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Hajj 2025: हज 2025 की हुई शुरुआत! मक्का में उमड़ी जायरीनों की भीड़, जानें कितने भारतीय पहुंचे

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हज 2025 की शुरुआत 4 जून से मक्का में हो चुकी है. जानिए इसका धार्मिक महत्व, इतिहास, भारत से जायरीन की भागीदारी और सऊदी नियमों के बारे में विस्तार से.

By : एबीपी लाइव  | Updated at : 05 Jun 2025 01:28 PM (IST)

हज 2025 की शुरुआत 4 जून से मक्का में हो चुकी है. जानिए इसका धार्मिक महत्व, इतिहास, भारत से जायरीन की भागीदारी और सऊदी नियमों के बारे में विस्तार से.

628 ईस्वी में पहली हज या की शुरुआत हुई थी. 632 ईस्वी में हज के आधुनिक स्वरूप को स्थापित किया गया, जो आज भी मुस्लिम मानते हैं.

सऊदी अरब में 4 जून से हज यात्रा की शुरुआत हो चुकी है. इसके लिए रविवार तक 14 लाख रजिस्टर्ड तीर्थयात्री मक्का पहुंच चुके हैं, जबकि लाखों लोगों का आना बाकी है.

सऊदी अरब में 4 जून से हज यात्रा की शुरुआत हो चुकी है. इसके लिए रविवार तक 14 लाख रजिस्टर्ड तीर्थयात्री मक्का पहुंच चुके हैं, जबकि लाखों लोगों का आना बाकी है.

इस साल भारत से लगभग 1.75 लाख लोग मक्का पहुंचेंगे. इस साल हज करने के लिए दुनियाभर से 15 लाख से ज्यादा जायरीन सऊदी अरब पहुंचे हैं. सरकार के एक प्रवक्ता ने बुधवार (4 जून) को यह जानकारी दी.

इस साल भारत से लगभग 1.75 लाख लोग मक्का पहुंचेंगे. इस साल हज करने के लिए दुनियाभर से 15 लाख से ज्यादा जायरीन सऊदी अरब पहुंचे हैं. सरकार के एक प्रवक्ता ने बुधवार (4 जून) को यह जानकारी दी.

पिछले साल दुनियाभर के 16 लाख से ज्यादा मुस्लिमों ने हज किया था. यह यात्रा इस्लामी कैलेंडर के 12वें महीने जिल-हिज्जा की 8वीं से 12वीं तारीख (2025 में 4-9 जून) के बीच होती है.

पिछले साल दुनियाभर के 16 लाख से ज्यादा मुस्लिमों ने हज किया था. यह यात्रा इस्लामी कैलेंडर के 12वें महीने जिल-हिज्जा की 8वीं से 12वीं तारीख (2025 में 4-9 जून) के बीच होती है.

हज इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक है और आर्थिक एवं शारीरिक तौर पर सक्षम मुस्लिम के लिए यह जरूरी माना जाता है कि वह जीवन में कम से कम एक बार हज करें.

हज इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक है और आर्थिक एवं शारीरिक तौर पर सक्षम मुस्लिम के लिए यह जरूरी माना जाता है कि वह जीवन में कम से कम एक बार हज करें.

हज मुसलमानों का एक आध्यात्मिक और अनिवार्य धार्मिक कर्तव्य है. हर वो मुस्लिम जो शारीरिक, आर्थिक और मानसिक तौर पर सक्षम और स्वस्थ है.

हज मुसलमानों का एक आध्यात्मिक और अनिवार्य धार्मिक कर्तव्य है. हर वो मुस्लिम जो शारीरिक, आर्थिक और मानसिक तौर पर सक्षम और स्वस्थ है.

हज मुसलमानों के लिए अपने जीवन में कम से कम एक बार हज करना अनिवार्य है. हर साल दुनिया भर से लगभग 25 लाख मुस्लिम इस पवित्र यात्रा में शामिल होते हैं.

हज मुसलमानों के लिए अपने जीवन में कम से कम एक बार हज करना अनिवार्य है. हर साल दुनिया भर से लगभग 25 लाख मुस्लिम इस पवित्र यात्रा में शामिल होते हैं.

हज के दौरान मुस्लिम काबा (बैतुल्लाह) की परिक्रमा करते हैं और अल्लाह की इबादत में समय बिताते हैं. हज मुस्लिमों के लिए पापों से मुक्ति, आध्यात्मिक शुद्धि और अल्लाह के करीब आने का मौका है.

हज के दौरान मुस्लिम काबा (बैतुल्लाह) की परिक्रमा करते हैं और अल्लाह की इबादत में समय बिताते हैं. हज मुस्लिमों के लिए पापों से मुक्ति, आध्यात्मिक शुद्धि और अल्लाह के करीब आने का मौका है.

हज की शुरुआत पैगंबर इब्राहिम के समय से मानी जाती है. माना जाता है कि इब्राहिम और उनके बेटे इस्माइल ने अल्लाह के आदेश पर काबा का निर्माण किया था.

हज की शुरुआत पैगंबर इब्राहिम के समय से मानी जाती है. माना जाता है कि इब्राहिम और उनके बेटे इस्माइल ने अल्लाह के आदेश पर काबा का निर्माण किया था.

Published at : 05 Jun 2025 01:26 PM (IST)

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