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सीजफायर से विदेशी निवेशकों का बढ़ा भरोसा, खरीद डाले ₹1,246 करोड़ के शेयर

बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की भू-राजनीतिक स्थिति में नियंत्रण और घरेलू आर्थिक मजबूती ने निवेशकों के मनोबल को बनाए रखा है।

भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर के बाद सोमवार को भारतीय शेयर बाजार में विदेशी और घरेलू, दोनों तरह के निवेशकों का मनोबल बढ़ा। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) से मिली अनंतिम जानकारी के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने ₹1,246.48 करोड़ और घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने ₹1,448.37 करोड़ की शुद्ध खरीदारी की।

पिछले हफ्ते कैसा था निवेश का माहौल

बीते सप्ताह बाजार में उतार-चढ़ाव का दौर रहा, जिसमें भू-राजनीतिक घटनाक्रमों और वैश्विक संकेतों ने प्रमुख भूमिका निभाई। 6-7 मई को किए गए गुप्त सैन्य अभियान 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद बाजार में तेजी का रुख देखा गया। इसके अगले दिन, 7 मई को FII ने ₹2,585.86 करोड़ और DII ने ₹2,378.49 करोड़ का निवेश किया।

हालांकि, 9 मई को वैश्विक अनिश्चितताओं के चलते FII ने ₹3,798.71 करोड़ की बिकवाली की। लेकिन, DII ने बाजार को संभालते हुए ₹7,277.74 करोड़ झोंक दिए। वहीं, 8 मई को FII ने ₹2,007.96 करोड़ की खरीदारी की, जबकि DII ने ₹596.25 करोड़ की शुद्ध बिकवाली की।

मई में अब तक FPI निवेश ₹14,167 करोड़ के पार

मई महीने में अब तक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने भारतीय शेयरों में कुल ₹14,167 करोड़ का निवेश किया है, जो घरेलू अर्थव्यवस्था में भरोसे और अनुकूल वैश्विक संकेतों को बताता है।

यह रुझान अप्रैल में शुरू हुआ था, जब तीन महीने की लगातार निकासी के बाद FPI ने ₹4,223 करोड़ का निवेश किया था। इससे पहले मार्च में ₹3,973 करोड़, फरवरी में ₹34,574 करोड़ और जनवरी में ₹78,027 करोड़ की निकासी हुई थी।

शेयर बाजार एक्सपर्ट की क्या है राय

बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की भू-राजनीतिक स्थिति में नियंत्रण और घरेलू आर्थिक मजबूती ने निवेशकों के मनोबल को बनाए रखा है। अमेरिका-चीन व्यापार तनाव जैसे वैश्विक जोखिमों के बावजूद, भारतीय बाजारों में स्थिरता का संकेत मिल रहा है। यही वजह है कि विदेशी निवेशक जमकर खरीदारी कर रहे हैं।

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