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गांव बनाम शहर: सालाना खर्च बढ़ा लेकिन फर्क अभी भी बरकरार, सरकार ने जारी किए आंकड़े

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देश में खर्च बढ़ा है लेकिन गांव और शहरों के बीच का फर्क अभी भी बहुत ज्यादा है. सरकार की योजनाओं का असर धीरे-धीरे दिख रहा है लेकिन इसे और तेज करने की जरूरत है.

By : शिवांक मिश्रा | Edited By: संतोष सिंह | Updated at : 10 Mar 2025 11:19 PM (IST)

Parliament Session: देश में लोगों का मासिक खर्च बीते कुछ वर्षों में लगातार बढ़ा है लेकिन गांव और शहरों के खर्च में अभी भी बड़ा अंतर बना हुआ है. केंद्रीय सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की तरफ से सोमवार (10 मार्च, 2025) को राज्यसभा में जानकारी दी गई. आंकड़ों के अनुसार, ग्रामीण इलाकों में हर व्यक्ति का मासिक खर्च जो साल 2022-23 में 3,773 रुपये था वो 2023-24 में बढ़कर 4,122 रुपये हो गया है. इसका मतलब है कि गांवों में खर्च 9.2% बढ़ा है. वहीं, शहरों में यह खर्च 6,459 रुपये से बढ़कर 6,996 रुपये हो गया, यानी इसमें 8.3% की बढ़ोतरी हुई है.

केंद्रीय राज्य मंत्री की तरफ से पेश आंकड़ों में यह साफ दिख रहा है कि शहर और गांव के खर्च में अभी भी बहुत अंतर है. आंकड़ों के अनुसार 2023-24 में शहरों में रहने वाले लोग गांव के लोगों से 70 प्रतिशत ज्यादा खर्च कर रहे हैं. वहीं, कुछ राज्यों में यह अंतर और भी ज्यादा है. मेघालय में शहरी इलाकों का खर्च ग्रामीण इलाकों से 104% ज्यादा है. झारखंड में यह अंतर 83 प्रतिशत और गुजरात व छत्तीसगढ़ में 74 प्रतिशत तक पहुंच गया है.

किन राज्यों के खर्च में हुई बढ़ोतरी?

कुछ राज्यों में खर्च में अच्छी बढ़ोतरी हुई है. लद्दाख में ग्रामीण लोगों का खर्च 24.2 प्रतिशत और शहरी लोगों का खर्च 21.2 प्रतिशत बढ़ा है. सिक्किम में भी खर्च तेजी से बढ़ा है. वहां गांवों में 21.3 प्रतिशत और शहरों में 15.1 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. त्रिपुरा में ग्रामीण खर्च 20.2 प्रतिशत और शहरी खर्च 8.5 प्रतिशत बढ़ा है. दिल्ली में शहरी खर्च सिर्फ 3.9 प्रतिशत बढ़ा, जबकि ग्रामीण खर्च 12.5 प्रतिशत बढ़ा. अंडमान और निकोबार में शहरी खर्च केवल 1.8 प्रतिशत बढ़ा. जम्मू-कश्मीर में शहरी खर्च में सिर्फ 2.4% की वृद्धि हुई है.

शहर और गांव का अंतर कम करने के लिए शुरू की गईं योजनाएं 

सरकार ने गांव और शहरों के बीच खर्च के इस अंतर को कम करने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं. रोजगार बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना, मनरेगा और दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना चलाई जा रही हैं. छोटे व्यापारियों और किसानों को आर्थिक मदद देने के लिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, जन धन योजना और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना शुरू की गई है.

गरीब परिवारों को मुफ्त इलाज देने के लिए आयुष्मान भारत योजना चलाई जा रही है. खाने की सुविधा के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना लागू की गई है. घर बनाने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना और गैस सिलेंडर देने के लिए उज्ज्वला योजना शुरू की गई है.

देश में खर्च बढ़ा है लेकिन गांव और शहरों के बीच का फर्क अभी भी बहुत ज्यादा है. सरकार की योजनाओं का असर धीरे-धीरे दिख रहा है लेकिन इसे और तेज करने की जरूरत है ऐसे में अगर गांवों में रोजगार के मौके बढ़ेंगे और वहां की बुनियादी सुविधाएं बेहतर होंगी, तो यह फर्क कम किया जा सकता है.

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Published at : 10 Mar 2025 11:19 PM (IST)

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