हिंदी न्यूज़न्यूज़इंडियाभारत ने जिस हथियार से पाकिस्तान को चटाई धूल, उसे खरीदने की तरकीब लगा रहा चीन का 'जानी दुश्मन'
D4 Anti Drone System: भारत के डिटेक्ट, डिटर, डिफेंड एंड डिस्ट्रॉय (D4) एंटी-ड्रोन प्रणाली ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष के दौरान तुर्किये के हथियारों को बेअसर करने के बाद वैश्विक ध्यान अपनी ओर खींचा है.
By : एबीपी लाइव | Edited By: संतोष सिंह | Updated at : 07 Jun 2025 08:28 PM (IST)
ताइवान खरीदेगा भारत का ये हाईटेक एंटी-ड्रोन सिस्टम
D4 Anti Drone System: चीन से बढ़ते खतरे के बीच ताइवान रक्षा सौदों को लेकर भारत की तरफ देख रहा है. ताइवान ने भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) की ओर से मिलकर बनाए गए अत्याधुनिक डी4 एंटी-ड्रोन सिस्टम खरीदने में रुचि दिखाई है.
चीन की बढ़ती ड्रोन गतिविधियों से चिंतित ताइवान ने देश की सीमाओं को सुरक्षित करने के लिए ये कदम उठाया है. क्षेत्रीय तनाव के बीच ताइवान ने भारत के साथ रक्षा संबंधों को मजबूत करने में अहम दिलचस्पी दिखाई है.
DRDO के अधिकारी ने क्या बताया?
मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक डीआरडीओ के एक अधिकारी ने पुष्टि करते हुए बताया कि ताइवान का अनुरोध युद्ध समाधान के रूप में डी4 सिस्टम की बढ़ती प्रतिष्ठा को दर्शाता है. उन्होंने बताया कि ताइवान के साथ भारत का एक सफल सौदा गहन रक्षा सहयोग के रास्ते खोल सकता है, जिसमें संभावित रूप से हाईटेक काउंटर-ड्रोन टेक्नोलॉजी का संयुक्त विकास शामिल है.
इसके अलावा इंडो-पैसिफिक में चीन की आक्रामकता ताइवान के लिए भारत की रणनीतिक पहुंच एक महत्वपूर्ण प्रतिकार के रूप में काम कर सकती है, जो क्षेत्रीय सुरक्षा गतिशीलता को नया रूप दे सकती है.
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान किया था बड़ा कमाल
भारतीय रक्षा अनुसंधान विंग (IDRW) के बयान के मुताबिक भारत की स्वदेशी रूप से विकसित डिटेक्ट, डिटर, डिफेंड एंड डिस्ट्रॉय (D4) एंटी-ड्रोन प्रणाली ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष के दौरान तुर्किये के ड्रोन और हथियारों को बेअसर करने में अपनी प्रभावशीलता के लिए वैश्विक ध्यान अपनी ओर खींचा है.
डी4 एंटी-ड्रोन सिस्टम ने ऑपरेशन सिंदूर में अपनी क्षमता का बेहतरीन प्रदर्शन किया, जहां इसने तुर्की के बयारकतार टीबी-2 ड्रोनों सहित पाकिस्तानी ड्रोनों के झुंड को सफलतापूर्वक निष्क्रिय किया. यह सिस्टम दुश्मन के ड्रोन को बेअसर करने के लिए सॉफ्ट किल विधियों (इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग, जीपीएस स्पूफिंग) और हार्ड किल विधियों (लेजर-आधारित ऊर्जा हथियार) दोनों का उपयोग करता है.
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Published at : 07 Jun 2025 08:25 PM (IST)
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