हिंदी न्यूज़राज्यमहाराष्ट्रराज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के बीच गठबंधन से BJP को होगा नुकसान? पार्टी के सर्वे ने चौंकाया
Shiv Sena UBT MNS Alliance: राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के बीच संभावित गठबंधन को लेकर बीजेपी ने सर्वे किया है. इसमें ये जानने की कोशिश की गई है कि क्या इस गठबंधन से कोई नुकसान होगा?
By : एबीपी स्टेट डेस्क | Edited By: जीवन प्रकाश | Updated at : 05 Jun 2025 12:30 PM (IST)
राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे को लेकर बीजेपी का सर्वे
Shiv Sena UBT MNS Alliance: महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) और राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के बीच गठबंधन की अटकलें हैं. इस बीच बीजेपी के आंतरिक सर्वे में दावा किया गया है कि इस गठबंधन से बीजेपी की चुनावी संभावनाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा. न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, बीजेपी के एक नेता ने ये दावा किया है.
बीजेपी ने बृहन्मुंबई नगर निगम के साथ-साथ पुणे और ठाणे सहित अन्य प्रमुख नगर निकायों के चुनावों की तैयारी शुरू कर दी है. बीजेपी ने मुंबई में चुनाव को देखते हुए उद्धव ठाकरे-राज ठाकरे के बीच गठबंधन की अटकलों के बीच उसके प्रभाव का मूल्यांकन करने के लिए एक विस्तृत सर्वेक्षण किया.
बीजेपी पदाधिकारी ने बुधवार (4 जून) को कहा, ''सर्वेक्षण से संकेत मिलता है कि बीजेपी तीन प्रमुख कारकों के कारण मुंबई में एक मजबूत स्थिति बनाए रखेगी. तीन प्रमुख कारक हैं- अपने पारंपरिक मतदाता आधार का विश्वास, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का नेतृत्व और पिछले राज्य विधानसभा चुनावों में पार्टी का मजबूत प्रदर्शन.''
क्यों कम हुआ उद्धव ठाकरे का आधार?
उन्होंने कहा, ''पारंपरिक मराठी मतदाता आधार वाले क्षेत्रों में भी, बीजेपी का समर्थन स्थिर है. सर्वेक्षण से पता चलता है कि ठाकरे भाइयों के बीच गठबंधन से पार्टी की सीट संख्या पर प्रभाव नहीं पड़ेगा.''
सर्वे में दावा किया गया है कि 2022 में शिवसेना में विभाजन के बाद, मुंबई में उद्धव ठाकरे का प्रभाव कम हो गया है, पार्टी के लगभग आधे नगरसेवक एकनाथ शिंदे गुट में शामिल हो गए हैं. उन्होंने कहा कि इस बीच राज ठाकरे का प्रभाव सीमित माना जा रहा है.
कितनी सीटों पर लड़ेगी बीजेपी?
पदाधिकारी ने कहा कि अगर बीजेपी बीएमसी चुनाव में 150 सीटों (कुल 227 में से) पर चुनाव लड़ती है तो उसे फायदा होगा. पदाधिकारी ने कहा कि पार्टी की तैयारियां उसी हिसाब से चल रही हैं.
2024 के लोकसभा चुनावों में एमएनएस ने महाराष्ट्र में बीजेपी को समर्थन दिया था, लेकिन छह महीने बाद दोनों दलों ने विधानसभा चुनाव अलग-अलग लड़े. इसके बाद चचेरे भाई उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के बीच पिछले दिनों साथ आने की अटकलें शुरू हुई.
इसको लेकर दोनों ही नेता कुछ आपनी मतभेद वाले मुद्दों को नजरअंदाज भी कर सकते हैं. पिछले दिनों एमएनएस प्रमुख ने कहा था कि मराठी मानुस (मराठी भाषी लोगों) के हितों में एकजुट होना मुश्किल नहीं है. वहीं इसके बाद उद्धव ठाकरे ने कहा था कि वह मामूली झगड़े को अलग रखने के लिए तैयार हैं, बशर्ते कि महाराष्ट्र के हितों के खिलाफ काम करने वालों के साथ वो नहीं जाएं.
Published at : 05 Jun 2025 12:30 PM (IST)
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