टैरिफ वार के चलते पिछले महीने इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में निवेश को गहरा झटका लगा। पिछले महीने इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में नेट इनफ्लो मासिक आधार पर 3.2 फीसदी गिरकर 24,269.26 करोड़ रुपये पर आ गया।
Mutual Fund News: पिछले महीने इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में निवेश को गहरा झटका लगा। पिछले महीने इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में नेट इनफ्लो मासिक आधार पर 3.2 फीसदी गिरकर 24,269.26 करोड़ रुपये पर आ गया। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स ऑफ इंडिया (AMFI) ने आज इसके आंकड़े जारी किया जिससे म्यूचुअल फंड्स को लेकर निवेशकों के रुझान का पता चला। खास बात ये है कि इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में निवेश अप्रैल महीने में घटा है लेकिन लगातार 50वें महीने यह पॉजिटिव जोन में रहा यानी कि लगातार 50वें महीने निकासी से अधिक खरीदारी हुई है।
सेगमेंट-वाइज कैसा रहा रुझान?
पिछले महीने अप्रैल में इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में नेट इनफ्लो मासिक आधार पर 3.2 फीसदी गिरकर 24,269.26 करोड़ रुपये पर आ गया। अब सेगमेंटवाइज बात करें तो मिडकैप फंड्स में नेट इनफ्लो 3.6 फीसदी गिरकर 3,313.98 करोड़ रुपये और स्मालकैप फंड्स में निवेश 2.3 फीसदी फिसलकर 3,999.95 करोड़ रुपये पर आ गया। वहीं दूसरी तरफ लार्जकैप फंड्स में इनफ्लो मासिक आधार पर 7.8 फीसदी उछलकर 2,671.46 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। सबसे तगड़ा उछाल तो सेक्टरल/थीमैटिक फंड्स में आया जिसमें निवेश मासिक आधार पर 1,076.4 फीसदी उछलकर 2,000.95 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
फिक्स्ड-इनकम सेगमेंट की बात करें तो डेट म्यूचुअल फंड्स में 2.19 लाख करोड़ रुपये का नेट इनफ्लो आया। डेट फंड्स में शॉर्ट-टर्म लिक्विड फंड्स में 1.19 लाख करोड़ रुपये का निवेश आया जबकि मार्च महीने में इससे 1.33 लाख करोड़ रुपये की निकासी हुई। मनी मार्केट फंड में भी पिछले महीने 31,507.04 करोड़ रुपये का नेट निवेश आया। वहीं दूसरी तरफ क्रेडिट रिस्क फंड, गिल्ट फंड और 10 साल के कॉन्स्टैंट ड्यूरेशन वाले गिल्ट फंड में हल्की निकासी दिखी।
म्यूचु्अल फंड इंडस्ट्री के AUM में उछाल
बाजार में रिकवरी के बावजूद पिछले महीने इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में निवेश घटा था। अप्रैल में घरेलू इक्विटी बेंचमार्क इंडेक्स बीएसई सेंसेक्स और निफ्टी 50 में 3 फीसदी से अधिक तेजी आई थी। ओवरऑल बात करें तो म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में 2.77 लाख करोड़ रुपये का नेट इनफ्लो आया। इसके चलते इंडस्ट्री का ओवरऑल नेट एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) 65.74 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 69.99 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
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