एथर एनर्जी का आईपीओ 28 अप्रैल को खुल गया है। यह कंपनी इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स बनाने वाली इंडिया की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है। यह दूसरी इलेक्ट्रिक व्हीलर बनाने वाली कंपनी है, जो स्टॉक मार्केट्स में लिस्ट होने जा रही है। इससे पहले ओला ने पिछले साल आईपीओ पेश किया था। जिन इनवेस्टर्स की इंडिया में तेजी से बढ़ते इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स मार्केट पर दांव लगाने में दिलचस्पी है, उन्हें इस आईपीओ के एनालिसिस से काफी मदद मिल सकती है।
आईपीओ में शेयरों का प्राइस बैंड
Ather Energy ने आईपीओ के लिए प्रति शेयर 304-321 रुपये का प्राइस बैंड तय किया है। इस प्राइस बैंड की ऊपरी कीमत पर कंपनी का मार्केट कैपिटलाइजेशन 11,955 करोड़ रुपये होगा। एथर एनर्जी के प्रोडक्ट्स की प्राइसिंग काफी प्रीमियम लेवल पर है। अभी कंपनी की दो प्रोडक्ट लाइंस हैं-Ather 450 लाइन और Ather Rizta लाइन। ये दोनों प्रोडक्ट्स लाइंस ऐसे ग्राहकों के लिए जो अपने परिवार के लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल्स स्कूटर खरीदना चाहते हैं।
IPO के पैसे से उत्पादन क्षमता बढ़ाने का प्लान
एथर एनर्जी आईपीओ से आने वाले पैसे का इस्तेमाल अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए करेगी। फेज 2 पूरा होने के बाद कंपनी की उत्पादन क्षमता 14.2 लाख यूनिट्स हो जाएगी। खास बात यह है कि इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स में कई इनोवेशन का श्रेय Ather Energy को जाता है। इनमें नेविगेशन के साथ टचस्क्रीन डैशबोर्ड, 3G SIM कनेक्टिविटी, एल्युमीनियम चेसिस, फास्ट चार्जिंग और गाइड-मी-होम लाइट्स शामिल हैं। एथर एनर्जी इंडिया में पहली कंपनी है, जिसने Ather Grid नाम से फास्ट-चार्जिंग नेटवर्क बनाया था।
इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स में एथर ने किए कई इनोवेशन
एथर के सॉफ्टवेयर में ओवर-द-एयर अपडेट्स और राइड स्टैटिस्टिक्स जैसे फीचर शामिल हैं। इसके अलावा एथर पहली कंपनी थी, जिसने इंडिया में हाई-स्पीड इलेक्ट्रिक स्कूटर (80 किमी प्रति घंटा) लॉन्च किया था। इसने Halo नाम से स्मार्ट हैलमेंट भी पेश किया था। यह कंपनी रिसर्च एंड डेवलपमेंट (R&D) में बड़ा निवेश कर रही है। ईवी मार्केट में अपनी मजबूत पैठ बनाए रखने के लिए यह जरूरी है। इसकी वजह यह है कि Ola, Okinawa और Ampere जैसी कंपनियों के मार्केट में आने से प्रतिस्पर्धा काफी बढ़ गई है।
क्या आपको निवेश करना चाहिए?
अगर इस इश्यू की वैल्यूएशन की बात करें तो FY27 के अनुमानित मार्केट कैपिटलाइजेशन और सेल्स के रेशिया का यह 5.3 गुना है। यह दूसरी कंपनियों के मुकाबले ज्यादा है। मार्केट में ज्यादा कॉम्पटिशन और अनिश्चित ऑर्डरबुक को देखते हुए यह आईपीओ अट्रैक्टिव नहीं दिख रहा है। यह निवेश एक ऐसे स्टार्टअप पर दांव लगाने के जैसा है, जिसके साथ काफी रिस्क जुड़ा हुआ है। इसलिए निवेशकों को इस आईपीओ में निवेश करने से पहले ठीक तरह से विचार कर लेने की जरूरत है।
ओला के शेयरों का कमजोर प्रदर्शन
Ola Electric ने पिछले साल अगस्त में आईपीओ पेश किया था। कंपनी ने ग्राहकों को प्रति शेयर 76 रुपये की कीमत पर शेयर एलॉट किया था। 28 अप्रैल को कंपनी का शेयर 49.86 रुपये पर चल रहा था। इसका मतलब है कि ओला के शेयरों ने निवेशकों का पैसा डुबाया है। यह तब है जब ओला सेल्स के लिहाज से इंडिया की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक टू-व्हीलकर कंपनी है।
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