नोमुरा ने निवेशकों को अधिक वैल्यूएशन वाले शेयरों से साफ तौर से दूर रहने को कहा है
शेयर बाजार में पिछले 5 दिनों से लगातार तेजी जारी है, लेकिन क्या यह तेजी जारी रहेगी? सेंसेक्स और निफ्टी में इस वित्त वर्ष में कितनी तेजी आ सकती है? कौन-कौन से सेक्टर्स या शेयर हैं, जहां इस साल निवेशकों को पैसा बनता हुआ दिख सकता है? ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म Nomura ने अपनी एक हालिया रिपोर्ट में इन सभी सवालों का जबाव दिया है। नोमुरा ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि मार्च मार्च 2026 तक Nifty कहां पहुंचेगा, और इस साल किन सेक्टर्स और स्टॉक्स में पैसे लगाए जा सकते हैं।
ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म नोमुरा ने अपनी नई रिपोर्ट में निफ्टी के लिए टारगेट घटाया है। ब्रोकरेज ने मार्च 2026 तक के लिए Nifty का नया टारगेट 24,970 रखा है। साथ ही उसने निफ्टी का वैल्यूएशन वित्त वर्ष 2027 के अनुमानित EPS के 19.5 गुना पर रखा है। इससे पहले नोमुरा ने निफ्टी का वैल्यूएशन 18.5 गुना के मल्टीपल पर रखा था, लेकिन अब उसका मानना है कि अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में गिरावट के चलते इक्विटी से जुड़ा रिस्क थोड़ा कम हुआ है और इसी के चलते उसने निफ्टी के वैल्यूएशन में इजाफा किया है।
Nomura का मानना कि निफ्टी अगले एक साल के दौरान अपने एक साल के फॉरवर्ड अर्निंग्स पर 17 से 20 गुना तक के मल्टीपल पर कारोबार करेगा। इसका मतलब है कि निफ्टी का रिटर्न अगले एक साल में -9 पर्सेंट से लेकर +7% के बीच रह सकता है, जो कि इसके वैल्यूएशन पर निर्भर करेगा।
वैसे नोमुरा से पहले कई ब्रोकरेज फर्मों ने पिछले 4-5 महीनों में निफ्टी को लेकर अपने औसत टारगेट प्राइस में कटौती की है। लेकिन नोमुरा को असली चिंता इस बात की है कि, निफ्टी का रिटर्न इस औसत अनुमान से भी कम रह सकता है, खासतौर से अगर GDP के आंकड़ों में नरमी जारी रहती है तो।
शेयर बाजार मानकर चल रहा है कि भारत की रियल GDP ग्रोथ इस वित्त वर्ष में 6.5% रह सकती है। वहीं नोमुरा की इकोनॉमिक्स टीम का मानना है कि असली आंकड़ा 5.8% तक ही सीमित रह सकता है। अगर ऐसा हुआ तो कंपनियों की अर्निंग ग्रोथ में और कटौती देखने को मिल सकती है।
भारत-अमेरिका ट्रेड डील से बाजार का बदल सकता है सेंटीमेंट
ऐसी स्थिति में शेयर बाजार के सामने तेजी के लिए क्या उम्मीदें हैं? नोमुरा ने कहा कि भारतीय शेयर बाजार ने हाल ही में ग्लोबल ट्रेड वार की आशंकाओं के बीच लचीलापन दिखाया है। शेयर बाजार यह उम्मीद कर रहा है कि आने वाले दिनों में अमेरिका का भारत और वियतनाम के साथ ट्रेड समझौता होता हुआ दिख सकता है।
नोमुरा ने कहा कि इस तरह के समझौते में समय लगते हैं, लेकिन ट्रंप ने जिस तरह से टैरिफ पर 90 दिनों का ब्रेक लगाने का ऐलान किया है, उससे समझौते की उम्मीदें बढ़ी हैं। फिर भी यह रास्ता आसान नहीं है और समझौता किस तरह का होगा, इसे लेकर अनिश्चितता अभी भी बरकरार है। ब्रोकरेज ने आने वाले दिनों में दोनों देशों के बीच एक छोटी डील भी शेयर बाजार के सेंटीमेंट को उठाने में काफी मददगार साबित हो सकती है।
इसके अलावा नोमुरा का मानना है कि विदेशी निवेशक जल्द ही वापस भारत का रुख कर सकते हैं, जिससे तेजी को सपोर्ट मिलेगा। नोमुरा ने कहा कि विदेशी निवेशकों ने पिछले कुछ महीनों के दौरान काफी आक्रामक तरीके से बिकवाली की थी, जिसके चलते कई सेगमेंट के वैल्यूएशन अब थोड़े सस्ते दिखने लगे हैं। नोमुरा ने कहा कि अगर कोई बड़ी अप्रत्याशित घटना सामने नहीं आती है, तो विदेशी निवेशकों का
किन सेक्टर्स से रहें दूर, किन पर करें फोकस?
नोमुरा ने निवेशकों को एक बॉटम-अप रणनीति अपनाने की सलाह दी है और ज्यादा वैल्यूएशन वाले शेयरों से साफ तौर से दूर रहने को कहा है। इसकी जगह ब्रोकरेज ने घरेलू डिमांड से चलने वाले सेक्टर्स पर ध्यान देने की सलाह दी है। ब्रोकरेज ने कहा कि इस समय हम कंज्यूमर डिस्क्रेशनरी, ऑटोमोबाइल्स और बैंकिंग एंड फाइनेंशियल्स सेक्टर्स पर सबसे अधिक बुलिश हैं। इसके अलावा टेलीकॉम, पावर, इंटरनेट सेक्टर, रियल एस्टेट और स्थानीय मार्केट पर फोकस करने वाली हेल्थकेयर कंपनियों पर भी हम पॉजिटिव हैं। दूसरी तरफ उसने एक्सपोर्ट थीम पर वाले शेयरों से दूर रहने की सलाह दी है। इसमें उसने आईटी, इंडस्ट्रियल्स, मेटल्स और सीमेंट सेक्टर को रखा है।
नोमुरा ने इन शेयरों पर लगाया दांव
स्टॉक्स की बात करें तो नोमुरा ने लार्जकैप सेगमेंट में 11 शेयरों को चुना है। इसमें एक्सिस बैंक, ICICI बैंक, SBI, बजाज फाइनेंस, गोदरेज कंज्यूमर, महिंद्रा एंड महिंद्रा, लार्सन एंड टुब्रो (L&T), CG पावर, रिलासंय इंडस्ट्रीज, टाटा पावर और मैक्रोटेक डेवलपर्स शामिल हैं। वहीं स्मॉलकैप और मिडकैप सेगमेंट से उसने 8 स्टॉक चुने हैं। इनमें फेडरल बैंक, मैरिको, डिक्सन टेक्नोलॉजीज, ऊनो मिंडा, गोदावरी पावर, मेडप्लस और डॉ लाल पैथलैब्स शामिल हैं।
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