हिंदी न्यूज़बिजनेसटैरिफ पर IMF ने किया भारत के रुख का समर्थन, अमेरिका-चीन ट्रेड टेंशन पर दिया बड़ा बयान
IMF On US Tariffs: राष्ट्रपति ट्रंप की तरफ से अपने व्यापारिक साझीदार देशों पर लगाए गए टैरिफ के उनके इस कदमों के खिलाफ आचोलना करने से जॉर्जीवा लगातार बचती रहीं और कहा कि इससे नकारात्मक असर पड़ता है.
By : एबीपी बिजनेस डेस्क | Edited By: राजेश कुमार | Updated at : 18 Apr 2025 10:44 AM (IST)
आईएमएफ की डायरेक्टर क्रिस्टालिना जॉर्जीवा
Source : social
IMF On US Tariffs: ट्रंप टैरिफ के चलते इंटरनेशनल मार्केट में हलचल और बढ़ते ट्रेड टेंशन के बीच अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ ने बड़ा बयान दिया है. आईएमएफ की डायरेक्टर क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने गुरुवार को कहा कि अमेरिका और चीन दोनों ही देशों की व्यापारिक चिंताएं हैं. लेकिन दुनिया की दो आर्थिक महाशक्ति को इस अनिश्चितताओं को दूर करना चाहिए. साथ ही, नियम आधारित और निष्पक्ष व्यापार पर सहमत होना चाहिए.
अगले हफ्ते आईएमएफ और वर्ल्ड बैंक की बैठक से ठीक पहले वाशिंगटन में एक कार्यक्रम के दौरान बोलते हुए जॉर्जीवा ने टैरिफ की बाधाओं को दूर करने के लिए भारत के कदमों का स्वागत किया. टैरिफ पर ट्रंप के साथ बातचीत पर उन्होंने कहा कि कहीं भी टैरिफ लगा हो, उसकी दरों में कमी आनी चाहिए.
हालांकि, राष्ट्रपति ट्रंप की तरफ से अपने व्यापारिक साझीदार देशों पर लगाए गए टैरिफ के उनके इस कदमों के खिलाफ आचोलना करने से जॉर्जीवा लगातार बचती रहीं और कहा कि इससे नकारात्मक असर पड़ता है. जॉर्जीवा ने कहा, "कुछ जगहों पर अन्याय की ये भावना इस कथन से मेल खाती है कि 'हम नियमों के अनुसार खेलते हैं जबकि अन्य बिना किसी दंड के सिस्टम का इस्तेमाल करते हैं." उन्होंने आगे कहा कि ये "व्यापार असंतुलन व्यापार तनाव को बढ़ाता है."
आईएमएफ डायरेक्टर ने कहा कि अमेरिका को चीन की बौद्धिक संपदा से जुड़ी चीजों और गैर-टैरिफ बाधाओं के बारे में शिकायतें हैं. दूसरी तरफ चीन, अमेरिका के साथ ऐसा सहयोग चाहता है जिससे दोनों अर्थव्यवस्थाएं मजबूत स्थिति में आ सकें.
जॉर्जीवा ने आगे कहा कि हम अनिश्चितता को खत्म देखना चाहते हैं. लेकिन जब तक विश्व की दो आर्थिक धुरियों के बीच तनाव रहेगा तब तक ये मुश्किलर है. वास्तवव में ये महत्वपूर्ण और इन सबसे ऊपर है कि निष्पक्ष और नियम आधारित व्यवस्था हो. आईएमएफ चीफ ने कहा कि टैरिफ को कम करना और व्यापार बाधाओं को हटाना भारत के लिए आसान नहीं था, लेकिन वह ऐसा कर रहा है. उन्होंने आगे कहा कि ये कदम देश के आर्थिक रफ्तार को लेकर काफी मददगार साबित होगा.
जॉर्जीवा ने कहा कि यूरोपीय संघ में भी टैरिफ और अन्य व्यापारिक बाधाओं को कम किया जाना संभव था और इससे द्विपक्षीय और बहुपक्षीय व्यापास समझौते को बढ़ावा मिलता.
Published at : 18 Apr 2025 10:24 AM (IST)
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