रोटी के बिना पेट भरना मुश्किल होता है. भारतीय घरों में प्रमुखता से गेहूं के आटे की रोटी बनती है. लेकिन क्या ये एक सुरक्षित आहार है? इसको लेकर लोगों के मन में अक्सर सवाल उठता है.
By : एबीपी लाइव | Updated at : 13 Jun 2025 07:58 PM (IST)
खासताैर पर डायबिटीज रोगी इसको लेकर अधिक चिंतित रहते हैं. उन्हें लगता है कि रोटी खाने से बाॅडी में ब्लड शुगर का लेवल बढ़ सकता है. आइए ये कितना सच है जानते हैं.
हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो गेहूं की रोटी में कार्ब्स और शुगर की मात्रा अधिक होती है. वैसे तो डायबिटीज रोगियों को शरीर में एनर्जी बनाए रखने के लिए कार्ब्स लेना जरूरी होता है. लेकिन डायबिटीज पेशेंट को गेहूं की रोटी से कार्ब्स लेने से बचना चाहिए.
अगर डायबिटीज पेशेंट गेहूं की रोटी खाना भी चाहते हैं, तो इसके साथ पनीर या मूंग की दाल का सेवन जरूर करें. इससे डायबिटीज रोगियों को काफी लाभ मिलेगा.
गेहूं की रोटी में शुगर होता है. इससे बाॅडी में ब्लड शुगर का लेवल बढ़ सकता है. गेहूं की रोटी में कार्बोहाइड्रेटस भी अधिक होते हैं. अगर गेहूं की रोटी खाएंगे, तो इससे बाॅडी में दिक्कत बढ़ सकती है.
गेहूं के आटे में बेसन मिलाकर रोटी खा सकते हैं. गेहूं के आटे में ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी ज्यादा होता है, जो शुगर लेवल को बढ़ाता है.
पोषक तत्वों से भरपूर रागी को सुपरफूड कहा जाता है. ये फाइबर से भरपूर होता है. इस आटे की रोटी डायबिटीज मरीजों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है.
बाजरे का ग्लाइसेमिक इंडेक्स काफी कम होता है. इससे बाॅडी में ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद मिलती है. इसकी तासीर गर्म होती है. ऐसे में इसका सेवन सर्दी में अधिक किया जाता है. इसके आटे की रोटी काफी स्वादिष्ट होती हैं.
ज्वार में फाइबर भरपूर मात्रा में होता है. इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी कम होता है, जो शुगर को कंट्रोल करने में मदद करता है. ये एक मोटा अनाज है जो सेहत के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है. ऐसे में गेहूं की जगह डायबिटीज मरीज इस आटे से बनी रोटी का सेवन कर सकते हैं.
डायबिटीज के लक्षण बार-बार पेशाब आना, ज्यादा प्यास लगना, अधिक भूख लगना, वजन घटना, थकान, आंखों से धुंधला दिखना, चोट लगने पर देर से घाव भरना, स्किन में इंफेक्शन, शरीर का कांपना, पसीना आना, दिल की धड़कन का तेज होना, मूंछों में खुजली, जननांग में खुजली, इंफेक्शन होना आदि होते हैं.
डायबिटीज की वजह से हार्ट डिजीज, किडनी डिजीज, आई प्राॅब्लम, नर्व डैमेज, डाइजेशन में समस्या, वजन बढ़ना, एनर्जी की कमी, सेक्स प्राॅब्लम, जाॅइंट पेन, नींद की समस्याएं, तनाव, डिप्रेशन आदि समस्याएं हो सकती हैं.
Published at : 13 Jun 2025 07:58 PM (IST)
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