सुनते आए हैं कि रंग सिर्फ बाहरी सुंदरता है, असली अहमियत इंसान के दिल की होती है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि हमारे शरीर का रंग सिर्फ सुंदरता नहीं, बल्कि हमारी सेहत से भी जुड़ा हो सकता है? जानकारी के मुताबकि,  त्वचा का रंग यानी स्किन टोन कुछ मामलों में कैंसर के खतरे से जुड़ा हो सकता है. तो चलिए, जानते हैं इस विषय की सच्चाई और मिथक के बारे में...

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रंग और स्किन कैंसर का संबंध

हमारे शरीर में मौजूद मेलानिन एक पिगमेंट होता है जो त्वचा को उसका रंग देता है. मेलानिन सूर्य की हानिकारक किरणों से हमारी त्वचा की रक्षा करता है. जिन लोगों की त्वचा में मेलानिन की मात्रा अधिक होती है (जैसे सांवली या गहरी त्वचा), उन्हें सूरज की UV किरणों से कुछ हद तक नैचुरल सुरक्षा मिलती है. इसलिए, स्किन कैंसर का खतरा उनकी तुलना में थोड़ा कम होता है, जिनकी त्वचा बहुत गोरी होती है. 

गोरी त्वचा और रिस्क ज्यादा क्यों है? 

गोरी त्वचा में मेलानिन कम होता है, जिससे UV किरणें त्वचा की अंदरूनी परत तक पहुंच सकती हैं और DNA को नुकसान पहुंचा सकती हैं. इससे स्किन कैंसर, जैसे बेसल सेल कार्सिनोमा, स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा और मेलानोमा का खतरा बढ़ जाता है. 

क्या सिर्फ रंग जिम्मेदार है?

केवल त्वचा का रंग कैंसर का कारण नहीं बनता. कैंसर एक जटिल बीमारी है, जो कई फैक्टर्स पर निर्भर करती है. 

जेनिटिक दिक्कत हो सकती है

जीवनशैली का प्रभाव 

धूम्रपान, शराब और फास्ट फूड

प्रदूषण की दिक्कत 

स्किन के घाव या संक्रमण का लापरवाही से इलाज न होना

सावधानियां कैसे रखें 

जब भी आप धूप में निकलें, उस सनस्क्रीन लगना न भूलें. 

धूम्रपान और अत्यधिक शराब से बचें

हेल्दी डाइट लें और शरीर को हाइड्रेट रखें

त्वचा का रंग हमारी पहचान का हिस्सा है, न कि कमजोरी या बीमारी का कारण. स्किन कैंसर का संबंध जरूर कुछ हद तक रंग से हो सकता है, लेकिन इससे अहम भूमिका हमारी जीवनशैली और आदतें निभाती हैं. रंग के आधार पर डरने की जरूरत नहीं, बल्कि जागरूक और सतर्क रहने की जरूरत है. 

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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें. 

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Published at : 05 Jun 2025 11:26 AM (IST)

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