2 दिन पहले 3

Hajj 2025: हज यात्रा के दूसरे दिन का क्या है महत्व? किसे कहते हैं वुक़ूफ-ए-अराफात, जानें जरूरी बात

हिंदी न्यूज़फोटो गैलरीविश्वHajj 2025: हज यात्रा के दूसरे दिन का क्या है महत्व? किसे कहते हैं वुक़ूफ-ए-अराफात, जानें जरूरी बात

हज के दूसरे दिन वुकूफ ए अराफात में दुआ और इबादत का विशेष महत्व होता है. यह हज के लिए अनिवार्य है, जिसे किए बिना हज अधूरा माना जाता है. जानिए अराफात और मुजदलिफा के रिवाजों का आध्यात्मिक पक्ष.

By : एबीपी लाइव  | Updated at : 05 Jun 2025 02:11 PM (IST)

हज के दूसरे दिन वुकूफ ए अराफात में दुआ और इबादत का विशेष महत्व होता है. यह हज के लिए अनिवार्य है, जिसे किए बिना हज अधूरा माना जाता है. जानिए अराफात और मुजदलिफा के रिवाजों का आध्यात्मिक पक्ष.

अराफात का मैदान जहां एक ओर पैगंबर की आखिरी तकरीर का साक्षी रहा, वहीं आज भी वह करोड़ों दिलों के सच्चे इरादों की गवाही देता है.

हज यात्रा का दूसरा दिन, जिसे वुक़ूफ-ए-अराफात कहा जाता है. ये हज का सबसे महत्वपूर्ण रिवाज माना जाता है. अगर कोई हाजी इस दिन मैदान-ए-अराफात में उपस्थित नहीं होता तो उसका हज अधूरा और अमान्य माना जाता है.

हज यात्रा का दूसरा दिन, जिसे वुक़ूफ-ए-अराफात कहा जाता है. ये हज का सबसे महत्वपूर्ण रिवाज माना जाता है. अगर कोई हाजी इस दिन मैदान-ए-अराफात में उपस्थित नहीं होता तो उसका हज अधूरा और अमान्य माना जाता है.

वुक़ूफ-ए-अराफात के दिन मक्का से लगभग 20 किमी दूर स्थित अराफात के मैदान में दोपहर से सूर्यास्त तक पहुंचते हैं लोग. इस दौरान लाखों हाजी दुनिया की हर भाषा में हर दिल से अल्लाह से अपनी गलतियों की माफी मांगते हैं.

वुक़ूफ-ए-अराफात के दिन मक्का से लगभग 20 किमी दूर स्थित अराफात के मैदान में दोपहर से सूर्यास्त तक पहुंचते हैं लोग. इस दौरान लाखों हाजी दुनिया की हर भाषा में हर दिल से अल्लाह से अपनी गलतियों की माफी मांगते हैं.

अराफात के मैदान में ही पैगंबर मोहम्मद (सल्ल.) ने 632 ईस्वी में अपनी आखिरी खुत्बा (तकरीर) दी थी, जिसे खुत्बा-ए-हज्जतुल विदा कहा जाता है. यह तकरीर मानवाधिकारों, समानता, नारी-सम्मान और न्याय का मूल मंत्र मानी जाती है.

अराफात के मैदान में ही पैगंबर मोहम्मद (सल्ल.) ने 632 ईस्वी में अपनी आखिरी खुत्बा (तकरीर) दी थी, जिसे खुत्बा-ए-हज्जतुल विदा कहा जाता है. यह तकरीर मानवाधिकारों, समानता, नारी-सम्मान और न्याय का मूल मंत्र मानी जाती है.

अराफात से चलते हैं मिना के रास्ते मुजदलिफा की ओर जातें हैं. वहीं खुले आसमान के नीचे रात बिताते हैं, जो पूरी विनम्रता, साधना और समर्पण का प्रतीक है.

अराफात से चलते हैं मिना के रास्ते मुजदलिफा की ओर जातें हैं. वहीं खुले आसमान के नीचे रात बिताते हैं, जो पूरी विनम्रता, साधना और समर्पण का प्रतीक है.

