हिंदी न्यूज़मनोरंजनबॉलीवुड'ये सब भगवान के हाथ में था', ममता कुलकर्णी ने पहली बार महामंडलेश्वर विवाद पर तोड़ी चुप्पी
Mamta Kulkarni: ममता कुलकर्णी को महाकुंभ के दौरान किन्नर अखाड़े का महामंडलेश्वर बनाया गया था लेकिन फिर उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया था. अब उन्होंने इस पूरे विवाद पर चुप्पी तोड़ी है.
By : एबीपी एंटरटेनमेंट डेस्क | Edited By: निशा शर्मा | Updated at : 31 May 2025 08:28 AM (IST)
ममता कुलकर्णी ने महामंडलेश्वर विवाद पर तोड़ी चुप्पी
Source : Instagram
Mamta Kulkarni On Mahamandleshwar Controversy: बॉलीवुड की पूर्व अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ने हाल ही में प्रयागराज में महाकुंभ मेले में किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर की भूमिका से इस्तीफा दे दिया था. हालांकि उन्होंने कहा कि वह एक साध्वी के रूप में अपना आध्यात्मिक मार्ग जारी रखेंगी. उन्होंने ये फैसला आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी और किन्नर अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास के बीच ममता को महामंडलेश्वर की उपाधि दिए जाने को लेकर हुए विवाद के बाद लिया था. ममता ने अब पहली बार इस पूरे विवाद पर बात की है.
महामंडलेश्वर विवाद पर बोलीं ममता कुलकर्णी
एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा, "...उस कुंभ में महामंडलेश्वर बनना मेरे लिए भगवान के हाथों में था, जो 140 वर्षों में सबसे पवित्र अवसर था. भगवान ने मुझे मेरी 25 साल की 'तपस्या' का फल दिया. तो, ऐसा हुआ." ममता कुलकर्णी ने आध्यात्मिक यात्रा शुरू करने के लिए अपना सांसारिक जीवन छोड़ दिया. उन्होंने एक नया नाम रखा "श्री यमई ममता नंदगिरी." वह 24 जनवरी को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ मेले के दौरान महामंडलेश्वर (एक सम्मानित आध्यात्मिक नेता) बनी थीं.
बाबा रामदेव ने की थी ममता को महामंडलेश्वर बनाए जाने की आलोचना
योग गुरु बाबा रामदेव ने अभिनेता को महामंडलेश्वर बनाए जाने की खुलेआम आलोचना करते हुए कहा कि कोई भी व्यक्ति “एक ही दिन में” संत नहीं बन सकता. न्यूज एजेंसी पीटीआई ने बाबा रामदेव के हवाले से कहा था, “सनातन का महान कुंभ पर्व, जहां हमारी जड़ें जुड़ी हुई हैं, एक भव्य उत्सव है. यह एक पवित्र त्योहार है. कुछ लोग कुंभ के नाम पर अश्लीलता, नशा और अनुचित व्यवहार को जोड़ते हैं. यह महाकुंभ का वास्तविक सार नहीं है.” योग गुरु ने कहा था, “कुछ व्यक्ति, जो कल तक सांसारिक सुखों में लिप्त थे, अचानक संत बन जाते हैं या यहां तक कि एक ही दिन में महामंडलेश्वर जैसी उपाधि प्राप्त कर लेते हैं.”
ममता कुलकर्णी और लक्ष्मी नारायण को किया गया था निष्कासित
बता दें कि ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर नियुक्त किये जाने का कई संतों ने विरोध किया था. बाद में, ममता कुलकर्णी और आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी दोनों को किन्नर अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास ने अखाड़े से निष्कासित कर दिया था. 30 जनवरी 2025 को जारी प्रेस रिलीज के मुताबिक, ऋषि अजय दास ने कहा था, "किन्नर अखाड़े के संस्थापक के रूप में, मैं आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को किन्नर अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर के पद से तत्काल प्रभाव से मुक्त कर रहा हूं. उनकी नियुक्ति धार्मिक गतिविधियों को बढ़ावा देने और ट्रांसजेंडर समुदाय के उत्थान के उद्देश्य से की गई थी, लेकिन उन्होंने इन जिम्मेदारियों से खुद को अलग कर लिया है."
बता दें कि 1990 के दशक में, ममता कुलकर्णी ने करण अर्जुन और बाजी जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्मों से पॉपुलैरिटी पाई थी. 2000 के दशक की शुरुआत में, उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री से दूरी बना ली थी और विदेश चली गईं थीं.
Published at : 31 May 2025 08:23 AM (IST)
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