हिंदी न्यूज़बिजनेसघटी महंगाई दर के बाद रेपो रेट में 125 बेसिस प्वाइंट की हो सकती है कटौती, RBI की पॉलिसी में बदलाव के संकेत
RBI Repo Rate: एसबीआई रिपोर्ट में सुझाव दिया गया कि केंद्रीय बैंक को रेपो में आधा प्रतिशत की बड़ी कटौती करनी चाहिए, क्योंकि यह अधिक प्रभावी होगी.
By : एबीपी बिजनेस डेस्क | Edited By: राजेश कुमार | Updated at : 06 May 2025 07:19 AM (IST)
आरबीआई रेपो रेट में कटौती की संभावना
Source : તસવીર- ABP LIVE
RBI Repo Rate: आर्थिक मोर्चे पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से आने वाले दिनों में और राहत दी जा सकती है. मार्च के महीने में उपभोक्त मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई दर 3.34 के स्तर पर आ गई थी. ये पिछले कई सालों में निम्न स्तर रहा. एसबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि आगे महंगाई में और कमी की संभावना को लेकर आरबीआई की तरफ से फाइनेंशियल ईयर 2025-26 में करीब 125 बेसिस प्वाइंट की कटौती की जा सकती है.
सोमवार को एसबीआई की रिपोर्ट में कहा गया कि जून और अगस्त के महीने में होने वाली आरबीआई की बैठकों में करीब 75 बेसिस प्वाइंट की कटौती हो सकती है जबकि 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती फाइनेंशियल ईयर 2026 के दूसरी छमाही में की जा सकती है.
रेपो रेट में और कटौती संभव
गौरतलब है कि इससे पहले आरबीआई ने वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है, जिसमें फरवरी में 25 बेसिस प्वाइंट फरवरी में और 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती अप्रैल में हुई बैठक में की गई.
एबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि मार्च के महीने में बहुवर्षीय निम्न महंगाई दर और आगे चलकर महंगाई के सामान्य बने रहने की संभावना को देखते हुए जून और अगस्त में पॉलिसी रेट में 75 बेसिस प्वाइंट की कटौती हो सकती है. इसमें आगे बताया गया है कि आगे चलकर दूसरी छमाही में 50 बेसिस प्वाइंट की और कटौती संभव है.
और कम होगी महंगाई
एसबीआई रिपोर्ट में सुझाव दिया गया कि केंद्रीय बैंक को रेपो में आधा प्रतिशत की बड़ी कटौती करनी चाहिए, क्योंकि यह अधिक प्रभावी होगी. रिपोर्ट में कहा गया है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति में तेज गिरावट हुई है और यह मार्च, 2025 में 67 महीने के निचले स्तर 3.34 प्रतिशत पर आ गई है. खाद्य मुद्रास्फीति में तेजी से सुधार के चलते ऐसा संभव हो सका.
भारतीय स्टेट बैंक के आर्थिक अनुसंधान विभाग की ‘मुद्रास्फीति और दर कटौती प्रक्षेप पथ’ शीर्षक वाली शोध रिपोर्ट में कहा गया कि वित्त वर्ष 2025-26 के लिए चालू कीमतों पर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि 9-9.5 प्रतिशत की सीमा में रहने की उम्मीद है. ऐसे में कम वृद्धि और कम मुद्रास्फीति को देखते हुए नीतिगत दरों में कटौती के लिए एक अच्छी गुंजाइश बनती है.
रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘मार्च में बहु-वर्षीय निम्न मुद्रास्फीति और आगे चलकर सामान्य मुद्रास्फीति के अनुमान के साथ, हम जून और अगस्त में दर में 0.75 प्रतिशत की दर में कटौती और चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में आधा प्रतिशत कटौती की उम्मीद कर रहे हैं. इस तरह कुल कटौती 1.25 प्रतिशत के करीब हो सकती है.’’ रिपोर्ट में कहा गया कि 0.25 प्रतिशत की कटौती करने के जगह 0.5 प्रतिशत की कटौती अधिक प्रभावी होगी. रिपोर्ट के अनुसार, 2025 में डॉलर-रुपया विनिमय दर 85-87 रुपये के दायरे में रहने की उम्मीद है.
Published at : 06 May 2025 07:07 AM (IST)
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