भारत में प्रसव के दौरान लेबर रूम में पति या किसी अन्य सहयोगी की मौजूदगी को लेकर कोई स्पष्ट कानून नहीं है, जिससे इसकी इजाजत मिलने या रोक लगाने का पता चलता हो.
By : एबीपी लाइव | Edited By: Sonam | Updated at : 05 Jun 2025 10:35 AM (IST)
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Source : ABP Live
प्रेग्नेंसी से लेकर डिलीवरी तक का वक्त हर महिला की जिंदगी में बेहद अहम होता है. इस दौरान उसे इमोशनल सपोर्ट की बेहद जरूरत होती है, जिसके चलते लेबर रूम में पति की मौजूदगी को लेकर भी कई बार सवाल उठ चुके हैं. क्या भारत के अस्पतालों में डिलीवरी के वक्त पति अपनी पत्नी के साथ लेबर रूम में मौजूद रह सकता है? आइए इसका जवाब जानते हैं...
भारत में क्या है कानून?
भारत में प्रसव के दौरान लेबर रूम में पति या किसी अन्य सहयोगी की मौजूदगी को लेकर कोई स्पष्ट कानून नहीं है, जिससे इसकी इजाजत मिलने या रोक लगाने का पता चलता हो. हालांकि, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 2016 में एक अहम नीति लागू की थी, जिसके तहत सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में जन्म सहयोगी (Birth Companion) की मौजूदगी की इजाजत दी गई. इस नीति के मुताबिक, डिलीवरी के दौरान गर्भवती महिला के साथ कोई महिला रिश्तेदार या कुछ मामलों में पति को इमोशनल सपोर्ट देने के लिए लेबर रूम में रहने की इजाजत दी जा सकती है. इसका मकसद मातृ मृत्यु दर (MMR) और शिशु मृत्यु दर (IMR) को कम करना है.
इन योजनाओं के तहत लागू की गई नीति
बता दें कि यह नीति खासकर लक्ष्मी बाई जन्मजात सुरक्षा योजना और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के तहत लागू की गई थी. इसके तहत जन्म सहयोगी के रूप में एक ऐसी महिला को प्राथमिकता दी जाती है, जिसने पहले डिलीवरी का अनुभव किया हो, लेकिन गोपनीयता प्रोटोकॉल का पालन करने वाली सुविधाओं में पति को भी अनुमति दी जा सकती है. हालांकि, यह इजाजत अस्पताल की नीतियों, डॉक्टर की सहमति और गर्भवती महिला की मेडिकल कंडीशन पर निर्भर करती है.
लेबर रूम को लेकर क्या हैं अस्पतालों की नीतियां?
प्राइवेट अस्पताल: खासकर शहरी इलाकों में मौजूद कई प्राइवेट अस्पताल पति को लेबर रूम में रहने की अनुमति देते हैं. हालांकि, साफ-सफाई और गोपनीयता के प्रोटोकॉल का पालन करने जैसी शर्तें लागू होती हैं. दरअसल, प्राइवेट अस्पतालों में लेबर रूम अक्सर ऑपरेशन थिएटर कॉम्प्लेक्स के अंदर होता है, जहां इंफेक्शन का खतरा काफी ज्यादा रहता है.
सरकारी अस्पताल: सरकारी अस्पतालों के लेबर रूम में डिलीवरी के दौरान पति की मौजूदगी का चलन अभी बेहद कम है. अधिकांश सरकारी अस्पतालों में पति को लेबर रूम में एंट्री की इजाजत नहीं दी जाती है, क्योंकि वहां संसाधनों की कमी रहती है. हालांकि, 2016 की स्वास्थ्य मंत्रालय की नीति के बाद कुछ सरकारी अस्पतालों ने पति या महिला रिश्तेदार को जन्म सहयोगी के रूप में इजाजत देना शुरू कर दिया है.
सिजेरियन डिलीवरी: सिजेरियन डिलीवरी के मामले में पति की मौजूदगी को लेकर नियम बेहद सख्त हैं. दरअसल, चाहे प्राइवेट अस्पताल हो या सरकारी अस्पताल, अधिकांश जगह सिजेरियन के दौरान पति को ऑपरेशन थिएटर में एंट्री की इजाजत नहीं दी जाती है.
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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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Published at : 05 Jun 2025 10:35 AM (IST)
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