हिंदी न्यूज़बिजनेसखुशखबरी: अप्रैल में बिना अप्रैजल बढ़कर आई सैलरी, क्या है ये जादू? समझिए पूरा कैलकुलेशन
कंपनी की तरफ से इनकम टैक्स डिक्लेशन देने के बावजूद एकाउंट में सैलरी कटकर ही आती थी. इसके बाद मोहन सीए से रिटर्न फाइल कराते थे और उसके बाद उन्हें उसकी कुछ हिस्सा वापस मिल पाता था.
By : एबीपी बिजनेस डेस्क | Edited By: राजेश कुमार | Updated at : 01 May 2025 12:42 PM (IST)
खुश खबरी: सैलरी वालों को अप्रैजल ही अप्रैल में बढ़कर आयी सैलरी, जानिए क्या है इसके नियम
अप्रैल के महीने से नए वित्त वर्ष 2025-26 की शुरुआत हो चुकी है. वेतनभोगियों के अप्रैल महीना की सैलरी भी अब उनके एकाउंट में आ चुकी है. लेकिन कई लोग इस बात से जरूर हैरान होंगे कि आखिर बिना अप्रैजल के ही कैसे उनके एकाउंट में बढ़ा हुआ पैसा आ गया है. क्योंकि अभी ऑफिस में अप्रैल का प्रोसेस पूरा होने में वक्त लगेगा. ऐसे में सरकारी नौकरी करने वाले हों या फिर प्राइवेट कर्मचारी, सभी के एकाउंट में इस बढ़े हुए पैसे का क्या राज है?
उदाहरण के तौर पर मोहन को ही देखिए, वे अप्रैल के महीने में आए वेतन के बढ़े पैसे से काफी उत्साहित हैं. इसकी वजह ये है कि कंपनी की तरफ से इनकम टैक्स डिक्लेशन देने के बावजूद मोहन के एकाउंट में सैलरी कटकर ही आती थी. इसके बाद मोहन सीए से रिटर्न फाइल कराते थे और उसके बाद उन्हें उसकी कुछ हिस्सा वापस मिल पाता था.
बिना अप्रैजल आया बढ़ा पैसा
ये दरअसल, इनकम टैक्स में वित्त वर्ष 2025-26 में दी गई छूट की वजह से ऐसा है. जिसके बाद अब 12 लाख 75 हजार तक की सैलरी पर न किसी तरह का कोई टैक्स लगेगा और न ही कटा हुआ वेतन मिलेगा.
ऐसे में मोहन की सीटीसी 12 लाख 50 हजार रुपये हैं और उन्हें अब ये उम्मीद है कि अप्रैल के महीने से न ही किसी तरह का कोई निवेश दिखाना पड़ेगा और न ही टैक्स बचाने के लिए पहले की तरह झंझट करना होगा, जैसे मकान किराए का स्लिप, बच्चों के स्कूल फीस और अन्य तरह के खर्च, जो वेतन कटने से पहले ऑफिस को देना पड़ता था.
सरकार की तरफ से अब 12 लाख रुपये तक की छूट दी गई है. इसके अलावा 75 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन है. ऐसे में अब जिन लोगों की सालाना आया 12 लाख 75 हजार रुपये तक है, उनका पैसा नहीं कटेगा.
क्या है सीटीसी
एक अप्रैल से टैक्स को लेकर कई नियम बदल गए हैं. इसके बाद न्यू टैक्स रिजीम में जो भी स्टैंडर्ड डिडक्शन, टैक्स स्लैब और अन्य तरह के बदलाव किए गए थे वो नए वित्त वर्ष के शुरू होते ही यानी 1 अप्रैल से शुरू हो गया है. ऐसे में इस हिसाब से मोहन जैसे जो भी अन्य लोग अगर नए टैक्स रिजीम को चुनते हैं तो इन से उन्हें कम से कम 5150 से लेकर 9,150 रुपये तक की इनहैंड सैलरी बढ़कर मिली होगी.
अब आइये समझते हैं कि आखिर सीटीसी क्या होता है? CTC का मतलब है कंपनी टू कॉस्ट यानी जो पैसे कंपनी एक साल में अपने कर्मचारियों के ऊपर खर्च करती है वो सीटीसी कहलाता है. इसमें बेसिक सैलरी से लेकर एचआरए और अन्य एलाउंसेज शामिल होती हैं. इसमें वो पैसे भी शामिल होते हैं जो कंपनी की तरफ से पीएफ या फिर ईपीएफ के तौर पर जमा कराया जाता है. यानी ऐसे समझे कि सीटीसी से कर्मचारियों का वजन माना जाता है जबकि इनहैंड सैलरी वो हुई जो महीने के आखिर में आपके एकाउंट में आती है.
Published at : 01 May 2025 12:31 PM (IST)
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