हिंदी न्यूज़लाइफस्टाइलहेल्थपुरुषों को कब समझ जाना चाहिए कि वो नहीं बन सकते हैं पिता, ऐसे पता लगती है इनफर्टिलिटी
इंफर्टिलिटी का पता लगाने का सबसे आसान तरीका है कि अगर कोई कपल एक साल या उससे अधिक समय से फिजिकल रिलेशन बना रहा है, लेकिन बच्चे का सपना पूरा नहीं हो पा रहा है तो यानी कोई दिक्कत है.
By : एबीपी लाइव | Updated at : 31 May 2025 07:25 AM (IST)
पुरुषों में इनफर्टिलिटी कैसे दूर करें?
Source : ABP Live
बिगड़ते खानपान, लाइफस्टाइल और हेल्थ इश्यूज के चलते एक समस्या तेजी से पुरुषों में बढ़ रही है, वह है इनफर्टिलिटी. कई बार पुरुष इसके लक्षणों को नजरअंदाज कर देते हैं तो कई बार इस संबंध में बात करने से झिझकते हैं. लेकिन ये अन्य हेल्थ प्राॅब्लम की तरह ही है, जिसकी जांच और इलाज दोनों अवेलेबल है. आखिर पुरुष किस तरह इफर्टिलिटी को पहचान सकते हैं और कब उन्हें डाॅक्टर से कंसल्ट करना चाहिए, आइए जानते हैं...
पहले ये समझिए इनफर्टिलिटी क्या है?
इंफर्टिलिटी का पता लगाने का सबसे आसान तरीका है कि अगर कोई कपल एक साल या उससे अधिक समय से फिजिकल रिलेशन बना रहा है, लेकिन बच्चे का सपना पूरा नहीं हो पा रहा है तो यानी कोई दिक्कत है. इनफर्टिलिटी की प्राॅब्लम सिर्फ पुरुष में ही नहीं, बल्कि महिला में भी देखने को मिल सकती है. इसके लिए डाॅक्टर से कंसल्ट करना चाहिए. जिसके बाद कुछ मेडिकल टेस्ट के जरिए इसके कारण का पता लगाया जा सकता है.
पुरुषों में इनफर्टिलिटी की ये हो सकती हैं वजह
- हार्मोन संतुलन बिगड़ना: बाॅडी में हार्मोन का बैलेंस बिगड़ने से कई तरह की समस्या सामने आती हैं. मेल में इसका असर स्पर्म के प्रोडक्शन पर देखने को मिल सकता है.
- वैरिकोसेले: ये एक ऐसी स्थिति है जब टेस्टिकल्स में ब्लड का सर्कुलेशन सही तरीके से नहीं हो पाता. इससे टेस्टिकल्स का टेम्प्रेचर बढ़ता है, जो स्पर्म के प्रोडक्शन को प्रभावित करता है, जो इनफर्टिलिटी की वजह बन सकता है.
- स्पर्म के रीलिज होने में दिक्कत: कई बार बाॅडी के सेक्सुअल पार्ट में ब्लाॅकेज या अन्य दिक्कतों के चलते स्पर्म बाॅडी से रीलिज नहीं हो पाता, जिससे इनफर्टिलिटी हो सकती है.
- स्पर्म काउंट: पुरुषों में अगर स्पर्म काउंट यानी स्पर्म की संख्या कम होती है तो इससे प्रेग्नेंसी ठहरने में दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है.
- स्पर्म की क्वालिटी: इनफर्टिलिटी के लिए स्पर्म की क्वालिटी भी वजह हो सकती है. अगर स्पर्म की गति (मोटिलिटी ) या आकार (मोफोर्लाॅजी) सही नहीं होता, तो भी प्रेग्नेंसी में प्राॅब्लम आ सकती है.
ऐसे डायग्नोज की जाती है प्राॅब्लम
- सीमन एनालाइज: यह टेस्ट पुरुष के स्पर्म की क्वालिटी, स्पर्म काउंट, मोटिलिटी और आकार की जांच करता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स इसे दो बार, एक महीने के अंतराल पर करवाने की सलाह देते हैं, जिससे इसका सही रिजल्ट मिल सके.
- हार्मोनल टेस्ट: पुरुष के शरीर में टेस्टोस्टेरोन और अन्य फर्टिलिटी हार्मोन के लेवल का टेस्ट किया जाता है. इसके साथ ही हेल्थ एक्सपर्ट्स जरूरत पड़ने पर पेशेंट का शारीरिक परीक्षण भी कर सकते हैं, जिससे संरचनात्मक समस्या का पता लगाया जा सके.
ये हो सकता है इलाज
जिस तरह से मेडिकल साइंस में बदलाव हुए है, उससे इनफर्टिलिटी के कई केसेज में अब ट्रीटमेंट अवेलेबल है. हार्मोनल इंबैलेंस या अन्य कारणों को ठीक करने के लिए दवा अवेलेबल हैं. वैरिकोसेले यानी ब्लाॅकेज की स्थिति को दूर कर ब्लड फ्लो बनाने में सर्जरी की आवश्यकता पड़ सकती है. दिक्कत अधिक होने पर डॉक्टर इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) और इंटरसाइटोप्लाज्मिक स्पर्म इंजेक्शन (आईसीएसआई) जैसी प्रक्रियाओं का सुझाव दे सकते हैं, जिनमें स्पर्म और अंडाणु को लैब में मिलाया जाता है.
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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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Published at : 31 May 2025 07:25 AM (IST)
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