हाजी यहीं से 49 या 70 कंकड़ (पत्थर) जमा करते हैं. इन पत्थरों का उपयोग अगले दिन रमी-जमरात के लिए किया जाएगा, जहां प्रतीकात्मक रूप से शैतान पर कंकड़ मारे जाते हैं. पत्थरों की संख्या इस बात पर निर्भर करती है कि हाजी मिना में एक दिन रुकेंगे या तीन दिन. प्रतीक है.

हाजी यहीं से 49 या 70 कंकड़ (पत्थर) जमा करते हैं. इन पत्थरों का उपयोग अगले दिन रमी-जमरात के लिए किया जाएगा, जहां प्रतीकात्मक रूप से शैतान पर कंकड़ मारे जाते हैं. पत्थरों की संख्या इस बात पर निर्भर करती है कि हाजी मिना में एक दिन रुकेंगे या तीन दिन. प्रतीक है.

हज का दूसरा दिन, जिसमें अराफात की उपस्थिति और मुजदलिफा की रात शामिल है, मानव आत्मा और परमात्मा के बीच सबसे करीबी संवाद का प्रतीक है.

हज का दूसरा दिन, जिसमें अराफात की उपस्थिति और मुजदलिफा की रात शामिल है, मानव आत्मा और परमात्मा के बीच सबसे करीबी संवाद का प्रतीक है.

सऊदी अरब के हज मंत्रालय और कई देशों की सरकारों ने भीड़ को कंट्रोल करने के लिए नियम बनाया है कि एक इंसान पांच साल में सिर्फ एक बार हज कर सकता है.

सऊदी अरब के हज मंत्रालय और कई देशों की सरकारों ने भीड़ को कंट्रोल करने के लिए नियम बनाया है कि एक इंसान पांच साल में सिर्फ एक बार हज कर सकता है.

सऊदी अरब में रहने वाले लोगों पर 5 साल का नियम उतनी सख्ती से लागू नहीं होता है, लेकिन उन्हें भी हज के लिए आधिकारिक परमिशन लेनी होती है.

सऊदी अरब में रहने वाले लोगों पर 5 साल का नियम उतनी सख्ती से लागू नहीं होता है, लेकिन उन्हें भी हज के लिए आधिकारिक परमिशन लेनी होती है.

Published at : 05 Jun 2025 02:11 PM (IST)

Sponsored Links by Taboola

 पाकिस्तान ने कर दी बहुत बड़ी गलती, भारत को मिलेगा फायदा, खुल गया PoK के चुंब को भारत में मिलाने का रास्ता

पाकिस्तान ने कर दी बहुत बड़ी गलती, भारत को मिलेगा फायदा, खुल गया PoK के चुंब को भारत में मिलाने का रास्ता

निचली अदालत और हाईकोर्ट ने ठहराया था दोस्त का हत्यारा, सुप्रीम कोर्ट ने कर दिया बरी, पढे़ं 15 साल पुराने मामले का दिलचस्प फैसला

निचली अदालत और हाईकोर्ट ने ठहराया था दोस्त का हत्यारा, सुप्रीम कोर्ट ने कर दिया बरी, पढे़ं 15 साल पुराने मामले का दिलचस्प फैसला

उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड

मायावती के पुराने भरोसेमंद को साथ लाएंगे चंद्रशेखर आजाद? इस तस्वीर ने मचाई सियासी हलचल

मायावती के पुराने भरोसेमंद को साथ लाएंगे चंद्रशेखर आजाद? इस तस्वीर ने मचाई सियासी हलचल

 सलमान की ‘सिकंदर’ का आोटीटी पर जलवा, टॉप 10 फिल्मों की लिस्ट जान लें

सलमान की ‘सिकंदर’ का आोटीटी पर जलवा, नेटफ्लिक्स पर टॉप 10 फिल्मों की लिस्ट जान लें

ABP Premium

History की किताबों में जो दिखाया गया है वो है सच या पीछे छिपे हैं कई राज Ayodhya में आज Ram Mandir के प्रथम तल पर Ram Darbar की प्राण प्रतिष्ठा Government Manufactured भगदड़? CM-DCM से इस्तीफ़े की मांग 11 मौतों का जिम्मेदार कौन? Karnataka सरकार निशाने पर!

मोहन यादव

मोहन यादवमुख्यमंत्री, मध्य प्रदेश

पूरा लेख पढ़ें

ट्विटर से

टिप्पणियाँ