हिंदी न्यूज़बिजनेसगांव से चलती है 50,000 करोड़ रुपये की यह कंपनी, फाउंडर की सादगी जीत लेगी आपका दिल
Zoho Corporation: जोहो कॉर्पोरेशन के फाउंडर श्रीधर वेम्बू आज किसी पहचान के मोहताज नहीं है. हालांकि, आज वह जिस मुकाम पर हैं वहां तक पहुंचने का उनका सफर किसी प्रेरणा से कम नहीं है.
By : एबीपी बिजनेस डेस्क | Edited By: Arijita Sen | Updated at : 22 Feb 2025 06:34 PM (IST)
Zoho Corporation: जोहो कॉर्पोरेशन सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट इंडस्ट्री का एक बड़ा नाम है और इसके फाउंडर श्रीधर वेम्बू बिजनेस वर्ल्ड के जाने-माने शख्सियत बन चुके हैं. यहां तक आने का उनके अब तक का सफर किसी प्रेरणा से कम नहीं है. विदेश में पढ़ाई करने के बाद एक प्राइवेट जॉब करने और इसके बाद नौकरी छोड़कर अपना खुद का सॉफ्टवेयर साम्राज्य खड़ा करने में उन्होंने दिन-रात कड़ी मेहनत की.
अमेरिका से आकर गांव में बसे वेम्बू
जहां लोग ज्यादातर बेहतर मौके की तलाश में गांव से शहरों का रूख करते हैं या विदेशों में जाकर बस जाते हैं. वहीं, वेम्बू ने बिल्कुल इसका विपरीत किया. वह अमेरिका छोड़कर तमिलनाडु के एक छोटे से गांव में आकर बस गए, जहां आज वह अपनी अरबों डॉलर की कंपनी चलाते हैं. जोहो का हेडक्वॉर्टर चेन्नई में है. लेकिन वेम्बू ने लगभग 630 किलोमीटर दूर तेनकासी के पास एक सुदूर गांव मथालमपराई में एक सैटेलाइट ऑफिस बनाया. इस पहल के जरिए वह न केवल खुद की कंपनी को आगे बढ़ा रहे हैं, बल्कि सामुदायिक विकास को बढ़ावा देकर ग्रामीण भारत को भी बदल रहे हैं. उनके इन्हीं प्रयासों के लिए उन्हें भारत के 72वें गणतंत्र दिवस पर प्रतिष्ठित पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
इसलिए सैटेलाइट ऑफिस के लिए तेनकासी को चुना
गांव में जोहो का सैटेलाइट ऑफिस बनाने के उनके फैसले ने पहले सबको चौंका दिया. एक इंटरव्यू में वेम्बू ने बताया कि उन्हें यह ख्याल तब आया जब कंपनी ने चेन्नई के बाहर से कर्मचारियों को काम पर रखना शुरू किया. वह इस ट्रेंड को बदलना चाहते थे. अक्सर लोग गांव से शहरों की तरफ पलायन करते हैं. इसके बजाय, उन्होंने बुनियादी सुविधाओं वाले एक छोटे से शहर की तलाश की और तेनकासी उन्हें बिल्कुल परफेक्ट च्वॉइस लगा.
तेनकासी में जोहो का यह है असर
उन्होंने तेनकासी में एक छोटा सा ऑफिस किराए पर लेकर इसकी शुरुआत की और बाद में मथालमपराई में एक पुरानी फैक्ट्री खरीदकर उसे टेक कैंपस में बदल दिया. वह सिर्फ ऑफिस बनाने तक ही नहीं, बल्कि जोहो स्कूल ऑफ लर्निंग की भी शुरुआत की, जहां हाई स्कूल और डिप्लोमा स्टूडेंट्स को अलग-अलग स्किल्स की ट्रेनिंग दी जाने लगी. चेन्नई में अर्थशास्त्रियों के एक कंसल्टिंग ग्रुप ने की गई अपनी स्टडी में पाया कि तेनकासी में जोहो की मौजूदगी का एक पॉजिटिव इम्पैक्ट रहा है. इससे लोगों को रोजगार मिला है, महिला सशक्तिकरण हुआ है, शिक्षा को बढ़ावा मिला है और रोजगार के अवसर भी बढ़े हैं.
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Published at : 22 Feb 2025 06:22 PM (IST)
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आनंद कुमार
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