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क्यों एतिहासिक स्तर 1 लाख को छूने के बाद अब नहीं बढ़ रही सोने की कीमत, इन फैक्टर्स ने किया काम

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वैश्विक रुप से भी अगर देखें तो सोने का भाव में करीब 1 फीसदी की गिरावट हुई है. स्पॉट गोल्ड के रेट्स 0.8 प्रतिशत गिरकर 3,314.99 डॉलर प्रति औंस पर आ गया है.

By : एबीपी बिजनेस डेस्क | Edited By: राजेश कुमार | Updated at : 29 Apr 2025 01:37 PM (IST)

सोने की कीमत में 22 अप्रैल को उस वक्त रिकॉर्ड इजाफा हुआ जब ये प्रति 10 ग्राम 1 लाख रुपये को पार कर गई. हालांकि, बाजार के जानकारों इस बात की पहले से संभावना जताई जा रही थी कि अप्रैल के आखिर तक यानी अक्षय तृतीया के आने तक सोना 1 लाख के पार जा सकता है. लेकिन, उसके बाद से कुछ दिनों में लगातार सोने की कीमतों में कमी देखने को मिल रही है. इंडियन बुलियन एसोसिएशन के मुताबिक, मंगलवार को सोना 0.8 प्रतिशत गिरकर प्रति 10 ग्राम 95,560 रुपये हो गया है.

वैश्विक रुप से भी अगर देखें तो सोने के भाव में करीब 1 फीसदी की गिरावट आयी है. स्पॉट गोल्ड का रेट 0.8 प्रतिशत गिरकर 3,314.99 डॉलर प्रति औंस पर आ गया है. जबकि यूएस गोल्ड फ्यूचर्स 0.7 प्रतिशत गिरकर 3,325 प्रति डॉलर पर आ गया है. 

वैश्विक स्तर पर गिरा सोने का भाव

बाजार के जानकारों की मानें तो सोने की कीमतों में गिरावट की बड़ी वजह विश्व व्यापार को लेकर तनाव में आयी कमी और ग्लोबल मार्केट में निवेशकों का साकारात्मक रुझान है. यूएस ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट ने हाल में कहा कि भारत समेत कई शीर्ष व्यापारिक साझीदार देशों की तरफ से अमेरिकी टैरिफ के बदले कई बेहतर प्रस्ताव आए हैं. उन्होंने ये भी कहा कि जल्द ही भारत के साथ व्यापारिक समझौते हो सकते हैं.

इसके अलावा, अमेरिकी सामानों के ऊपर से कुछ टैरिफ हो हटाने के चीन के फैसले को भी तनाव को कम करने की दिशा में बढ़ाया गया कदम माना जा रहा है. अमेरिकी सरकार ने भी यह संकेत दिया है कि वे ऑटो टैरिफ को कम करेंगे, जिससे व्यापार संबंध और बेहतर हो सकता है.

आसमान से नीचे आ रहा सोना का भाव

एलकेपी सिक्योरिटीज में वीपी रिसर्च एनालिस्ट जीतन त्रिवेदी ने कहा- व्यापारिक संबंधों में व्याप्त तनाव के म होने की वजह है अमेरिकी ने टैरिफ पर बातचीत के लिए कई देशों का रास्ता खोल दिया है. साथ ही, चीन और अमेरिकी के बीच व्यापारिक समझौते जल्द होने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान से भी तनाव कम करने में काफी मदद मिली है. इसके अलावा, रूस और यूक्रेन के बीच संभावित शांति समझौते ने भी सोने में सुरक्षित निवेश की भावना को कम किया है.

जैसे ही निवेशकों में डर की भावना खत्म होगी वे सुरक्षित निवेश जैसे सोने में पैसे लगाने की सोच से बाहर निकलेंगे. सोना की मांग में इस तरह कमी होने पर इसकी कीमत गिर जाएगी. एक्सपर्ट्स का कहना है कि वैश्विक मंदी का डर और अंतरराष्ट्रीय बाजार में आनिश्चितता के चलते इससे पहले सोना 3,500.05 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया था. 

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Published at : 29 Apr 2025 01:29 PM (IST)

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